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۱-تیمتھیس 5:17 - किताबे-मुक़द्दस

17 जो बुज़ुर्ग जमात को अच्छी तरह सँभालते हैं उन्हें दुगनी इज़्ज़त के लायक़ समझा जाए। मैं ख़ासकर उनकी बात कर रहा हूँ जो पाक कलाम सुनाने और तालीम देने में मेहनत-मशक़्क़त करते हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

17 جو بُزرگ جماعت کی رہنمائی کا کام اَچھّی طرح سے کرتے ہیں، خاص کر وہ جو کلام سُناتے اَور تعلیم دیتے ہیں، اُنہیں دُگنی عزّت کے لائق سمجھا جائے۔

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کِتابِ مُقادّس

17 جو بزُرگ اچھّا اِنتِظام کرتے ہیں۔ خاص کر وہ جو کلام سُنانے اور تعلِیم دینے میں مِحنت کرتے ہیں دو چند عِزّت کے لائِق سمجھے جائیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

17 جو بزرگ جماعت کو اچھی طرح سنبھالتے ہیں اُنہیں دُگنی عزت کے لائق سمجھا جائے۔ مَیں خاص کر اُن کی بات کر رہا ہوں جو پاک کلام سنانے اور تعلیم دینے میں محنت مشقت کرتے ہیں۔

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۱-تیمتھیس 5:17
41 حوالہ جات  

अपने राहनुमाओं की सुनें और उनकी बात मानें। क्योंकि वह आपकी देख-भाल करते करते जागते रहते हैं, और इसमें वह अल्लाह के सामने जवाबदेह हैं। उनकी बात मानें ताकि वह ख़ुशी से अपनी ख़िदमत सरंजाम दें। वरना वह कराहते कराहते अपनी ज़िम्मादारी निभाएँगे, और यह आपके लिए मुफ़ीद नहीं होगा।


जिसे कलामे-मुक़द्दस की तालीम दी जाती है उसका फ़र्ज़ है कि वह अपने उस्ताद को अपनी तमाम अच्छी चीज़ों में शरीक करे।


सलामती के ऐसे घर में ठहरो और वह कुछ खाओ पियो जो तुमको दिया जाए, क्योंकि मज़दूर अपनी मज़दूरी का हक़दार है। मुख़्तलिफ़ घरों में घूमते न फिरो बल्कि एक ही घर में रहो।


अपने राहनुमाओं को याद रखें जिन्होंने आपको अल्लाह का कलाम सुनाया। इस पर ग़ौर करें कि उनके चाल-चलन से कितनी भलाई पैदा हुई है, और उनके ईमान के नमूने पर चलें।


और लाज़िम है कि फ़सल की कटाई के वक़्त पहले उसको फ़सल का हिस्सा मिले जिसने खेत में मेहनत की है।


चुनाँचे ख़ुदावंद में बड़ी ख़ुशी से उसका इस्तक़बाल करें। उस जैसे लोगों की इज़्ज़त करें,


अगर आपकी नेमत हौसलाअफ़्ज़ाई करना है तो हौसलाअफ़्ज़ाई करें। अगर आपकी नेमत दूसरों की ज़रूरियात पूरी करना है तो ख़ुलूसदिली से यही करें। अगर आपकी नेमत राहनुमाई करना है तो सरगरमी से राहनुमाई करें। अगर आपकी नेमत रहम करना है तो ख़ुशी से रहम करें।


नतीजे में उन्होंने कई तरह से हमारी इज़्ज़त की। और जब रवाना होने का वक़्त आ गया तो उन्होंने हमें वह सब कुछ मुहैया किया जो सफ़र के लिए दरकार था।


अल्लाह के हमख़िदमत होते हुए हम आपसे मिन्नत करते हैं कि जो फ़ज़ल आपको मिला है वह ज़ाया न जाए।


त्रूफ़ेना और त्रूफ़ोसा को सलाम जो ख़ुदावंद की ख़िदमत में मेहनत-मशक़्क़त करती हैं। मेरी अज़ीज़ बहन परसिस को सलाम जिसने ख़ुदावंद की ख़िदमत में बड़ी मेहनत-मशक़्क़त की है।


उन्होंने यह ख़ुशी से किया और दरअसल यह उनका फ़र्ज़ भी है। ग़ैरयहूदी तो यहूदियों की रूहानी बरकतों में शरीक हुए हैं, इसलिए ग़ैरयहूदियों का फ़र्ज़ है कि वह यहूदियों को भी अपनी माली बरकतों में शरीक करके उनकी ख़िदमत करें।


हाँ मेरे हमख़िदमत भाई, मेरी आपसे गुज़ारिश है कि आप उनकी मदद करें। क्योंकि वह अल्लाह की ख़ुशख़बरी फैलाने की जिद्दो-जहद में मेरे साथ ख़िदमत करती रही हैं, उस मुक़ाबले में जिसमें क्लेमेंस और मेरे वह बाक़ी मददगार भी शरीक थे जिनके नाम किताबे-हयात में दर्ज हैं।


आप ऐसे लोगों के ताबे रहें और साथ ही हर उस शख़्स के जो उनके साथ ख़िदमत के काम में जाँफ़िशानी करता है।


उन्होंने अपने इस हदिये को बरनबास और साऊल के सुपुर्द करके वहाँ के बुज़ुर्गों को भेज दिया।


दूसरे किनारे पर पहुँचकर इलियास ने इलीशा से कहा, “मेरे आपके पास से उठा लिए जाने से पहले मुझे बताएँ कि आपके लिए क्या करूँ?” इलीशा ने जवाब दिया, “मुझे आपकी रूह का दुगना हिस्सा मीरास में मिले।”


कि वक़्त बेवक़्त कलामे-मुक़द्दस की मुनादी करने के लिए तैयार रहें। बड़े सब्र से ईमानदारों को तालीम देकर उन्हें समझाएँ, मलामत करें और उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई भी करें।


अपना और तालीम का ख़ास ख़याल रखें। इनमें साबितक़दम रहें, क्योंकि ऐसा करने से आप अपने आपको और अपने सुननेवालों को बचा लेंगे।


क्योंकि अगर वह अपना ख़ानदान न सँभाल सके तो वह किस तरह अल्लाह की जमात की देख-भाल कर सकेगा?


