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۱-سموئیل 13:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 उसने अपनी फ़ौज के लिए 3,000 इसराईली चुन लिए। जंग लड़ने के क़ाबिल बाक़ी आदमियों को उसने फ़ारिग़ कर दिया। 2,000 फ़ौजियों की ड्यूटी मिकमास और बैतेल के पहाड़ी इलाक़े में लगाई गई जहाँ साऊल ख़ुद था। बाक़ी 1,000 अफ़राद यूनतन के पास बिनयमीन के शहर जिबिया में थे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 ابھی اُنہیں بادشاہ بنے دو سال ہی ہُوئے تھے؛ اُنہُوں نے بنی اِسرائیل میں سے تین ہزار مَرد چُن لیٔے۔ اُن میں سے دو ہزار اُن کے ساتھ مِکماشؔ میں اَور بیت ایل کے پہاڑی علاقہ میں تھے اَور ایک ہزار یُوناتانؔ کے ساتھ گِبعہؔ میں بِنیامین کے علاقہ میں تھے۔ باقی لوگوں کو شاؤل نے اَپنے اَپنے گھر بھیج دیا۔

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کِتابِ مُقادّس

2 تو ساؤُل نے تِین ہزار اِسرائیلی مَرد اپنے لِئے چُنے۔ اُن میں سے دو ہزار مِکماؔس میں اور بَیت ایل کے پہاڑ پر ساؤُل کے ساتھ اور ایک ہزار بِنیمِین کے جِبعہ میں یُونتن کے ساتھ رہے اور باقی لوگوں کو اُس نے رُخصت کِیا کہ اپنے اپنے ڈیرے کو جائیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 اُس نے اپنی فوج کے لئے 3,000 اسرائیلی چن لئے۔ جنگ لڑنے کے قابل باقی آدمیوں کو اُس نے فارغ کر دیا۔ 2,000 فوجیوں کی ڈیوٹی مِکماس اور بیت ایل کے پہاڑی علاقے میں لگائی گئی جہاں ساؤل خود تھا۔ باقی 1,000 افراد یونتن کے پاس بن یمین کے شہر جِبعہ میں تھے۔

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۱-سموئیل 13:2
24 حوالہ جات  

साऊल भी अपने घर चला गया जो जिबिया में था। कुछ फ़ौजी उसके साथ चले जिनके दिलों को अल्लाह ने छू दिया था।


उस दिन इसराईली फ़िलिस्तियों को मिकमास से मार मारकर ऐयालोन तक पहुँच गए। लेकिन शाम के वक़्त वह निहायत निढाल हो गए थे।


फ़िलिस्ती भी इसराईलियों से लड़ने के लिए जमा हुए। उनके 30,000 रथ, 6,000 घुड़सवार और साहिल की रेत जैसे बेशुमार प्यादा फ़ौजी थे। उन्होंने बैत-आवन के मशरिक़ में मिकमास के क़रीब अपने ख़ैमे लगाए।


फ़िलिस्तियों ने मिकमास के दर्रे पर क़ब्ज़ा करके वहाँ चौकी क़ायम की थी।


इसलिए साऊल की औलाद में से सात मर्दों को हमारे हवाले कर दें। हम उन्हें रब के चुने हुए बादशाह साऊल के वतनी शहर जिबिया में रब के पहाड़ पर मौत के घाट उतारकर उसके हुज़ूर लटका दें।” बादशाह ने जवाब दिया, “मैं उन्हें आपके हवाले कर दूँगा।”


फिर वह रामा वापस चला गया, और साऊल अपने घर गया जो जिबिया में था।


साऊल के जीते-जी फ़िलिस्तियों से सख़्त जंग जारी रही। इसलिए जब भी कोई बहादुर और लड़ने के क़ाबिल आदमी नज़र आया तो साऊल ने उसे अपनी फ़ौज में भरती कर लिया।


वह बोला, “जो बादशाह आप पर हुकूमत करेगा उसके यह हुक़ूक़ होंगे : वह आपके बेटों की भरती करके उन्हें अपने रथों और घोड़ों को सँभालने की ज़िम्मादारी देगा। उन्हें उसके रथों के आगे आगे दौड़ना पड़ेगा।


लेकिन लावी ने एतराज़ किया, “नहीं, यह अजनबियों का शहर है। हमें ऐसी जगह रात नहीं गुज़ारना चाहिए जो इसराईली नहीं है। बेहतर है कि हम आगे जाकर जिबिया की तरफ़ बढ़ें।


ज़िला, अलिफ़, यबूसियों का शहर यरूशलम, जिबिया और क़िरियत-यारीम। इन शहरों की तादाद 14 थी। हर शहर के गिर्दो-नवाह की आबादियाँ उसके साथ गिनी जाती थीं। यह तमाम शहर बिनयमीन और उसके कुंबों की मिलकियत थे।


इसके बाद आप अल्लाह के जिबिया जाएंगे जहाँ फ़िलिस्तियों की चौकी है। शहर में दाख़िल होते वक़्त आपकी मुलाक़ात नबियों के एक जुलूस से होगी जो उस वक़्त पहाड़ी की क़ुरबानगाह से उतर रहा होगा। उनके आगे आगे सितार, दफ़, बाँसरियाँ और सरोद बजानेवाले चलेंगे, और वह नबुव्वत की हालत में होंगे।


साऊल 30 साल का था जब तख़्तनशीन हुआ। दो साल हुकूमत करने के बाद


लेकिन समुएल ने पूछा, “आपने क्या किया?” साऊल ने जवाब दिया, “लोग मुंतशिर हो रहे थे, और आप वक़्त पर न आए। जब मैंने देखा कि फ़िलिस्ती मिकमास के क़रीब जमा हो रहे हैं


फिर समुएल जिलजाल से चला गया। बचे हुए इसराईली साऊल के पीछे दुश्मन से लड़ने गए। वह जिलजाल से रवाना होकर जिबिया पहुँच गए। जब साऊल ने वहाँ फ़ौज का जायज़ा लिया तो बस 600 अफ़राद रह गए थे।


साऊल, यूनतन और उनकी फ़ौज बिनयमीन के शहर जिबिया में टिक गए जबकि फ़िलिस्ती मिकमास के पास ख़ैमाज़न थे।


यह सुनकर साऊल इसराईल के 3,000 चीदा फ़ौजियों को लेकर दश्ते-ज़ीफ़ में गया ताकि दाऊद को ढूँड निकाले।


झगड़नेवालों में से एक बदमाश था जिसका नाम सबा बिन बिक्री था। वह बिनयमीनी था। अब उसने नरसिंगा बजाकर एलान किया, “न हमें दाऊद से मीरास में कुछ मिलेगा, न यस्सी के बेटे से कुछ मिलने की उम्मीद है। ऐ इसराईल, हर एक अपने घर वापस चला जाए!”


यह कहकर यशुअ ने उन्हें बरकत देकर रुख़सत कर दिया, और वह अपने घर चले गए।


चलते चलते वह भेड़ों के कुछ बाड़ों से गुज़रने लगे। वहाँ एक ग़ार को देखकर साऊल अंदर गया ताकि अपनी हाजत रफ़ा करे। इत्तफ़ाक़ से दाऊद और उसके आदमी उसी ग़ार के पिछले हिस्से में छुपे बैठे थे।


हलिब बिन बाना नतूफ़ाती, बिनयमीनी शहर जिबिया का इत्ती बिन रीबी,


मिकमास के बाशिंदे : 122,


बिनयमीन के क़बीले की रिहाइश ज़ैल के मक़ामों में थी। जिबा, मिकमास, ऐयाह, बैतेल गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत,


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