6 اَور یَاہوِہ کا ہاتھ اشدُودؔ اَور اُس کے گِردونواح کے لوگوں پر بھاری تھا۔ یَاہوِہ نے اُن پر تباہی نازل کر دی اَور اُنہیں گِلٹیوں کی تکلیف (طاعون) میں مُبتلا کر دیا۔
तमाम फ़िलिस्ती हुक्मरानों को दुबारा बुलाया गया, और अक़रूनियों ने तक़ाज़ा किया कि संदूक़ को शहर से दूर किया जाए। वह बोले, “इसे वहाँ वापस भेजा जाए जहाँ से आया है, वरना यह हमें बल्कि पूरी क़ौम को हलाक कर डालेगा।” क्योंकि शहर पर रब का सख़्त दबाव हावी हो गया था। मोहलक वबा के बाइस उसमें ख़ौफ़ो-हिरास की लहर दौड़ गई।
अब ख़ुदावंद तुझे सज़ा देगा। तू अंधा होकर कुछ देर के लिए सूरज की रौशनी नहीं देखेगा।” उसी लमहे धुंध और तारीकी जादूगर पर छा गई और वह टटोल टटोलकर किसी को तलाश करने लगा जो उस की राहनुमाई करे।
जब अशदूद के लोगों ने इसकी वजह जान ली तो वह बोले, “लाज़िम है कि इसराईल के ख़ुदा का संदूक़ हमारे पास न रहे। क्योंकि उसका हम पर और हमारे देवता दजून पर दबाव नाक़ाबिले-बरदाश्त है।”
लेकिन जब अहद का संदूक़ जात में छोड़ा गया तो रब का दबाव उस शहर पर भी आ गया। बड़ी अफ़रा-तफ़री पैदा हुई, क्योंकि छोटों से लेकर बड़ों तक सबको अज़ियतनाक फोड़े निकल आए।