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۱-سلاطین 20:30 - किताबे-मुक़द्दस

30 बाक़ी फ़रार होकर अफ़ीक़ शहर में घुस गए। तक़रीबन 27,000 आदमी थे। लेकिन अचानक शहर की फ़सील उन पर गिर गई, तो वह भी हलाक हो गए। बिन-हदद बादशाह भी अफ़ीक़ में फ़रार हुआ था। अब वह कभी इस कमरे में, कभी उसमें खिसककर छुपने की कोशिश कर रहा था।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

30 اَورجو باقی بچے تھے وہ افیقؔ شہر کے اَندر بھاگ گیٔے، اُن میں سے باقی ستّائیس ہزار کی موت اُن پر فصیل گرنے سے ہو گئی۔ بِن ہددؔ بھی بھاگ کر شہر کے اَندر وہاں ایک اَندرونی کوٹھری میں چھُپ گیا۔

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کِتابِ مُقادّس

30 اور باقی افِیق کو شہر کے اندر بھاگ گئے اور وہاں ایک دِیوار ستائِیس ہزار پر جو باقی رہے تھے گِری اور بِن ہدد بھاگ کر شہر کے اندر ایک اندرُونی کوٹھری میں گُھس گیا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

30 باقی فرار ہو کر افیق شہر میں گھس گئے۔ تقریباً 27,000 آدمی تھے۔ لیکن اچانک شہر کی فصیل اُن پر گر گئی، تو وہ بھی ہلاک ہو گئے۔ بن ہدد بادشاہ بھی افیق میں فرار ہوا تھا۔ اب وہ کبھی اِس کمرے میں، کبھی اُس میں کھسک کر چھپنے کی کوشش کر رہا تھا۔

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۱-سلاطین 20:30
21 حوالہ جات  

मीकायाह ने जवाब दिया, “जिस दिन आप कभी इस कमरे में, कभी उसमें खिसककर छुपने की कोशिश करेंगे उस दिन आपको पता चलेगा।”


मीकायाह ने जवाब दिया, “जिस दिन आप कभी इस कमरे में, कभी उसमें खिसककर छुपने की कोशिश करेंगे उस दिन आपको पता चलेगा।”


जब बहार का मौसम आया तो वह शाम के फ़ौजियों को जमा करके इसराईल से लड़ने के लिए अफ़ीक़ शहर गया।


या उन 18 अफ़राद के बारे में तुम्हारा क्या ख़याल है जो मर गए जब शिलोख़ का बुर्ज उन पर गिरा? क्या वह यरूशलम के बाक़ी बाशिंदों की निसबत ज़्यादा गुनाहगार थे?


ख़ाह वह करमिल की चोटी पर क्यों न छुप जाएँ तो भी मैं उनका खोज लगाकर उन्हें छीन लूँगा। गो वह समुंदर की तह तक उतरकर मुझसे पोशीदा होने की कोशिश क्यों न करें तो भी बेफ़ायदा होगा, क्योंकि मैं समुंदरी साँप को उन्हें डसने का हुक्म दूँगा।


तब तुम उस आदमी की मानिंद होगे जो शेरबबर से भागकर रीछ से टकरा जाता है। जब घर में पनाह लेकर हाथ से दीवार का सहारा लेता है तो साँप उसे डस लेता है।


अब मैं, नबूकदनज़्ज़र आसमान के बादशाह की हम्दो-सना करता हूँ। मैं उसी को जलाल देता हूँ, क्योंकि जो कुछ भी वह करे वह सहीह है। उस की तमाम राहें मुंसिफ़ाना हैं। जो मग़रूर होकर ज़िंदगी गुज़ारते हैं उन्हें वह पस्त करने के क़ाबिल है।


क्योंकि रब फ़रमाता है, “जो दहशत से भागकर बच जाए वह गढ़े में गिर जाएगा, और जो गढ़े से निकल जाए वह फंदे में फँस जाएगा। क्योंकि मैं मोआब पर उस की अदालत का साल लाऊँगा।


तब जो हौलनाक आवाज़ों से भागकर बच जाए वह गढ़े में गिर जाएगा, और जो गढ़े से निकल जाए वह फंदे में फँस जाएगा। क्योंकि आसमान के दरीचे खुल रहे और ज़मीन की बुनियादें हिल रही हैं।


ऐ अल्लाह, जो वफ़ादार है उसके साथ तेरा सुलूक वफ़ादारी का है, जो बेइलज़ाम है उसके साथ तेरा सुलूक बेइलज़ाम है।


फ़ौरन उन पर हमला कर दिया। और जिस भी दुश्मन का मुक़ाबला हुआ उसे मारा गया। तब शाम की पूरी फ़ौज भाग गई। इसराईलियों ने उनका ताक़्क़ुब किया, लेकिन शाम का बादशाह बिन-हदद घोड़े पर सवार होकर चंद एक घुड़सवारों के साथ बच निकला।


तो उसने अख़ियब को फ़ौरन ख़बर भेज दी, “देवता मुझे सख़्त सज़ा दें अगर मैं सामरिया को नेस्तो-नाबूद न कर दूँ। इतना भी नहीं रहेगा कि मेरा हर फ़ौजी मुट्ठी-भर ख़ाक अपने साथ वापस ले जा सके!”


जो जुनूब में है अब तक इसराईल के क़ब्ज़े में नहीं आया। यही बात शिमाल पर भी सादिक़ आती है। सैदानियों के शहर मआरा से लेकर अफ़ीक़ शहर और अमोरियों की सरहद तक सब कुछ अब तक इसराईल की हुकूमत से बाहर है।


फ़िलिस्तियों ने अपनी फ़ौजों को अफ़ीक़ के पास जमा किया, जबकि इसराईलियों की लशकरगाह यज़्रएल के चश्मे के पास थी।


सात दिन तक दोनों फ़ौजें एक दूसरे के मुक़ाबिल सफ़आरा रहीं। सातवें दिन लड़ाई का आग़ाज़ हुआ। इसराईली इस मरतबा भी शाम की फ़ौज पर ग़ालिब आए। उस दिन उन्होंने उनके एक लाख प्यादा फ़ौजियों को मार दिया।


दोनों आदमी सामने गए ताकि ज़बह की और भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करें। इतने में याहू के 80 आदमी बाहर मंदिर के इर्दगिर्द खड़े हो गए। याहू ने उन्हें हुक्म देकर कहा था, “ख़बरदार! जो पूजा करनेवालों में से किसी को बचने दे उसे सज़ाए-मौत दी जाएगी।”


अब यह गुनाह तुम्हारे लिए उस ऊँची दीवार की मानिंद होगा जिसमें दराड़ें पड़ गई हैं। दराड़ें फैलती हैं और दीवार बैठी जाती है। फिर अचानक एक ही लमहे में वह धड़ाम से ज़मीनबोस हो जाती है।


लेकिन वह हार गया, और अबीमलिक ने शहर के दरवाज़े तक उसका ताक़्क़ुब किया। भागते भागते सिकम के बहुत-से अफ़राद रास्ते में गिरकर हलाक हो गए।


लड़ाई पूरे जंगल में फैलती गई। यह जंगल इतना ख़तरनाक था कि उस दिन तलवार की निसबत ज़्यादा लोग उस की ज़द में आकर हलाक हो गए।


वहाँ पहुँचकर याहू बिन यहूसफ़त बिन निमसी को तलाश करें। जब उससे मुलाक़ात हो तो उसे उसके साथियों से अलग करके किसी अंदरूनी कमरे में ले जाएँ।


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