5 इसराईल के बादशाह ने 400 नबियों को बुलाकर उनसे पूछा, “क्या हम रामात-जिलियाद पर हमला करें या मैं इस इरादे से बाज़ रहूँ?” नबियों ने जवाब दिया, “जी, करें, क्योंकि अल्लाह उसे बादशाह के हवाले कर देगा।”
5 شاہِ اِسرائیل نے نبیوں کو جمع کیا جو تعداد میں چار سَو آدمی تھے اَور اُن سے پُوچھا، ”کیا میں راموتؔ گِلعادؔ سے جنگ کرنے جاؤں یا نہ جاؤں؟“ اُنہُوں نے جَواب دیا، ”ضروُر جاؤ کیونکہ خُدا اُسے بادشاہ کے قبضے میں کر دیں گے۔“
5 تب شاہِ اِسرائیل نے نبِیوں کو جو چار سَو مَرد تھے اِکٹّھا کِیا اور اُن سے پُوچھا ہم راماوت جِلعاؔد کو جنگ کے لِئے جائیں یا مَیں باز رہُوں؟ اُنہوں نے کہا چڑھائی کر کیونکہ خُدا اُسے بادشاہ کے قبضہ میں کر دے گا۔
5 اسرائیل کے بادشاہ نے 400 نبیوں کو بُلا کر اُن سے پوچھا، ”کیا ہم رامات جِلعاد پر حملہ کریں یا مَیں اِس ارادے سے باز رہوں؟“ نبیوں نے جواب دیا، ”جی، کریں، کیونکہ اللہ اُسے بادشاہ کے حوالے کر دے گا۔“
लेकिन हैवान को गिरिफ़्तार किया गया। उसके साथ उस झूटे नबी को भी गिरिफ़्तार किया गया जिसने हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाए थे। इन मोजिज़ों के वसीले से उसने उनको फ़रेब दिया था जिन्हें हैवान का निशान मिल गया था और जो उसके मुजस्समे को सिजदा करते थे। दोनों को जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील में फेंका गया।
क्योंकि एक वक़्त आएगा जब लोग सेहतबख़्श तालीम बरदाश्त नहीं करेंगे बल्कि अपने पास अपनी बुरी ख़ाहिशात से मुताबिक़त रखनेवाले उस्तादों का ढेर लगा लेंगे। यह उस्ताद उन्हें सिर्फ़ दिल बहलानेवाली बातें सुनाएँगे, सिर्फ़ वह कुछ जो वह सुनना चाहते हैं।
यरूशलम के बुज़ुर्ग अदालत करते वक़्त रिश्वत लेते हैं। उसके इमाम तालीम देते हैं लेकिन सिर्फ़ कुछ मिलने के लिए। उसके नबी पेशगोई सुना देते हैं लेकिन सिर्फ़ पैसों के मुआवज़े में। ताहम यह लोग रब पर इनहिसार करके कहते हैं, “हम पर आफ़त आ ही नहीं सकती, क्योंकि रब हमारे दरमियान है।”
तुमने अपने झूट से रास्तबाज़ों को दुख पहुँचाया, हालाँकि यह दुख मेरी तरफ़ से नहीं था। साथ साथ तुमने बेदीनों की हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह अपनी बुरी राहों से बाज़ न आएँ, हालाँकि वह बाज़ आने से बच जाते।
आपने अपने आपको सख़्त धोका दिया है। क्योंकि आप ही ने मुझे रब अपने ख़ुदा के पास भेजकर कहा, ‘रब हमारे ख़ुदा से हमारे लिए दुआ करें। जो भी वह फ़रमाए वह हमें बताएँ तो हम उस पर अमल करेंगे।’
जो मुझे हक़ीर जानते हैं उन्हें वह बताते रहते हैं, ‘रब फ़रमाता है कि हालात सहीह-सलामत रहेंगे।’ जो अपने दिलों की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते हैं, उन सबको वह तसल्ली देकर कहते हैं, ‘तुम पर आफ़त नहीं आएगी।’
लेकिन जो कुछ मुझे यरूशलम के नबियों में नज़र आता है वह उतना ही घिनौना है। वह ज़िना करते और झूट के पैरोकार हैं। साथ साथ वह बदकारों की हौसलाअफ़्ज़ाई भी करते हैं, और नतीजे में कोई भी अपनी बदी से बाज़ नहीं आता। मेरी नज़र में वह सब सदूम की मानिंद हैं। हाँ, यरूशलम के बाशिंदे अमूरा के बराबर हैं।”
जब मीकायाह अख़ियब के सामने खड़ा हुआ तो बादशाह ने पूछा, “मीकायाह, क्या हम रामात-जिलियाद पर हमला करें या मैं इस इरादे से बाज़ रहूँ?” मीकायाह ने जवाब दिया, “उस पर हमला करें, क्योंकि उन्हें आपके हवाले कर दिया जाएगा, और आपको कामयाबी हासिल होगी।”
लेकिन इलीशा ने इसराईल के बादशाह से कहा, “मेरा आपके साथ क्या वास्ता? अगर कोई बात हो तो अपने माँ-बाप के नबियों के पास जाएँ।” इसराईल के बादशाह ने जवाब दिया, “नहीं, हम इसलिए यहाँ आए हैं कि रब ही हम तीनों को यहाँ बुला लाया है ताकि हमें मोआब के हवाले करे।”
अब मैं आपको चैलेंज देता हूँ, तमाम इसराईल को बुलाकर करमिल पहाड़ पर जमा करें। साथ साथ बाल देवता के 450 नबियों को और ईज़बिल की मेज़ पर शरीक होनेवाले यसीरत देवी के 400 नबियों को भी बुलाएँ।”
बिन-जबर : जिलियाद में रामात का इलाक़ा बशमूल याईर बिन मनस्सी की बस्तियाँ, फिर बसन में अरजूब का इलाक़ा। इसमें 60 ऐसे फ़सीलदार शहर शामिल थे जिनके दरवाज़ों पर पीतल के कुंडे लगे थे,
रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “नबियों की पेशगोइयों पर ध्यान मत देना। वह तुम्हें फ़रेब दे रहे हैं। क्योंकि वह रब का कलाम नहीं सुनाते बल्कि महज़ अपने दिल में से उभरनेवाली रोया पेश करते हैं।