और ज़िंदगी का कलाम थामे रखते हैं। फिर मैं मसीह की आमद के दिन फ़ख़र कर सकूँगा कि न मैं रायगाँ दौड़ा, न बेफ़ायदा जिद्दो-जहद की।


देखो, मैंने तुम्हें पहले से इससे आगाह कर दिया है।


अपने तमाम राहनुमाओं और तमाम मुक़द्दसीन को मेरा सलाम कहना। इटली के ईमानदार आपको सलाम कहते हैं।


यही वजह है कि हम मेहनत-मशक़्क़त और जाँफ़िशानी करते रहते हैं, क्योंकि हमने अपनी उम्मीद ज़िंदा ख़ुदा पर रखी है जो तमाम इनसानों का नजातदहिंदा है, ख़ासकर ईमान रखनेवालों का।


लेकिन मैं जो कुछ हूँ अल्लाह के फ़ज़ल ही से हूँ। और जो फ़ज़ल उसने मुझ पर किया वह बेअसर न रहा, क्योंकि मैंने उन सबसे ज़्यादा जाँफ़िशानी से काम किया है। अलबत्ता यह काम मैंने ख़ुद नहीं बल्कि अल्लाह के फ़ज़ल ने किया है जो मेरे साथ था।


अपने हर काम में मैं आपको दिखाता रहा कि लाज़िम है कि हम इस क़िस्म की मेहनत करके कमज़ोरों की मदद करें। क्योंकि हमारे सामने ख़ुदावंद ईसा के यह अलफ़ाज़ होने चाहिएँ कि देना लेने से मुबारक है।”


मैंने तुमको उस फ़सल की कटाई करने के लिए भेज दिया है जिसे तैयार करने के लिए तुमने मेहनत नहीं की। औरों ने ख़ूब मेहनत की है और तुम इससे फ़ायदा उठाकर फ़सल जमा कर सकते हो।”


ख़ुदावंद ने जवाब दिया, “कौन-सा नौकर वफ़ादार और समझदार है? फ़र्ज़ करो कि घर के मालिक ने किसी नौकर को बाक़ी नौकरों पर मुक़र्रर किया हो। उस की एक ज़िम्मादारी यह भी है कि उन्हें वक़्त पर मुनासिब खाना खिलाए।


ऐ पुरउम्मीद क़ैदियो, क़िले के पास वापस आओ! क्योंकि आज ही मैं एलान करता हूँ कि तुम्हारी हर तकलीफ़ के एवज़ मैं तुम्हें दो बरकतें बख़्श दूँगा।


मेरा ताक़्क़ुब करनेवाले शरमिंदा हो जाएँ, लेकिन मेरी रुसवाई न हो। उन पर दहशत छा जाए, लेकिन मैं इससे बचा रहूँ। उन पर मुसीबत का दिन नाज़िल कर, उनको दो बार कुचलकर ख़ाक में मिला दे।


अब मैं उन्हें उनके गुनाहों की दुगनी सज़ा दूँगा, क्योंकि उन्होंने अपने मुरदार बुतों और घिनौनी चीज़ों से मेरी मौरूसी ज़मीन को भरकर मेरे मुल्क की बेहुरमती की है।”


नरमी से यरूशलम से बात करो, बुलंद आवाज़ से उसे बताओ कि तेरी ग़ुलामी के दिन पूरे हो गए हैं, तेरा क़ुसूर मुआफ़ हो गया है। क्योंकि तुझे रब के हाथ से तमाम गुनाहों की दुगनी सज़ा मिल गई है।”


उन बेवाओं की मदद करके उनकी इज़्ज़त करें जो वाक़ई ज़रूरतमंद हैं।


अगर आप भाइयों को यह तालीम दें तो आप मसीह ईसा के अच्छे ख़ादिम होंगे। फिर यह साबित हो जाएगा कि आपको ईमान और उस अच्छी तालीम की सच्चाइयों में तरबियत दी गई है जिसकी पैरवी आप करते रहे हैं।


क्योंकि हम अल्लाह के मुआविन हैं जबकि आप अल्लाह का खेत और उस की इमारत हैं।


अपनी उस नेमत को नज़रंदाज़ न करें जो आपको उस वक़्त पेशगोई के ज़रीए मिली जब बुज़ुर्गों ने आप पर अपने हाथ रखे।


जब किसी बुज़ुर्ग पर इलज़ाम लगाया जाए तो यह बात सिर्फ़ इस सूरत में मानें कि दो या इससे ज़्यादा गवाह इसकी तसदीक़ करें।


तुम अपने घरानों समेत इसका बाक़ी हिस्सा कहीं भी खा सकते हो, क्योंकि यह मुलाक़ात के ख़ैमे में तुम्हारी ख़िदमत का अज्र है।


उसे क़ुरबानियों में से दूसरों के बराबर लावियों का हिस्सा मिलना है, ख़ाह उसे ख़ानदानी मिलकियत बेचने से पैसे मिल गए हों या नहीं।


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