ऐ गरदनकश लोगो! बेशक आपका ख़तना हुआ है जो अल्लाह की क़ौम का ज़ाहिरी निशान है। लेकिन उसका आपके दिलों और कानों पर कुछ भी असर नहीं हुआ। आप अपने बापदादा की तरह हमेशा रूहुल-क़ुद्स की मुख़ालफ़त करते रहते हैं।
यही वजह है कि मैं आपको एक बात याद दिलाता हूँ। अल्लाह ने आपको उस वक़्त एक नेमत से नवाज़ा जब मैंने आप पर हाथ रखे। आपको उस नेमत की आग को नए सिरे से भड़काने की ज़रूरत है।
उनकी हरकतों के बावुजूद तू बहुत सालों तक सब्र करता रहा। तेरा रूह उन्हें नबियों के ज़रीए समझाता रहा, लेकिन उन्होंने ध्यान न दिया। तब तूने उन्हें ग़ैरक़ौमों के हवाले कर दिया।
पानी का बड़ा सैलाब भी मुहब्बत को बुझा नहीं सकता, बड़े दरिया भी उसे बहाकर ले जा नहीं सकते। और अगर कोई मुहब्बत को पाने के लिए अपने घर की तमाम दौलत पेश भी करे तो भी उसे जवाब में हक़ीर ही जाना जाएगा।