Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۱-تیمتھیس 1:9 - किताबे-मुक़द्दस

9 और याद रहे कि यह रास्तबाज़ों के लिए नहीं दी गई। क्योंकि यह उनके लिए है जो बग़ैर शरीअत के और सरकश ज़िंदगी गुज़ारते हैं, जो बेदीन और गुनाहगार हैं, जो मुक़द्दस और रूहानी बातों से ख़ाली हैं, जो अपने माँ-बाप के क़ातिल हैं, जो ख़ूनी,

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

9 ہم یہ بھی جانتے ہیں کہ شَریعت راستبازوں کے لیٔے نہیں بَلکہ بےشَرع لوگوں، سَرکشوں، بےدینوں، گُنہگاروں، ناپاک لوگوں، ناراستوں اَور ماں باپ کے قاتلوں اَور خُونیوں،

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

9 یعنی یہ سمجھ کر کہ شرِیعت راست بازوں کے لِئے مُقرّر نہیں ہُوئی بلکہ بے شرع اور سرکش لوگوں اور بے دِینوں اور گُنہگاروں اور ناپاکوں اور رِندوں اور ماں باپ کے قاتِلوں اور خُونِیوں۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

9 اور یاد رہے کہ یہ راست بازوں کے لئے نہیں دی گئی۔ کیونکہ یہ اُن کے لئے ہے جو بغیر شریعت کے اور سرکش زندگی گزارتے ہیں، جو بےدین اور گناہ گار ہیں، جو مُقدّس اور روحانی باتوں سے خالی ہیں، جو اپنے ماں باپ کے قاتل ہیں، جو خونی،

باب دیکھیں کاپی




۱-تیمتھیس 1:9
45 حوالہ جات  

तो फिर शरीअत का क्या मक़सद था? उसे इसलिए वादे के अलावा दिया गया ताकि लोगों के गुनाहों को ज़ाहिर करे। और उसे उस वक़्त तक क़ायम रहना था जब तक इब्राहीम की वह औलाद न आ जाती जिससे वादा किया गया था। अल्लाह ने अपनी शरीअत फ़रिश्तों के वसीले से मूसा को दे दी जो अल्लाह और लोगों के बीच में दरमियानी रहा।


और अगर रास्तबाज़ मुश्किल से बचेंगे तो फिर बेदीन और गुनाहगार का क्या होगा?


शरीअत इसलिए दरमियान में आ गई कि ख़िलाफ़वरज़ी बढ़ जाए। लेकिन जहाँ गुनाह ज़्यादा हुआ वहाँ अल्लाह का फ़ज़ल इससे भी ज़्यादा हो गया।


नरमी और ज़ब्ते-नफ़स पैदा करता है। शरीअत ऐसी चीज़ों के ख़िलाफ़ नहीं होती।


क्योंकि एक वक़्त था जब हम भी नासमझ, नाफ़रमान और सहीह राह से भटके हुए थे। उस वक़्त हम कई तरह की शहवतों और ग़लत ख़ाहिशों की ग़ुलामी में थे। हम बुरे कामों और हसद करने में ज़िंदगी गुज़ारते थे। दूसरे हमसे नफ़रत करते थे और हम भी उनसे नफ़रत करते थे।


आइंदा गुनाह आप पर हुकूमत नहीं करेगा, क्योंकि आप अपनी ज़िंदगी शरीअत के तहत नहीं गुज़ारते बल्कि अल्लाह के फ़ज़ल के तहत।


तोहमत लगानेवाले, अल्लाह से नफ़रत करनेवाले, सरकश, मग़रूर, शेख़ीबाज़, बदी को ईजाद करनेवाले, माँ-बाप के नाफ़रमान,


लेकिन बाक़ी सब शहर के बाहर रहेंगे। कुत्ते, ज़िनाकार, क़ातिल, बुतपरस्त और तमाम वह लोग जो झूट को प्यार करते और उस पर अमल करते हैं सबके सब बाहर रहेंगे।


