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۱-سلاطین 9:15 - किताबे-मुक़द्दस

15 सुलेमान ने अपने तामीरी काम के लिए बेगारी लगाए। ऐसे ही लोगों की मदद से उसने न सिर्फ़ रब का घर, अपना महल, इर्दगिर्द के चबूतरे और यरूशलम की फ़सील बनवाई बल्कि तीनों शहर हसूर, मजिद्दो और जज़र को भी।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

15 اَور بادشاہ شُلومونؔ نے یَاہوِہ کا بیت المُقدّس، اَپنا محل، مِلّوؔ، یروشلیمؔ کی فصیل اَور حَصورؔ، مگِدّوؔ اَور گِزرؔ کو تعمیر کرنے کے لیٔے جِن لوگوں کو زبردستی بیگاری کے کام پر لگایا تھا اُن کی تفصیل یہ ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

15 اور سُلیماؔن بادشاہ نے جو بیگاری لگائے تو اِسی لِئے کہ وہ خُداوند کے گھر اور اپنے محلّ کو اور مِلّو اور یروشلیِم کی شہر پناہ اور حصُور اور مجِدّو اور جزر کو بنائے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

15 سلیمان نے اپنے تعمیری کام کے لئے بیگاری لگائے۔ ایسے ہی لوگوں کی مدد سے اُس نے نہ صرف رب کا گھر، اپنا محل، ارد گرد کے چبوترے اور یروشلم کی فصیل بنوائی بلکہ تینوں شہر حصور، مجِدّو اور جزر کو بھی۔

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۱-سلاطین 9:15
34 حوالہ جات  

जब फ़िरौन की बेटी यरूशलम के पुराने हिस्से बनाम ‘दाऊद का शहर’ से उस महल में मुंतक़िल हुई जो सुलेमान ने उसके लिए तामीर किया था तो वह इर्दगिर्द के चबूतरे बनवाने लगा।


सुलेमान बादशाह ने लुबनान में यह काम करने के लिए इसराईल में से 30,000 आदमियों की बेगार पर भरती की। उसने अदूनीराम को उन पर मुक़र्रर किया। हर माह वह बारी बारी 10,000 अफ़राद को लुबनान में भेजता रहा। यों हर मज़दूर एक माह लुबनान में और दो माह घर में रहता।


यरूशलम पर फ़तह पाने के बाद दाऊद क़िले में रहने लगा। उसने उसे ‘दाऊद का शहर’ क़रार दिया और उसके इर्दगिर्द शहर को बढ़ाने लगा। यह तामीरी काम इर्दगिर्द के चबूतरों से शुरू हुआ और होते होते क़िले तक पहुँच गया।


आशर और इशकार के इलाक़ों के दर्जे-ज़ैल शहर मनस्सी की मिलकियत थे : बैत-शान, इबलियाम, दोर यानी नाफ़त-दोर, ऐन-दोर, तानक और मजिद्दो उनके गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत।


अदामा, रामा, हसूर,


जब हसूर के बादशाह याबीन को इन वाक़ियात की ख़बर मिली तो उसने मदून के बादशाह यूबाब और सिमरोन और अकशाफ़ के बादशाहों को पैग़ाम भेजे।


इसी तरह इफ़राईम के क़बीले ने भी जज़र के बाशिंदों को न निकाला, और यह कनानी उनके दरमियान आबाद रहे।


इफ़राईम के मर्दों ने जज़र में आबाद कनानियों को न निकाला। इसलिए उनकी औलाद आज तक वहाँ रहती है, अलबत्ता उसे बेगार में काम करना पड़ता है।


उस दिन लोग यरूशलम में शिद्दत से मातम करेंगे। ऐसा मातम होगा जैसा मैदाने-मजिद्दो में हदद-रिम्मोन पर किया जाता था।


अपनी मेहरबानी का इज़हार करके सिय्यून को ख़ुशहाली बख़्श, यरूशलम की फ़सील तामीर कर।


लेकिन यूसियाह बाज़ न आया बल्कि लड़ने के लिए तैयार हुआ। उसने निकोह की बात न मानी गो अल्लाह ने उसे उस की मारिफ़त आगाह किया था। चुनाँचे वह भेस बदलकर फ़िरौन से लड़ने के लिए मजिद्दो के मैदान में पहुँचा।


रब के घर और शाही महल को तामीर करने में 20 साल लग गए थे।


इसके बाद इसराईलियों को जज़र के क़रीब फ़िलिस्तियों से लड़ना पड़ा। वहाँ सिब्बकी हूसाती ने देवक़ामत मर्द रफ़ा की औलाद में से एक आदमी को मार डाला जिसका नाम सफ़्फ़ी था। यों फ़िलिस्तियों को ताबे कर लिया गया।


इनमें इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का शहर सिकम शामिल था जिसमें हर वह पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ होता था, फिर जज़र,


