24-25 ज़ीफ़ के आदमी वापस चले गए। थोड़ी देर के बाद साऊल भी अपनी फ़ौज समेत वहाँ के लिए निकला। उस वक़्त दाऊद और उसके लोग दश्ते-मऊन में यशीमोन के जुनूब में थे। जब दाऊद को इत्तला मिली कि साऊल उसका ताक़्क़ुब कर रहा है तो वह रेगिस्तान के मज़ीद जुनूब में चला गया, वहाँ जहाँ बड़ी चट्टान नज़र आती है। लेकिन साऊल को पता चला और वह फ़ौरन रेगिस्तान में दाऊद के पीछे गया।
24 لہٰذا وہ روانہ ہُوئے اَور شاؤل سے پیشتر زِیفؔ کے بیابان پہُنچ گیٔے۔ داویؔد اَور اُن کے آدمی یشعمونؔ کے جُنوب میں عراباہؔ میں معونؔ کے بیابان میں تھے۔
24-25 زیف کے آدمی واپس چلے گئے۔ تھوڑی دیر کے بعد ساؤل بھی اپنی فوج سمیت وہاں کے لئے نکلا۔ اُس وقت داؤد اور اُس کے لوگ دشتِ معون میں یشیمون کے جنوب میں تھے۔ جب داؤد کو اطلاع ملی کہ ساؤل اُس کا تعاقب کر رہا ہے تو وہ ریگستان کے مزید جنوب میں چلا گیا، وہاں جہاں بڑی چٹان نظر آتی ہے۔ لیکن ساؤل کو پتا چلا اور وہ فوراً ریگستان میں داؤد کے پیچھے گیا۔
मऊन में कालिब के ख़ानदान का एक आदमी रहता था जिसका नाम नाबाल था। वह निहायत अमीर था। करमिल के क़रीब उस की 3,000 भेड़ें और 1,000 बकरियाँ थीं। बीवी का नाम अबीजेल था। वह ज़हीन भी थी और ख़ूबसूरत भी। उसके मुक़ाबले में नाबाल सख़्तमिज़ाज और कमीना था। एक दिन नाबाल अपनी भेड़ों के बाल कतरने के लिए करमिल आया। जब दाऊद को ख़बर मिली
हर जगह का खोज लगाएँ जहाँ वह छुप जाता है। जब आपको सारी तफ़सीलात मालूम हों तो मेरे पास आएँ। फिर मैं आपके साथ वहाँ पहुँचूँगा। अगर वह वाक़ई वहाँ कहीं हो तो मैं उसे ज़रूर ढूँड निकालूँगा, ख़ाह मुझे पूरे यहूदाह की छानबीन क्यों न करनी पड़े।”