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۱-سموئیل 2:27 - किताबे-मुक़द्दस

27 एक दिन एक नबी एली के पास आया और कहा, “रब फ़रमाता है, ‘क्या जब तेरा बाप हारून और उसका घराना मिसर के बादशाह के ग़ुलाम थे तो मैंने अपने आपको उस पर ज़ाहिर न किया?

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

27 تَب ایک مَرد خُدا عیلیؔ کے پاس آیا اَور اُس سے کہا، ”یَاہوِہ یُوں فرماتے ہیں: ’کیا مَیں نے اَپنے آپ کو تیرے آبائی خاندان پر جَب وہ مِصر میں فَرعوہؔ کی غُلامی میں تھا صَاف ظاہر نہیں کیا تھا؟

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کِتابِ مُقادّس

27 تب ایک مردِ خُدا عیلی کے پاس آیا اور اُس سے کہنے لگا خُداوند یُوں فرماتا ہے کیا مَیں تیرے آبائی خاندان پر جب وہ مِصرؔ میں فرِعونؔ کے خاندان کی غُلامی میں تھا ظاہِر نہیں ہُؤا؟

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

27 ایک دن ایک نبی عیلی کے پاس آیا اور کہا، ”رب فرماتا ہے، ’کیا جب تیرا باپ ہارون اور اُس کا گھرانا مصر کے بادشاہ کے غلام تھے تو مَیں نے اپنے آپ کو اُس پر ظاہر نہ کیا؟

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۱-سموئیل 2:27
14 حوالہ جات  

वह अभी क़ुरबानगाह के पास खड़ा अपनी क़ुरबानियाँ पेश करना ही चाहता था कि एक मर्दे-ख़ुदा आन पहुँचा। रब ने उसे यहूदाह से बैतेल भेज दिया था।


बीवी अपने शौहर मनोहा के पास गई और उसे सब कुछ बताया, “अल्लाह का एक बंदा मेरे पास आया। वह अल्लाह का फ़रिश्ता लग रहा था, यहाँ तक कि मैं सख़्त घबरा गई। मैंने उससे न पूछा कि वह कहाँ से है, और ख़ुद उसने मुझे अपना नाम न बताया।


मरने से पेशतर मर्दे-ख़ुदा मूसा ने इसराईलियों को बरकत देकर


रब ने हारून से भी बात की, “रेगिस्तान में मूसा से मिलने जा।” हारून चल पड़ा और अल्लाह के पहाड़ के पास मूसा से मिला। उसने उसे बोसा दिया।


क्योंकि कोई भी पेशगोई कभी भी इनसान की तहरीक से वुजूद में नहीं आई बल्कि पेशगोई करते वक़्त इनसानों ने रूहुल-क़ुद्स से तहरीक पाकर अल्लाह की तरफ़ से बात की।


लेकिन आप जो अल्लाह के बंदे हैं इन चीज़ों से भागते रहें। इनकी बजाए रास्तबाज़ी, ख़ुदातरसी, ईमान, मुहब्बत, साबितक़दमी और नरमदिली के पीछे लगे रहें।


दोनों आदमी इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े और सलीसा के इलाक़े में से गुज़रे, लेकिन बेसूद। फिर उन्होंने सालीम के इलाक़े में खोज लगाया, लेकिन वहाँ भी गधियाँ न मिलीं। इसके बाद वह बिनयमीन के इलाक़े में घूमते फिरे, लेकिन बेफ़ायदा।


रब ने मूसा और हारून से कहा, “फ़सह की ईद के यह उसूल हैं : किसी भी परदेसी को फ़सह की ईद का खाना खाने की इजाज़त नहीं है।


फिर रब ने मिसर में मूसा और हारून से कहा,


उस वक़्त मैं शुरू से लेकर आख़िर तक वह तमाम बातें पूरी करूँगा जो मैंने एली और उसके घराने के बारे में की हैं।


यह कहकर सुलेमान ने अबियातर का रब के हुज़ूर इमाम की ख़िदमत सरंजाम देने का हक़ मनसूख़ कर दिया। यों रब की वह पेशगोई पूरी हुई जो उसने सैला में एली के घराने के बारे में की थी।


लेकिन नौकर ने कहा, “इस शहर में एक मर्दे-ख़ुदा है। लोग उस की बड़ी इज़्ज़त करते हैं, क्योंकि जो कुछ भी वह कहता है वह पूरा हो जाता है। क्यों न हम उसके पास जाएँ? शायद वह हमें बताए कि गधियों को कहाँ ढूँडना चाहिए।”


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