फ़िक़ह के दौरे-हुकूमत में असूर के बादशाह तिग्लत-पिलेसर ने इसराईल पर हमला किया। ज़ैल के तमाम शहर उसके क़ब्ज़े में आ गए : ऐय्यून, अबील-बैत-माका, यानूह, क़ादिस और हसूर। जिलियाद और गलील के इलाक़े भी नफ़ताली के पूरे क़बायली इलाक़े समेत उस की गिरिफ़्त में आ गए। असूर का बादशाह इन तमाम जगहों में आबाद लोगों को गिरिफ़्तार करके अपने मुल्क असूर ले गया।


एक दिन उसके अफ़सरों ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे क़त्ल कर दिया जब वह बैत-मिल्लो के पास उस रास्ते पर था जो सिल्ला की तरफ़ उतर जाता था।


जब यहूदाह के बादशाह अख़ज़ियाह ने यह देखा तो वह बैत-गान का रास्ता लेकर फ़रार हो गया। याहू उसका ताक़्क़ुब करते हुए चिल्लाया, “उसे भी मार दो!” इबलियाम के क़रीब जहाँ रास्ता जूर की तरफ़ चढ़ता है अख़ज़ियाह अपने रथ में चलते चलते ज़ख़मी हुआ। वह बच तो निकला लेकिन मजिद्दो पहुँचकर मर गया।


जब यरुबियाम बाग़ी हुआ तो उन दिनों में सुलेमान इर्दगिर्द के चबूतरे और फ़सील का आख़िरी हिस्सा तामीर कर रहा था।


रब के घर और शाही महल को तामीर करने में 20 साल सर्फ़ हुए थे।


और उस की हुकूमत के ग्यारहवें साल के आठवें महीने बूल में इमारत मुकम्मल हुई। सब कुछ नक़्शे के ऐन मुताबिक़ बना। इस काम पर कुल सात साल लग गए।


बाना बिन अख़ीलूद : तानक, मजिद्दो और उस बैत-शान का पूरा इलाक़ा जो ज़रतान के पड़ोस में यज़्रएल के नीचे वाक़े है, नीज़ बैत-शान से लेकर अबील-महूला तक का पूरा इलाक़ा बशमूल युक़मियाम,


लेकिन अगर ऐसा नहीं था तो अल्लाह करे कि अबीमलिक से आग निकलकर आप सबको भस्म कर दे जो सिकम और बैत-मिल्लो में रहते हैं! और आग आपसे निकलकर अबीमलिक को भी भस्म कर दे!”


इसके बाद सिकम और बैत-मिल्लो के तमाम लोग उस बलूत के साये में जमा हुए जो सिकम के सतून के पास था। वहाँ उन्होंने अबीमलिक को अपना बादशाह मुक़र्रर किया।


बादशाह आए और लड़े, कनान के बादशाह मजिद्दो नदी पर तानक के पास इसराईल से लड़े। लेकिन वहाँ से वह चाँदी का लूटा हुआ माल वापस न लाए।


इसलिए रब ने उन्हें कनान के बादशाह याबीन के हवाले कर दिया। याबीन का दारुल-हुकूमत हसूर था, और उसके पास 900 लोहे के रथ थे। उसके लशकर का सरदार सीसरा था जो हरूसत-हगोयम में रहता था। याबीन ने 20 साल इसराईलियों पर बहुत ज़ुल्म किया, इसलिए उन्होंने मदद के लिए रब को पुकारा।


इनमें इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का शहर सिकम शामिल था जिसमें हर वह शख़्स पनाह ले सकता था जिससे कोई ग़ैरइरादी तौर पर हलाक हुआ था, फिर जज़र,


साथ साथ यशुअ ने जज़र के बादशाह हूरम और उसके लोगों को भी शिकस्त दी जो लकीस की मदद करने के लिए आए थे। उनमें से एक भी न बचा।


सुलेमान फ़िरौन की बेटी से शादी करके मिसरी बादशाह का दामाद बन गया। शुरू में उस की बीवी शहर के उस हिस्से में रहती थी जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता था। क्योंकि उस वक़्त नया महल, रब का घर और शहर की फ़सील ज़ेरे-तामीर थे।


“जो जुआ आपके बाप ने हम पर डाल दिया था उसे उठाना मुश्किल था, और जो वक़्त और पैसे हमें बादशाह की ख़िदमत में सर्फ़ करने थे वह नाक़ाबिले-बरदाश्त थे। अब दोनों को कम कर दें। फिर हम ख़ुशी से आपकी ख़िदमत करेंगे।”


वहाँ से वह मग़रिब की तरफ़ उतरती उतरती यफ़लीतियों के इलाक़े में दाख़िल हुई जहाँ वह नशेबी बैत-हौरून में से गुज़रकर जज़र के पीछे समुंदर पर ख़त्म हुई।


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