लेकिन बुज़दिलों, ग़ैरईमानदारों, घिनौनों, क़ातिलों, ज़िनाकारों, जादूगरों, बुतपरस्तों और तमाम झूटे लोगों का अंजाम जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील है। यह दूसरी मौत है।”


यह अल्लाह को जानने का दावा तो करते हैं, लेकिन उनकी हरकतें इस बात का इनकार करती हैं। यह घिनौने, नाफ़रमान और कोई भी अच्छा काम करने के क़ाबिल नहीं हैं।


यह उनकी रूहें थीं जो उन दिनों में नाफ़रमान थे जब नूह अपनी कश्ती बना रहा था। उस वक़्त अल्लाह सब्र से इंतज़ार करता रहा, लेकिन आख़िरकार सिर्फ़ चंद एक लोग यानी आठ अफ़राद पानी में से गुज़रकर बच निकले।


यह भी ईमान का काम था कि राहब फ़ाहिशा अपने शहर के बाक़ी नाफ़रमान बाशिंदों के साथ हलाक न हुई, क्योंकि उसने इसराईली जासूसों को सलामती के साथ ख़ुशआमदीद कहा था।


फिर ही “बेदीनी का आदमी” ज़ाहिर होगा। लेकिन जब ख़ुदावंद ईसा आएगा तो वह उसे अपने मुँह की फूँक से मार डालेगा, ज़ाहिर होने पर ही वह उसे हलाक कर देगा।


जब अल्लाह ने इब्राहीम और उस की औलाद से वादा किया कि वह दुनिया का वारिस होगा तो उसने यह इसलिए नहीं किया कि इब्राहीम ने शरीअत की पैरवी की बल्कि इसलिए कि वह ईमान लाया और यों रास्तबाज़ ठहराया गया।


भाई अपने भाई को और बाप अपने बच्चे को मौत के हवाले करेगा। बच्चे अपने वालिदैन के ख़िलाफ़ खड़े होकर उन्हें क़त्ल करवाएँगे।


ऐ इसराईल के बिगड़े हुए और बेदीन रईस, अब वह वक़्त आ गया है जब तुझे हतमी सज़ा दी जाएगी।


रब फ़रमाता है, “नबी और इमाम दोनों ही बेदीन हैं। मैंने अपने घर में भी उनका बुरा काम पाया है।


जो आँख बाप का मज़ाक़ उड़ाए और माँ की हिदायत को हक़ीर जाने उसे वादी के कौवे अपनी चोंचों से निकालेंगे और गिद्ध के बच्चे खा जाएंगे।


ऐसी नसल भी है जो अपने बाप पर लानत करती और अपनी माँ को बरकत नहीं देती।


जो अपने बाप या माँ को लूटकर कहे, “यह जुर्म नहीं है” वह मोहलक क़ातिल का शरीके-कार होता है।


जो किसी को क़त्ल करे वह मौत तक अपने क़ुसूर के नीचे दबा हुआ मारा मारा फिरेगा। ऐसे शख़्स का सहारा न बन!


जो अपने बाप या माँ पर लानत करे उसका चराग़ घने अंधेरे में बुझ जाएगा।


जवाब में रब ने असूरियों की लशकरगाह में एक फ़रिश्ता भेजा जिसने तमाम बेहतरीन फ़ौजियों को अफ़सरों और कमाँडरों समेत मौत के घाट उतार दिया। चुनाँचे सनहेरिब शरमिंदा होकर अपने मुल्क लौट गया। वहाँ एक दिन जब वह अपने देवता के मंदिर में दाख़िल हुआ तो उसके कुछ बेटों ने उसे तलवार से क़त्ल कर दिया।


