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۱-سموئیل 11:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 क़ासिद साऊल के शहर जिबिया भी पहुँच गए। जब मक़ामी लोगों ने उनका पैग़ाम सुना तो पूरा शहर फूट फूटकर रोने लगा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 جَب وہ قاصِد شاؤل کے گِبعہؔ میں آئے اَور لوگوں کو اُن شرائط کی اِطّلاع دی تو وہ سَب چِلّا چِلّاکر رونے لگے۔

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کِتابِ مُقادّس

4 اور وہ قاصِد ساؤُل کے جِبعہ میں آئے اور اُنہوں نے لوگوں کو یہ باتیں کہہ سُنائِیں اور سب لوگ چِلاّ چِلاّ کر رونے لگے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 قاصد ساؤل کے شہر جِبعہ بھی پہنچ گئے۔ جب مقامی لوگوں نے اُن کا پیغام سنا تو پورا شہر پھوٹ پھوٹ کر رونے لگا۔

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۱-سموئیل 11:4
15 حوالہ جات  

साऊल भी अपने घर चला गया जो जिबिया में था। कुछ फ़ौजी उसके साथ चले जिनके दिलों को अल्लाह ने छू दिया था।


रब के फ़रिश्ते की यह बात सुनकर इसराईली ख़ूब रोए।


वह फूट फूटकर रोने लगे, इतने रोए कि आख़िरकार रोने की सकत ही न रही।


फिर वह रामा वापस चला गया, और साऊल अपने घर गया जो जिबिया में था।


अब वह बैतेल चले गए और शाम तक अल्लाह के हुज़ूर बैठे रहे। रो रोकर उन्होंने दुआ की,


जो क़ैद में हैं, उन्हें यों याद रखना जैसे आप ख़ुद उनके साथ क़ैद में हों। और जिनके साथ बदसुलूकी हो रही है उन्हें यों याद रखना जैसे आपसे यह बदसुलूकी हो रही हो।


बोझ उठाने में एक दूसरे की मदद करें, क्योंकि इस तरह आप मसीह की शरीअत पूरी करेंगे।


अगर एक अज़ु दुख में हो तो उसके साथ दीगर तमाम आज़ा भी दुख महसूस करते हैं। अगर एक अज़ु सरफ़राज़ हो जाए तो उसके साथ बाक़ी तमाम आज़ा भी मसरूर होते हैं।


ख़ुशी मनानेवालों के साथ ख़ुशी मनाएँ और रोनेवालों के साथ रोएँ।


इसलिए साऊल की औलाद में से सात मर्दों को हमारे हवाले कर दें। हम उन्हें रब के चुने हुए बादशाह साऊल के वतनी शहर जिबिया में रब के पहाड़ पर मौत के घाट उतारकर उसके हुज़ूर लटका दें।” बादशाह ने जवाब दिया, “मैं उन्हें आपके हवाले कर दूँगा।”


साऊल उस वक़्त अनार के दरख़्त के साये में बैठा था जो जिबिया के क़रीब के मिजरोन में था। 600 मर्द उसके पास थे।


लेकिन एसौ ख़ामोश न हुआ बल्कि कहा, “अब्बू, क्या आपके पास वाक़ई सिर्फ़ यही बरकत थी? अब्बू, मुझे भी बरकत दें।” वह ज़ारो-क़तार रोने लगा।


फिर इसराईल का पूरा लशकर बैतेल चला गया। वहाँ वह शाम तक रब के हुज़ूर रोते और रोज़ा रखते रहे। उन्होंने रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ पेश करके


उनका राहनुमा अख़ियज़र, फिर युआस (दोनों समाआह जिबियाती के बेटे थे), यज़ियेल और फ़लत (दोनों अज़मावत के बेटे थे), बराका, याहू अनतोती,


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