दाऊद का ज़बूर। हिकमत का यह गीत तारदार साज़ों के साथ गाना है। यह उस वक़्त से मुताल्लिक़ है जब ज़ीफ़ के बाशिंदों ने साऊल के पास जाकर कहा, “दाऊद हमारे पास छुपा हुआ है।” ऐ अल्लाह, अपने नाम के ज़रीए से मुझे छुटकारा दे! अपनी क़ुदरत के ज़रीए से मेरा इनसाफ़ कर!
दश्ते-ज़ीफ़ में आबाद कुछ लोग साऊल के पास आ गए जो उस वक़्त जिबिया में था। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि दाऊद कहाँ छुप गया है। वह होरिश के पहाड़ी क़िलों में है, उस पहाड़ी पर जिसका नाम हकीला है और जो यशीमोन के जुनूब में है।
अब दाऊद बयाबान के पहाड़ी क़िलों और दश्ते-ज़ीफ़ के पहाड़ी इलाक़े में रहने लगा। साऊल तो मुसलसल उसका खोज लगाता रहा, लेकिन अल्लाह हमेशा दाऊद को साऊल के हाथ से बचाता रहा।
आसा की फ़ौज में बड़ी ढालों और नेज़ों से लैस यहूदाह के 3,00,000 अफ़राद थे। इसके अलावा छोटी ढालों और कमानों से मुसल्लह बिनयमीन के 2,80,000 अफ़राद थे। सब तजरबाकार फ़ौजी थे।
तो मरेसा का रहनेवाला इलियज़र बिन दूदावाहू ने यहूसफ़त के ख़िलाफ़ पेशगोई की, “चूँकि आप अख़ज़ियाह के साथ मुत्तहिद हो गए हैं इसलिए रब आपका काम तबाह कर देगा!” और वाक़ई, यह जहाज़ कभी अपनी मनज़िले-मक़सूद तरसीस तक पहुँच न सके, क्योंकि वह पहले ही टुकड़े टुकड़े हो गए।
उज़्ज़ियाह ने फ़िलिस्तियों से जंग करके जात, यबना और अशदूद की फ़सीलों को ढा दिया। दीगर कई शहरों को उसने नए सिरे से तामीर किया जो अशदूद के क़रीब और फ़िलिस्तियों के बाक़ी इलाक़े में थे।