एक दिन जब वह अपने देवता निसरूक के मंदिर में पूजा कर रहा था तो उसके बेटों अद्रम्मलिक और शराज़र ने उसे तलवार से क़त्ल कर दिया और फ़रार होकर मुल्के-अरारात में पनाह ली। फिर उसका बेटा असर्हद्दून तख़्तनशीन हुआ।


फिर दाऊद तमाम अफ़सरों से भी मुख़ातिब हुआ, “जबकि मेरा अपना बेटा मुझे क़त्ल करने की कोशिश कर रहा है तो साऊल का यह रिश्तेदार ऐसा क्यों न करे? इसे छोड़ दो, क्योंकि रब ने इसे यह करने का हुक्म दिया है।


फिर लावी कहें, ‘उस पर लानत जो अपने बाप या माँ की तहक़ीर करे।’ सब लोग कहें, ‘आमीन!’


जिसने भी अपने बाप या माँ पर लानत भेजी है उसे सज़ाए-मौत दी जाए। इस हरकत से वह अपनी मौत का ख़ुद ज़िम्मादार है।


लेकिन जो दीदा-दानिस्ता और चालाकी से किसी को मार डालता है उसे मेरी क़ुरबानगाह से भी छीनकर सज़ाए-मौत देना है।


क़त्ल न करना।


यह पत्थर आपके नज़दीक जो ईमान रखते हैं बेशक़ीमत है। लेकिन जो ईमान नहीं लाए उन्होंने उसे रद्द किया। “जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया।”


ध्यान दें कि कोई भी ज़िनाकार या एसौ जैसा दुनियावी शख़्स न हो जिसने एक ही खाने के एवज़ अपने वह मौरूसी हुक़ूक़ बेच डाले जो उसे बड़े बेटे की हैसियत से हासिल थे।


जलन, नशाबाज़ी, रंगरलियाँ वग़ैरा। मैं पहले भी आपको आगाह कर चुका हूँ, लेकिन अब एक बार फिर कहता हूँ कि जो इस तरह की ज़िंदगी गुज़ारते हैं वह अल्लाह की बादशाही मीरास में नहीं पाएँगे।


लेकिन जब रूहुल-क़ुद्स आपकी राहनुमाई करता है तो आप शरीअत के ताबे नहीं होते।


लेकिन दादी-अम्माँ की इन बेमानी फ़रज़ी कहानियों से बाज़ रहें। इनकी बजाए ऐसी तरबियत हासिल करें जिससे आपकी रूहानी ज़िंदगी मज़बूत हो जाए।


तीमुथियुस बेटे, जो कुछ आपके हवाले किया गया है उसे महफ़ूज़ रखें। दुनियावी बकवास और उन मुतज़ाद ख़यालात से कतराते रहें जिन्हें ग़लती से इल्म का नाम दिया गया है।


दुनियावी बकवास से बाज़ रहें। क्योंकि जितना यह लोग इसमें फँस जाएंगे उतना ही बेदीनी का असर बढ़ेगा


लोग ख़ुदपसंद और पैसों के लालची होंगे। वह शेख़ीबाज़, मग़रूर, कुफ़र बकनेवाले, माँ-बाप के नाफ़रमान, नाशुकरे, बेदीन


बुज़ुर्ग बेइलज़ाम हो। उस की सिर्फ़ एक बीवी हो। उसके बच्चे ईमानदार हों और लोग उन पर ऐयाश या सरकश होने का इलज़ाम न लगा सकें।


बात यह है कि बहुत-से ऐसे लोग हैं जो सरकश हैं, जो फ़ज़ूल बातें करके दूसरों को धोका देते हैं। यह बात ख़ासकर उन पर सादिक़ आती है जो यहूदियों में से हैं।


सबकी अदालत करने आएगा। वह उन्हें उन तमाम बेदीन हरकतों के सबब से मुजरिम ठहराएगा जो उनसे सरज़द हुई हैं और उन तमाम सख़्त बातों की वजह से जो बेदीन गुनाहगारों ने उसके ख़िलाफ़ की हैं।”


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات