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۱-پطرس 5:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 अपनी तमाम परेशानियाँ उस पर डाल दें, क्योंकि वह आपकी फ़िकर करता है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 اَپنی ساری فکریں اُس خُدا پر ڈال دو کیونکہ وہ تمہاری فکر کرتا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

7 اور اپنی ساری فِکر اُسی پر ڈال دو کیونکہ اُس کو تُمہاری فِکر ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اپنی تمام پریشانیاں اُس پر ڈال دیں، کیونکہ وہ آپ کی فکر کرتا ہے۔

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۱-پطرس 5:7
23 حوالہ جات  

अपना बोझ रब पर डाल तो वह तुझे सँभालेगा। वह रास्तबाज़ को कभी डगमगाने नहीं देगा।


अपनी किसी भी फ़िकर में उलझकर परेशान न हो जाएँ बल्कि हर हालत में दुआ और इल्तिजा करके अपनी दरख़ास्तें अल्लाह के सामने पेश करें। ध्यान रखें कि आप यह शुक्रगुज़ारी की रूह में करें।


अपनी राह रब के सुपुर्द कर। उस पर भरोसा रख तो वह तुझे कामयाबी बख़्शेगा।


रब की आँखें रास्तबाज़ों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उनकी इल्तिजाओं की तरफ़ मायल हैं।


फिर ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा, “इसलिए अपनी ज़िंदगी की ज़रूरियात पूरी करने के लिए परेशान न रहो कि हाय, मैं क्या खाऊँ। और जिस्म के लिए फ़िकरमंद न रहो कि हाय, मैं क्या पहनूँ।


दाऊद की जान बड़े ख़तरे में आ गई, क्योंकि उसके मर्द ग़म के मारे आपस में उसे संगसार करने की बातें करने लगे। क्योंकि बेटे-बेटियों के छिन जाने के बाइस सब सख़्त रंजीदा थे। लेकिन दाऊद ने रब अपने ख़ुदा में पनाह लेकर तक़वियत पाई।


लेकिन ईसा अभी तक कश्ती के पिछले हिस्से में अपना सर गद्दी पर रखे सो रहा था। शागिर्दों ने उसे जगाकर कहा, “उस्ताद, क्या आपको परवा नहीं कि हम तबाह हो रहे हैं?”


वजह यह है कि वह मज़दूर ही है और भेड़ों की फ़िकर नहीं करता।


मैं नाचार और ज़रूरतमंद हूँ, लेकिन रब मेरा ख़याल रखता है। तू ही मेरा सहारा और मेरा नजातदहिंदा है। ऐ मेरे ख़ुदा, देर न कर!


जो कुछ भी तू करना चाहे उसे रब के सुपुर्द कर। तब ही तेरे मनसूबे कामयाब होंगे।


क्या तुममें से कोई फ़िकर करते करते अपनी ज़िंदगी में एक लमहे का भी इज़ाफ़ा कर सकता है?


और तुम अपने कपड़ों के लिए क्यों फ़िकरमंद होते हो? ग़ौर करो कि सोसन के फूल किस तरह उगते हैं। न वह मेहनत करते, न कातते हैं।


चुनाँचे परेशानी के आलम में फ़िकर करते करते यह न कहते रहो, ‘हम क्या खाएँ? हम क्या पिएँ? हम क्या पहनें?’


अगर तुम फ़िकर करने से इतनी छोटी-सी तबदीली भी नहीं ला सकते तो फिर तुम बाक़ी बातों के बारे में क्यों फ़िकरमंद हो?


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