मनस्सी के क़बीले के कुछ मर्द भी साऊल से अलग होकर दाऊद के पास आए। उस वक़्त वह फ़िलिस्तियों के साथ मिलकर साऊल से लड़ने जा रहा था, लेकिन बाद में उसे मैदाने-जंग में आने की इजाज़त न मिली। क्योंकि फ़िलिस्ती सरदारों ने आपस में मशवरा करने के बाद उसे यह कहकर वापस भेज दिया कि ख़तरा है कि यह हमें मैदाने-जंग में छोड़कर अपने पुराने मालिक साऊल से दुबारा मिल जाए। फिर हम तबाह हो जाएंगे।
