बैतेल में अब तक ऊँची जगह पर वह मंदिर और क़ुरबानगाह पड़ी थी जो यरुबियाम बिन नबात ने तामीर की थी। यरुबियाम ही ने इसराईल को गुनाह करने पर उकसाया था। जब यूसियाह ने देखा कि जिस पहाड़ पर क़ुरबानगाह है उस की ढलानों पर बहुत-सी क़ब्रें हैं तो उसने हुक्म दिया कि उनकी हड्डियाँ निकालकर क़ुरबानगाह पर जला दी जाएँ। यों क़ुरबानगाह की बेहुरमती बिलकुल उसी तरह हुई जिस तरह रब ने मर्दे-ख़ुदा की मारिफ़त फ़रमाया था। इसके बाद यूसियाह ने मंदिर और क़ुरबानगाह को गिरा दिया। उसने यसीरत देवी का मुजस्समा कूट कूटकर आख़िर में सब कुछ जला दिया।
