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۱-سلاطین 9:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 चुनाँचे सुलेमान ने रब के घर और शाही महल को तकमील तक पहुँचाया। जो कुछ भी उसने ठान लिया था वह पूरा हुआ।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 اَور جَب شُلومونؔ یَاہوِہ کے بیت المُقدّس کی اَور شاہی محل کی تعمیر پُورا کر چُکے اَورجو کچھ وہ کرنا چاہتے تھے سَب پُورا کر چُکے،

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کِتابِ مُقادّس

1 اور اَیسا ہُؤا کہ جب سُلیماؔن خُداوند کا گھر اور شاہی محلّ بنا چُکا اور جو کُچھ سُلیماؔن کرنا چاہتا تھا وہ سب ختم ہو گیا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 چنانچہ سلیمان نے رب کے گھر اور شاہی محل کو تکمیل تک پہنچایا۔ جو کچھ بھی اُس نے ٹھان لیا تھا وہ پورا ہوا۔

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۱-سلاطین 9:1
18 حوالہ جات  

चुनाँचे सुलेमान ने रब के घर और शाही महल को तकमील तक पहुँचाया। जो कुछ भी उसने ठान लिया था वह पूरा हुआ।


सुलेमान ने अपने गोदामों के लिए और अपने रथों और घोड़ों को रखने के लिए भी शहर बनवाए। जो कुछ भी वह यरूशलम, लुबनान या अपनी सलतनत की किसी और जगह बनवाना चाहता था वह उसने बनवाया।


दूर-दराज़ चीज़ों के आरज़ूमंद रहने की निसबत बेहतर यह है कि इनसान उन चीज़ों से लुत्फ़ उठाए जो आँखों के सामने ही हैं। यह भी बातिल और हवा को पकड़ने के बराबर है।


जो कुछ भी मेरी आँखें चाहती थीं वह मैंने उनके लिए मुहैया किया, मैंने अपने दिल से किसी भी ख़ुशी का इनकार न किया। मेरे दिल ने मेरे हर काम से लुत्फ़ उठाया, और यह मेरी तमाम मेहनत-मशक़्क़त का अज्र रहा।


मैंने बड़े बड़े काम अंजाम दिए, अपने लिए मकान तामीर किए, ताकिस्तान लगाए,


उस दौरान सूर का बादशाह हीराम सुलेमान को देवदार और जूनीपर की उतनी लकड़ी और उतना सोना भेजता रहा जितना सुलेमान चाहता था। जब इमारतें तकमील तक पहुँच गईं तो सुलेमान ने हीराम को मुआवज़े में गलील के 20 शहर दे दिए।


रब के घर की तकमील पर सुलेमान बादशाह ने वह सोना-चाँदी और बाक़ी तमाम क़ीमती चीज़ें रब के घर के ख़ज़ानों में रखवा दीं जो उसके बाप दाऊद ने रब के लिए मख़सूस की थीं।


रब के घर की बुनियाद सुलेमान की हुकूमत के चौथे साल के दूसरे महीने ज़ीब में डाली गई,


जो महल सुलेमान ने बनवाया वह 13 साल के बाद मुकम्मल हुआ।


उस की एक इमारत का नाम ‘लुबनान का जंगल’ था। इमारत की लंबाई 150 फ़ुट, चौड़ाई 75 फ़ुट और ऊँचाई 45 फ़ुट थी। निचली मनज़िल एक बड़ा हाल था जिसके देवदार की लकड़ी के 45 सतून थे। पंद्रह पंद्रह सतूनों को तीन क़तारों में खड़ा किया गया था। सतूनों पर शहतीर थे जिन पर दूसरी मनज़िल के फ़र्श के लिए देवदार के तख़्ते लगाए गए थे। दूसरी मनज़िल के मुख़्तलिफ़ कमरे थे, और छत भी देवदार की लकड़ी से बनाई गई थी।


दो हफ़तों के बाद सुलेमान ने इसराईलियों को रुख़सत किया। बादशाह को बरकत देकर वह अपने अपने घर चले गए। सब शादमान और दिल से ख़ुश थे कि रब ने अपने ख़ादिम दाऊद और अपनी क़ौम इसराईल पर इतनी मेहरबानी की है।


रब के घर और शाही महल को तामीर करने में 20 साल सर्फ़ हुए थे।


सुलेमान फ़िरौन की बेटी से शादी करके मिसरी बादशाह का दामाद बन गया। शुरू में उस की बीवी शहर के उस हिस्से में रहती थी जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता था। क्योंकि उस वक़्त नया महल, रब का घर और शहर की फ़सील ज़ेरे-तामीर थे।


सुलेमान की इस दुआ के इख़्तिताम पर आग ने आसमान पर से नाज़िल होकर भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियों को भस्म कर दिया। साथ साथ रब का घर उसके जलाल से यों मामूर हुआ


रब के घर और शाही महल को तामीर करने में 20 साल लग गए थे।


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