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۱-سلاطین 4:21 - किताबे-मुक़द्दस

21 सुलेमान दरियाए-फ़ुरात से लेकर फ़िलिस्तियों के इलाक़े और मिसरी सरहद तक तमाम ममालिक पर हुकूमत करता था। उसके जीते-जी यह ममालिक उसके ताबे रहे और उसे ख़राज देते थे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

21 اَور شُلومونؔ دریائے فراتؔ سے لے کر فلسطینیوں کی سرزمین تک اَور مِصر کی سرحد تک تمام مملکتوں پر حُکمران تھے۔ یہ تمام مُلک خراج تحسین اَدا کرتے تھے اَور شُلومونؔ کے زندہ رہنے تک اُن کے مطیع رہے۔

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کِتابِ مُقادّس

21 اور سُلیماؔن دریایِ فرات سے فِلستِیوں کے مُلک تک اور مِصرؔ کی سرحد تک سب مُملکتوں پر حُکمران تھا۔ وہ اُس کے لِئے ہدئے لاتی تِھیں اور سُلیماؔن کی عُمر بھر اُس کی مُطِیع رہِیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

21 سلیمان دریائے فرات سے لے کر فلستیوں کے علاقے اور مصری سرحد تک تمام ممالک پر حکومت کرتا تھا۔ اُس کے جیتے جی یہ ممالک اُس کے تابع رہے اور اُسے خراج دیتے تھے۔

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۱-سلاطین 4:21
22 حوالہ جات  

उस वक़्त रब ने अब्राम के साथ अहद किया। उसने कहा, “मैं यह मुल्क मिसर की सरहद से फ़ुरात तक तेरी औलाद को दूँगा,


तुम्हारे मुल्क की सरहद्दें यह होंगी : जुनूब में नजब का रेगिस्तान, शिमाल में लुबनान, मशरिक़ में दरियाए-फ़ुरात और मग़रिब में बहीराए-रूम। हित्ती क़ौम का पूरा इलाक़ा इसमें शामिल होगा।


उसे यरूशलम के ऊपर अपनी सुकूनतगाह से दिखा। तब बादशाह तेरे हुज़ूर तोह्फ़े लाएँगे।


जितने ममालिक दरियाए-फ़ुरात के मग़रिब में थे उन सब पर सुलेमान की हुकूमत थी, यानी तिफ़सह से लेकर ग़ज़्ज़ा तक। किसी भी पड़ोसी मुल्क से उसका झगड़ा नहीं था, बल्कि सबके साथ सुलह थी।


मैं तेरी सरहद्दें मुक़र्रर करूँगा। बहरे-क़ुलज़ुम एक हद होगी और फ़िलिस्तियों का समुंदर दूसरी, जुनूब का रेगिस्तान एक होगी और दरियाए-फ़ुरात दूसरी। मैं मुल्क के बाशिंदों को तेरे क़ब्ज़े में कर दूँगा, और तू उन्हें अपने आगे आगे मुल्क से दूर करता जाएगा।


रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर मन्नतें मानकर उन्हें पूरा करो। जितने भी उसके इर्दगिर्द हैं वह पुरजलाल ख़ुदा के हुज़ूर हदिये लाएँ।


नीज़, यरूशलम ताक़तवर बादशाहों का दारुल-हुकूमत रहा है। उनकी इतनी ताक़त थी कि दरियाए-फ़ुरात के पूरे मग़रिबी इलाक़े को उन्हें मुख़्तलिफ़ क़िस्म के टैक्स और ख़राज अदा करना पड़ा।


बेशुमार लोग यरूशलम आए ताकि रब को क़ुरबानियाँ पेश करें और हिज़क़ियाह बादशाह को क़ीमती तोह्फ़े दें। उस वक़्त से तमाम क़ौमें उसका बड़ा एहतराम करने लगीं।


इसी लिए रब ने यहूदाह पर यहूसफ़त की हुकूमत को ताक़तवर बना दिया। लोग तमाम यहूदाह से आकर उसे तोह्फ़े देते रहे, और उसे बड़ी दौलत और इज़्ज़त मिली।


तुम जहाँ भी क़दम रखोगे वह तुम्हारा ही होगा, जुनूबी रेगिस्तान से लेकर लुबनान तक, दरियाए-फ़ुरात से बहीराए-रूम तक।


एक दिन असूर के बादशाह सल्मनसर ने इसराईल पर हमला किया। तब होसेअ शिकस्त मानकर उसके ताबे हो गया। उसे असूर को ख़राज अदा करना पड़ा।


लेकिन ऐसे शरीर लोग भी थे जिन्होंने उसका मज़ाक़ उड़ाकर पूछा, “भला यह किस तरह हमें बचा सकता है?” वह उसे हक़ीर जानते थे और उसे तोह्फ़े पेश करने के लिए भी तैयार न हुए। लेकिन साऊल उनकी बातें नज़रंदाज़ करके ख़ामोश ही रहा।


उसने मोआबियों पर भी फ़तह पाई। मोआबी क़ैदियों की क़तार बनाकर उसने उन्हें ज़मीन पर लिटा दिया। फिर रस्सी का टुकड़ा लेकर उसने क़तार का नाप लिया। जितने लोग रस्सी की लंबाई में आ गए वह एक गुरोह बन गए। यों दाऊद ने लोगों को गुरोहों में तक़सीम किया। फिर उसने गुरोहों के तीन हिस्से बनाकर दो हिस्सों के सर क़लम किए और एक हिस्से को ज़िंदा छोड़ दिया। लेकिन जितने क़ैदी छूट गए वह दाऊद के ताबे रहकर उसे ख़राज देते रहे।


फिर उसने दमिश्क़ के इलाक़े में अपनी फ़ौजी चौकियाँ क़ायम कीं। अरामी उसके ताबे हो गए और उसे ख़राज देते रहे। जहाँ भी दाऊद गया वहाँ रब ने उसे कामयाबी बख़्शी।


बल्कि तुझे वह कुछ भी दे दूँगा जो तूने नहीं माँगा, यानी दौलत और इज़्ज़त। तेरे जीते-जी कोई और बादशाह तेरे बराबर नहीं पाया जाएगा।


सुलेमान के दरबार की रोज़ाना ज़रूरियात यह थीं : तक़रीबन 5,000 किलोग्राम बारीक मैदा, तक़रीबन 10,000 किलोग्राम आम मैदा,


“जो जुआ आपके बाप ने हम पर डाल दिया था उसे उठाना मुश्किल था, और जो वक़्त और पैसे हमें बादशाह की ख़िदमत में सर्फ़ करने थे वह नाक़ाबिले-बरदाश्त थे। अब दोनों को कम कर दें। फिर हम ख़ुशी से आपकी ख़िदमत करेंगे।”


हाय, अफ़सोस! यरूशलम बेटी कितनी तनहा बैठी है, गो उसमें पहले इतनी रौनक़ थी। जो पहले अक़वाम में अव्वल दर्जा रखती थी वह बेवा बन गई है, जो पहले ममालिक की रानी थी वह ग़ुलामी में आ गई है।


यों तू सोने-चाँदी से आरास्ता और बारीक कतान, रेशम और शानदार कपड़े से मुलब्बस हुई। तेरी ख़ुराक बेहतरीन मैदे, शहद और ज़ैतून के तेल पर मुश्तमिल थी। तू निहायत ही ख़ूबसूरत हुई, और होते होते मलिका बन गई।’


क्योंकि उसके बग़ैर कौन खाकर ख़ुश हो सकता है? कोई नहीं!


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