Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۲-توارِیخ 13:9 - किताबे-मुक़द्दस

9 लेकिन आपने रब के इमामों यानी हारून की औलाद को लावियों समेत मुल्क से निकालकर उनकी जगह ऐसे पुजारी ख़िदमत के लिए मुक़र्रर किए जैसे बुतपरस्त क़ौमों में पाए जाते हैं। जो भी चाहता है कि उसे मख़सूस करके इमाम बनाया जाए उसे सिर्फ़ एक जवान बैल और सात मेंढे पेश करने की ज़रूरत है। यह इन नाम-निहाद ख़ुदाओं का पुजारी बनने के लिए काफ़ी है।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

9 لیکن کیا تُم نے اَہرونؔ کے بیٹوں اَور لیویوں کو جو یَاہوِہ کے کاہِنؔ تھے نکال نہیں دیا تھا اَور دیگر ممالک کی اَقوام کی طرح اَپنے لیٔے کاہِنؔ مُقرّر نہیں کئے تھے؟ جو کویٔی بھی اَپنی تقدیس کرنے کے لیٔے ایک بچھڑا اَور سات مینڈھے لے کر آیا اُن معبُودوں کا کاہِنؔ بنا دیا گیا جو حقیقت میں معبُود نہیں تھے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

9 کیا تُم نے ہارُونؔ کے بیٹوں اور لاویوں کو جو خُداوند کے کاہِن تھے خارِج نہیں کِیا اور اَور مُلکوں کی قَوموں کے طرِیقہ پر اپنے لِئے کاہِن مُقرّر نہیں کِئے؟ اَیسا کہ جو کوئی ایک بچھڑا اور سات مینڈھے لے کر اپنی تقدِیس کرنے آئے وہ اُن کا جو حقِیقت میں خُدا نہیں ہیں کاہِن ہو سکے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

9 لیکن آپ نے رب کے اماموں یعنی ہارون کی اولاد کو لاویوں سمیت ملک سے نکال کر اُن کی جگہ ایسے پجاری خدمت کے لئے مقرر کئے جیسے بُت پرست قوموں میں پائے جاتے ہیں۔ جو بھی چاہتا ہے کہ اُسے مخصوص کر کے امام بنایا جائے اُسے صرف ایک جوان بَیل اور سات مینڈھے پیش کرنے کی ضرورت ہے۔ یہ اِن نام نہاد خداؤں کا پجاری بننے کے لئے کافی ہے۔

باب دیکھیں کاپی




۲-توارِیخ 13:9
19 حوالہ جات  

क्या किसी क़ौम ने कभी अपने देवताओं को तबदील किया, गो वह हक़ीक़त में ख़ुदा नहीं हैं? हरगिज़ नहीं! लेकिन मेरी क़ौम अपनी शानो-शौकत के ख़ुदा को छोड़कर बेफ़ायदा बुतों की पूजा करने लगी है।”


जब तू हारून और उसके बेटों को इमाम मुक़र्रर करेगा तो ऐन मेरी हिदायत पर अमल करना। यह तक़रीब सात दिन तक मनाई जाए।


माज़ी में जब आप अल्लाह को नहीं जानते थे तो आप उनके ग़ुलाम थे जो हक़ीक़त में ख़ुदा नहीं हैं।


आपने यह भी देख और सुन लिया है कि इस आदमी पौलुस ने न सिर्फ़ इफ़िसुस बल्कि तक़रीबन पूरे सूबा आसिया में बहुत-से लोगों को भटकाकर क़ायल कर लिया है कि हाथों के बने देवता हक़ीक़त में देवता नहीं होते।


ऐ इसराईल, जिस बछड़े की पूजा तू करता है उसे दस्तकार ही ने बनाया है। सामरिया का बछड़ा ख़ुदा नहीं है बल्कि पाश पाश हो जाएगा।


“मैं तुझे कैसे मुआफ़ करूँ? तेरी औलाद ने मुझे तर्क करके उनकी क़सम खाई है जो ख़ुदा नहीं हैं। गो मैंने उनकी हर ज़रूरत पूरी की तो भी उन्होंने ज़िना किया, चकले के सामने उनकी लंबी क़तारें लगी रहीं।


कुछ कारीगरों के बाक़ी कामों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। अब मैं आपसे पूछता हूँ, आज कौन मेरी तरह ख़ुशी से रब के काम के लिए कुछ देने को तैयार है?”


वह तो उनके बुतों को आग में फेंककर भस्म कर सकते थे, क्योंकि वह ज़िंदा नहीं बल्कि सिर्फ़ इनसान के हाथों से बने हुए लकड़ी और पत्थर के बुत थे।


इन वाक़ियात के बावुजूद यरुबियाम अपनी शरीर हरकतों से बाज़ न आया। आम लोगों को इमाम बनाने का सिलसिला जारी रहा। जो कोई भी इमाम बनना चाहता उसे वह ऊँची जगहों के मंदिरों में ख़िदमत करने के लिए मख़सूस करता था।


उन्होंने बदरूहों को क़ुरबानियाँ पेश कीं जो ख़ुदा नहीं हैं, ऐसे माबूदों को जिनसे न वह और न उनके बापदादा वाक़िफ़ थे, क्योंकि वह थोड़ी देर पहले वुजूद में आए थे।


इस दिन इमामे-आज़म तुम्हारा कफ़्फ़ारा दे, वह इमाम जिसे उसके बाप की जगह मसह किया गया और इख़्तियार दिया गया है। वह कतान के मुक़द्दस कपड़े पहनकर


“हारून और उसके बेटों को मेरे हुज़ूर ले आना। नीज़ इमामों के लिबास, मसह का तेल, गुनाह की क़ुरबानी के लिए जवान बैल, दो मेंढे और बेख़मीरी रोटियों की टोकरी ले आना।


यह देखकर मूसा ने लावियों से कहा, “आज अपने आपको मक़दिस में रब की ख़िदमत करने के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस करो, क्योंकि तुम अपने बेटों और भाइयों के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए तैयार थे। इसलिए रब तुमको आज बरकत देगा।”


इमामों को मक़दिस में मेरी ख़िदमत के लिए मख़सूस करने का यह तरीक़ा है : एक जवान बैल और दो बेऐब मेंढे चुन लेना।


जब हारून फ़ौत हो जाएगा तो उसके मुक़द्दस लिबास उस की औलाद में से उस मर्द को देने हैं जिसे मसह करके हारून की जगह मुक़र्रर किया जाएगा।


लेकिन जहाँ तक हमारा ताल्लुक़ है रब ही हमारा ख़ुदा है। हमने उसे तर्क नहीं किया। सिर्फ़ हारून की औलाद ही हमारे इमाम हैं। सिर्फ़ यह और लावी रब की ख़िदमत करते हैं।


फिर हिज़क़ियाह लोगों से मुख़ातिब हुआ, “आज आपने अपने आपको रब के लिए वक़्फ़ कर दिया है। अब वह कुछ रब के घर के पास ले आएँ जो आप ज़बह और सलामती की क़ुरबानी के तौर पर पेश करना चाहते हैं।” तब लोग ज़बह और सलामती की अपनी क़ुरबानियाँ ले आए। नीज़, जिसका भी दिल चाहता था वह भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ लाया।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات