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۱-سموئیل 15:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 “मुझे दुख है कि मैंने साऊल को बादशाह बना लिया है, क्योंकि उसने मुझसे दूर होकर मेरा हुक्म नहीं माना।” समुएल को इतना ग़ुस्सा आया कि वह पूरी रात बुलंद आवाज़ से रब से फ़रियाद करता रहा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 ”مُجھے افسوس ہے کہ مَیں نے شاؤل کو بادشاہ بنایا ہے کیونکہ وہ مُجھ سے برگشتہ ہو گیا ہے اَور اُس نے میری ہدایات پر عَمل نہیں کیا۔“ یہ سُن کر شموایلؔ کا غُصّہ بھڑک اُٹھا اَور وہ ساری رات یَاہوِہ سے فریاد کرتے رہے۔

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کِتابِ مُقادّس

11 مُجھے افسوس ہے کہ مَیں نے ساؤُل کو بادشاہ ہونے کے لِئے مُقرّر کِیا کیونکہ وہ میری پَیروی سے پِھر گیا ہے اور اُس نے میرے حُکم نہیں مانے۔ پس سموئیل کا غُصّہ بھڑکا اور وہ ساری رات خُداوند سے فریاد کرتا رہا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 ”مجھے دُکھ ہے کہ مَیں نے ساؤل کو بادشاہ بنا لیا ہے، کیونکہ اُس نے مجھ سے دُور ہو کر میرا حکم نہیں مانا۔“ سموایل کو اِتنا غصہ آیا کہ وہ پوری رات بلند آواز سے رب سے فریاد کرتا رہا۔

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۱-سموئیل 15:11
44 حوالہ جات  

समुएल बोला, “यह कैसी अहमक़ाना हरकत थी! आपने रब अपने ख़ुदा का हुक्म न माना। रब तो आप और आपकी औलाद को हमेशा के लिए इसराईल पर मुक़र्रर करना चाहता था।


वह पछताया कि मैंने इनसान को बनाकर दुनिया में रख दिया है, और उसे सख़्त दुख हुआ।


मेरी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बह रही हैं, क्योंकि लोग तेरी शरीअत के ताबे नहीं रहते।


लेकिन जब वबा का फ़रिश्ता चलते चलते यरूशलम तक पहुँच गया और उस पर हाथ उठाने लगा तो रब ने लोगों की मुसीबत को देखकर तरस खाया और तबाह करनेवाले फ़रिश्ते को हुक्म दिया, “बस कर! अब बाज़ आ।” उस वक़्त रब का फ़रिश्ता वहाँ खड़ा था जहाँ अरौनाह यबूसी अपना अनाज गाहता था।


वह जल्द आकर हम पर आहो-ज़ारी करें ताकि हमारी आँखों से आँसू बह निकलें, हमारी पलकों से पानी ख़ूब टपकने लगे।


उसके मुँह से शरारत और फ़रेब निकलता है, वह समझदार होने और नेक काम करने से बाज़ आया है।


इसके बाद समुएल जीते-जी साऊल से कभी न मिला, क्योंकि वह साऊल का मातम करता रहा। लेकिन रब को दुख था कि मैंने साऊल को इसराईल पर क्यों मुक़र्रर किया।


साऊल और उसके फ़ौजियों ने उसे ज़िंदा छोड़ दिया। इसी तरह सबसे अच्छी भेड़-बकरियों, गाय-बैलों, मोटे-ताज़े बछड़ों और चीदा भेड़ के बच्चों को भी छोड़ दिया गया। जो भी अच्छा था बच गया, क्योंकि इसराईलियों का दिल नहीं करता था कि तनदुरुस्त और मोटे-ताज़े जानवरों को हलाक करें। उन्होंने सिर्फ़ उन तमाम कमज़ोर जानवरों को ख़त्म किया जिनकी क़दरो-क़ीमत न थी।


अब वक़्त आ गया है कि तू उन पर हमला करे। सब कुछ तबाह करके मेरे हवाले कर दे। कुछ भी बचने न दे, बल्कि तमाम मर्दों, औरतों, बच्चों शीरख़ारों समेत, गाय-बैलों, भेड़-बकरियों, ऊँटों और गधों को मौत के घाट उतार दे।’”


लेकिन मेरा रास्तबाज़ ईमान ही से जीता रहेगा, और अगर वह पीछे हट जाए तो मैं उससे ख़ुश नहीं हूँगा।”


लेकिन मैं तुमको बताता हूँ, अपने दुश्मनों से मुहब्बत रखो और उनके लिए दुआ करो जो तुमको सताते हैं।


लेकिन अगर तुम न सुनो तो मैं तुम्हारे तकब्बुर को देखकर पोशीदगी में गिर्याओ-ज़ारी करूँगा। मैं ज़ार ज़ार रोऊँगा, मेरी आँखों से आँसू ज़ोर से टपकेंगे, क्योंकि दुश्मन रब के रेवड़ को पकड़कर जिलावतन कर देगा।


काश मेरा सर पानी का मंबा और मेरी आँखें आँसुओं का चश्मा हों ताकि मैं दिन-रात अपनी क़ौम के मक़तूलों पर आहो-ज़ारी कर सकूँ।


लेकिन जो भटककर अपनी टेढ़ी-मेढ़ी राहों पर चलते हैं उन्हें रब बदकारों के साथ ख़ारिज कर दे। इसराईल की सलामती हो!


रब ने क़सम खाई है और इससे पछताएगा नहीं, “तू अबद तक इमाम है, ऐसा इमाम जैसा मलिके-सिद्क़ था।”


मेरी मुहब्बत के जवाब में वह मुझ पर अपनी दुश्मनी का इज़हार करते हैं। लेकिन दुआ ही मेरा सहारा है।


अपने बापदादा की तरह वह ग़द्दार बनकर बेवफ़ा हुए। वह ढीली कमान की तरह नाकाम हो गए।


जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, मैं इसमें रब का गुनाह नहीं करूँगा कि आपकी सिफ़ारिश करने से बाज़ आऊँ। और आइंदा भी मैं आपको अच्छे और सहीह रास्ते की तालीम देता रहूँगा।


“रब की पूरी जमात आपसे पूछती है कि आप इसराईल के ख़ुदा से बेवफ़ा क्यों हो गए हैं? आपने रब से अपना मुँह फेरकर यह क़ुरबानगाह क्यों बनाई है? इससे आपने रब से सरकशी की है।


उन्हीं दिनों में ईसा निकलकर दुआ करने के लिए पहाड़ पर चढ़ गया। दुआ करते करते पूरी रात गुज़र गई।


लेकिन जो आख़िर तक क़ायम रहेगा उसे नजात मिलेगी।


बार बार उन्होंने अल्लाह को आज़माया, बार बार इसराईल के क़ुद्दूस को रंजीदा किया।


जो रब की पैरवी छोड़कर न उसे तलाश करते, न उस की मरज़ी दरियाफ़्त करते हैं वह सबके सब तबाह हो जाएंगे।


उसने रब से दुआ की, “ऐ रब, क्या यह वही बात नहीं जो मैंने उस वक़्त की जब अभी अपने वतन में था? इसी लिए मैं इतनी तेज़ी से भागकर तरसीस के लिए रवाना हुआ था। मैं जानता था कि तू मेहरबान और रहीम ख़ुदा है। तू तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है और जल्द ही सज़ा देने से पछताता है।


जब अल्लाह ने उनका यह रवैया देखा, कि वह वाक़ई अपनी बुरी राहों से बाज़ आए तो वह पछताया और उन पर वह आफ़त न लाया जिसका एलान उसने किया था।


तब रब पछताया और फ़रमाया, “जो कुछ तूने देखा वह पेश नहीं आएगा।”


उसने कहा, “गो मैं ही ने इनसान को ख़लक़ किया मैं उसे रूए-ज़मीन पर से मिटा डालूँगा। मैं न सिर्फ़ लोगों को बल्कि ज़मीन पर चलने-फिरने और रेंगनेवाले जानवरों और हवा के परिंदों को भी हलाक कर दूँगा, क्योंकि मैं पछताता हूँ कि मैंने उनको बनाया।”


लेकिन मूसा ने कहा, “ऐ रब, तू अपनी क़ौम पर अपना ग़ुस्सा क्यों उतारना चाहता है? तू ख़ुद अपनी अज़ीम क़ुदरत से उसे मिसर से निकाल लाया है।


मूसा के कहने पर रब ने वह नहीं किया जिसका एलान उसने कर दिया था बल्कि वह अपनी क़ौम से बुरा सुलूक करने से बाज़ रहा।


जब बुज़ुर्गों ने राहनुमाई के लिए बादशाह का तक़ाज़ा किया तो समुएल निहायत नाख़ुश हुआ। चुनाँचे उसने रब से हिदायत माँगी।


फिर रब समुएल से हमकलाम हुआ,


अल्लाह ने अपने फ़रिश्ते को यरूशलम को तबाह करने के लिए भी भेजा। लेकिन फ़रिश्ता अभी इसके लिए तैयार हो रहा था कि रब ने लोगों की मुसीबत को देखकर तरस खाया और तबाह करनेवाले फ़रिश्ते को हुक्म दिया, “बस कर! अब बाज़ आ।” उस वक़्त रब का फ़रिश्ता वहाँ खड़ा था जहाँ उरनान यानी अरौनाह यबूसी अपना अनाज गाहता था।


उस की पैरवी से हटने और उस की राहों का लिहाज़ न करने का यही नतीजा है।


उनसे वही गुनाह सरज़द हुए हैं जो उनके बापदादा ने किए थे। क्योंकि यह भी मेरी बातें सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, यह भी अजनबी माबूदों के पीछे हो लिए हैं ताकि उनकी ख़िदमत करें। इसराईल और यहूदाह ने मिलकर वह अहद तोड़ा है जो मैंने उनके बापदादा से बाँधा था।


लेकिन अब तुमने अपना इरादा बदलकर मेरे नाम की बेहुरमती की है। अपने ग़ुलामों और लौंडियों को आज़ाद कर देने के बाद हर एक उन्हें अपने पास वापस लाया है। पहले तुमने उन्हें बताया कि जहाँ जी चाहो चले जाओ, और अब तुमने उन्हें दुबारा ग़ुलाम बनने पर मजबूर किया है।’


इसके बरअक्स क्या रास्तबाज़ ज़िंदा रहेगा अगर वह अपनी रास्तबाज़ ज़िंदगी तर्क करे और गुनाह करके वही क़ाबिले-घिन हरकतें करने लगे जो बेदीन करते हैं? हरगिज़ नहीं! जितना भी अच्छा काम उसने किया उसका मैं ख़याल नहीं करूँगा बल्कि उस की बेवफ़ाई और गुनाहों का। उन्हीं की वजह से उसे सज़ाए-मौत दी जाएगी।


एक दिन रब समुएल से हमकलाम हुआ, “तू कब तक साऊल का मातम करेगा? मैंने तो उसे रद्द करके बादशाह का ओहदा उससे ले लिया है। अब मेंढे का सींग ज़ैतून के तेल से भरकर बैत-लहम चला जा। वहाँ एक आदमी से मिल जिसका नाम यस्सी है। क्योंकि मैंने उसके बेटों में से एक को चुन लिया है कि वह नया बादशाह बन जाए।”


रब को सुलेमान पर बड़ा ग़ुस्सा आया, क्योंकि वह इसराईल के ख़ुदा से दूर हो गया था, हालाँकि रब उस पर दो बार ज़ाहिर हुआ था।


साऊल को इसलिए मारा गया कि वह रब का वफ़ादार न रहा। उसने उस की हिदायात पर अमल न किया, यहाँ तक कि उसने मुरदों की रूह से राबिता करनेवाली जादूगरनी से मशवरा किया,


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