7 अपनी हुकूमत के तीसरे साल के दौरान यहूसफ़त ने अपने मुलाज़िमों को यहूदाह के तमाम शहरों में भेजा ताकि वह लोगों को रब की शरीअत की तालीम दें। इन अफ़सरों में बिन-ख़ैल, अबदियाह, ज़करियाह, नतनियेल और मीकायाह शामिल थे।
7 یہوشافاطؔ کے دَورِ حُکومت کے تیسرے سال میں اُس نے اَپنے اہلکاروں میں سے بِن خیلؔ، عبدیاہؔ، زکریاؔہ، نتنی ایل اَور میکایاہؔ کو یہُودیؔہ کے شہروں میں تعلیم دینے کے لیٔے بھیجا۔
7 اور اپنی سلطنت کے تِیسرے برس اُس نے بِن خیل اور عبدؔیاہ اور زکرؔیاہ اور نتنئیل اور مِیکاؔیاہ کو جو اُس کے اُمرا تھے یہُوداؔہ کے شہروں میں تعلِیم دینے کو بھیجا۔
7 اپنی حکومت کے تیسرے سال کے دوران یہوسفط نے اپنے ملازموں کو یہوداہ کے تمام شہروں میں بھیجا تاکہ وہ لوگوں کو رب کی شریعت کی تعلیم دیں۔ اِن افسروں میں بن خیل، عبدیاہ، زکریاہ، نتنی ایل اور میکایاہ شامل تھے۔
लावियों को तमाम इसराईलियों को शरीअत की तालीम देने की ज़िम्मादारी दी गई थी, और साथ साथ उन्हें रब की ख़िदमत के लिए मख़सूस किया गया था। उनसे यूसियाह ने कहा, “मुक़द्दस संदूक़ को उस इमारत में रखें जो इसराईल के बादशाह दाऊद के बेटे सुलेमान ने तामीर किया। उसे अपने कंधों पर उठाकर इधर-उधर ले जाने की ज़रूरत नहीं है बल्कि अब से अपना वक़्त रब अपने ख़ुदा और उस की क़ौम इसराईल की ख़िदमत में सर्फ़ करें।
और ईसा गलील के पूरे इलाक़े में फिरता रहा। जहाँ भी वह जाता वह यहूदी इबादतख़ानों में तालीम देता, बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाता और हर क़िस्म की बीमारी और अलालत से शफ़ा देता था।
बादशाह तेरे बच्चों की देख-भाल करेंगे, और रानियाँ उनकी दाइयाँ होंगी। वह मुँह के बल झुककर तेरे पाँवों की ख़ाक चाटेंगे। तब तू जान लेगी कि मैं ही रब हूँ, कि जो भी मुझसे उम्मीद रखे वह कभी शरमिंदा नहीं होगा।”
तीन घंटे वह खड़े रहे, और उस दौरान रब उनके ख़ुदा की शरीअत की तिलावत की गई। फिर वह रब अपने ख़ुदा के सामने मुँह के बल झुककर मज़ीद तीन घंटे अपने गुनाहों का इक़रार करते रहे।
लावियों ने रब की ख़िदमत करते वक़्त बड़ी समझदारी दिखाई, और हिज़क़ियाह ने इसमें उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की। पूरे हफ़ते के दौरान इसराईली रब को सलामती की क़ुरबानियाँ पेश करके क़ुरबानी का अपना हिस्सा खाते और रब अपने बापदादा के ख़ुदा की तमजीद करते रहे।
मैंने तुम्हें तमाम अहकाम यों सिखा दिए हैं जिस तरह रब मेरे ख़ुदा ने मुझे बताया। क्योंकि लाज़िम है कि तुम उस मुल्क में इनके ताबे रहो जिस पर तुम क़ब्ज़ा करनेवाले हो।
ऐ अज़रा, जो हिकमत आपके ख़ुदा ने आपको अता की है उसके मुताबिक़ मजिस्ट्रेट और क़ाज़ी मुक़र्रर करें जो आपकी क़ौम के उन लोगों का इनसाफ़ करें जो दरियाए-फ़ुरात के मग़रिब में रहते हैं। जितने भी आपके ख़ुदा के अहकाम जानते हैं वह इसमें शामिल हैं। और जितने इन अहकाम से वाक़िफ़ नहीं हैं उन्हें आपको तालीम देनी है।