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۱-سلاطین 20:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 एक दिन शाम के बादशाह बिन-हदद ने अपनी पूरी फ़ौज को जमा किया। 32 इत्तहादी बादशाह भी अपने रथों और घोड़ों को लेकर आए। इस बड़ी फ़ौज के साथ बिन-हदद ने सामरिया का मुहासरा करके इसराईल से जंग का एलान किया।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 ارام کے بادشاہ بِن ہددؔ نے اَپنی تمام فَوج جمع کی۔ اُس کے ساتھ بتّیس بادشاہ، اُن کے گھوڑے اَور رتھ تھے۔ بِن ہددؔ نے سامریہؔ پر حملہ کرکے اُس کا محاصرہ کر لیا۔

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کِتابِ مُقادّس

1 اور اراؔم کے بادشاہ بِن ہدد نے اپنے سارے لشکر کو اِکٹّھا کِیا اور اُس کے ساتھ بتِّیس بادشاہ اور گھوڑے اور رتھ تھے اور اُس نے سامرؔیہ پر چڑھائی کر کے اُس کا مُحاصرہ کِیا اور اُس سے لڑا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 ایک دن شام کے بادشاہ بن ہدد نے اپنی پوری فوج کو جمع کیا۔ 32 اتحادی بادشاہ بھی اپنے رتھوں اور گھوڑوں کو لے کر آئے۔ اِس بڑی فوج کے ساتھ بن ہدد نے سامریہ کا محاصرہ کر کے اسرائیل سے جنگ کا اعلان کیا۔

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۱-سلاطین 20:1
28 حوالہ جات  

जवाब में आसा ने शाम के बादशाह बिन-हदद के पास वफ़द भेजा। बिन-हदद का बाप ताबरिम्मोन बिन हज़यून था, और उसका दारुल-हुकूमत दमिश्क़ था। आसा ने रब के घर और शाही महल के ख़ज़ानों का तमाम बचा हुआ सोना और चाँदी वफ़द के सुपुर्द करके दमिश्क़ के बादशाह को पैग़ाम भेजा,


शाम के बादशाह ने रथों पर मुक़र्रर अपने 32 अफ़सरों को हुक्म दिया था, “सिर्फ़ और सिर्फ़ बादशाह पर हमला करें। किसी और से मत लड़ना, ख़ाह वह छोटा हो या बड़ा।”


बिन-हदद मुत्तफ़िक़ हुआ। उसने अपने फ़ौजी अफ़सरों को इसराईल के शहरों पर हमला करने के लिए भेज दिया तो उन्होंने ऐय्यून, दान, अबील-बैत-माका, तमाम किन्नरत और नफ़ताली पर क़ब्ज़ा कर लिया।


चुनाँचे मैं हज़ाएल के घराने पर आग नाज़िल करूँगा, और बिन-हदद के महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे।


ऐ बादशाह, आप शहनशाह हैं। आसमान के ख़ुदा ने आपको सलतनत, क़ुव्वत, ताक़त और इज़्ज़त से नवाज़ा है।


क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं बाबल के बादशाह नबूकदनज़्ज़र को तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा जो घोड़े, रथ, घुड़सवार और बड़ी फ़ौज लेकर शिमाल से तुझ पर हमला करेगा।


मैं दमिश्क़ की फ़सील को आग लगा दूँगा जो फैलते फैलते बिन-हदद बादशाह के महलों को भी अपनी लपेट में ले लेगी।”


अपने क़ासिदों के ज़रीए तूने रब की इहानत की है। तू डींगें मारकर कहता है, ‘मैं अपने बेशुमार रथों से पहाड़ों की चोटियों और लुबनान की इंतहा तक चढ़ गया हूँ। मैं देवदार के बड़े बड़े और जूनीपर के बेहतरीन दरख़्तों को काटकर लुबनान की दूरतरीन बुलंदियों तक, उसके सबसे घने जंगल तक पहुँच गया हूँ।


वह फ़ख़र करता है, “मेरे तमाम अफ़सर तो बादशाह हैं।


“अज़ : शहनशाह अर्तख़शस्ता अज़रा इमाम को जो आसमान के ख़ुदा की शरीअत का आलिम है, सलाम!


लेकिन हमारा एक और मशवरा भी है। 32 बादशाहों को हटाकर उनकी जगह अपने अफ़सरों को मुक़र्रर करें।


दोपहर को वह लड़ने के लिए निकले। ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के जवान सबसे आगे थे। बिन-हदद और 32 इत्तहादी बादशाह लशकरगाह में बैठे नशे में धुत मै पी रहे थे कि अचानक शहर का जायज़ा लेने के लिए बिन-हदद के भेजे गए सिपाही अंदर आए और कहने लगे, “सामरिया से आदमी निकल रहे हैं।”


इसके बाद उसने एक आदमी बनाम समर को चाँदी के 6,000 सिक्के देकर उससे सामरिया पहाड़ी ख़रीद ली और वहाँ अपना नया दारुल-हुकूमत तामीर किया। पहले मालिक समर की याद में उसने शहर का नाम सामरिया रखा।


फ़िलिस्ती भी इसराईलियों से लड़ने के लिए जमा हुए। उनके 30,000 रथ, 6,000 घुड़सवार और साहिल की रेत जैसे बेशुमार प्यादा फ़ौजी थे। उन्होंने बैत-आवन के मशरिक़ में मिकमास के क़रीब अपने ख़ैमे लगाए।


तब अदूनी-बज़क़ ने कहा, “मैंने ख़ुद सत्तर बादशाहों के हाथों और पैरों के अंगूठों को कटवाया, और उन्हें मेरी मेज़ के नीचे गिरे हुए खाने के रद्दी टुकड़े जमा करने पड़े। अब अल्लाह मुझे इसका बदला दे रहा है।” उसे यरूशलम लाया गया जहाँ वह मर गया।


दुश्मन तेरे मुल्क के तमाम शहरों का मुहासरा करेगा। आख़िरकार जिन ऊँची और मज़बूत फ़सीलों पर तू एतमाद करेगा वह भी सब गिर पड़ेंगी। दुश्मन उस मुल्क का कोई भी शहर नहीं छोड़ेगा जो रब तेरा ख़ुदा तुझे देनेवाला है।


जब तू जंग के लिए निकलकर देखता है कि दुश्मन तादाद में ज़्यादा हैं और उनके पास घोड़े और रथ भी हैं तो मत डरना। रब तेरा ख़ुदा जो तुझे मिसर से निकाल लाया अब भी तेरे साथ है।


मैं तुम पर तलवार चलाकर इसका बदला लूँगा कि तुमने मेरे अहद को तोड़ा है। जब तुम अपनी हिफ़ाज़त के लिए शहरों में भागकर जमा होगे तो मैं तुम्हारे दरमियान वबाई बीमारियाँ फैलाऊँगा और तुम्हें दुश्मनों के हाथ में दे दूँगा।


वह 600 बेहतरीन क़िस्म के रथ और मिसर के बाक़ी तमाम रथों को साथ ले गया। तमाम रथों पर अफ़सरान मुक़र्रर थे।


उसने अपने क़ासिदों को शहर में भेजकर इसराईल के बादशाह अख़ियब को इत्तला दी,


शाम और इसराईल के दरमियान जंग थी। जब कभी बादशाह अपने अफ़सरों से मशवरा करके कहता, “हम फ़ुलाँ फ़ुलाँ जगह अपनी लशकरगाह लगा लेंगे”


और अब जब जैहाज़ी सुना रहा था कि इलीशा ने मुरदा लड़के को किस तरह ज़िंदा कर दिया तो उस की माँ अंदर आकर बादशाह से इलतमास करने लगी, “घर और ज़मीन वापस मिलने में मेरी मदद कीजिए।” उसे देखकर जैहाज़ी ने बादशाह से कहा, “मेरे आक़ा और बादशाह, यह वही औरत है और यह उसका वही बेटा है जिसे इलीशा ने ज़िंदा कर दिया था।”


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