Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۱-سلاطین 18:5 - किताबे-मुक़द्दस

5 अब अख़ियब ने अबदियाह को हुक्म दिया, “पूरे मुल्क में से गुज़रकर तमाम चश्मों और वादियों का मुआयना करें। शायद कहीं कुछ घास मिल जाए जो हम अपने घोड़ों और ख़च्चरों को खिलाकर उन्हें बचा सकें। ऐसा न हो कि हमें खाने की क़िल्लत के बाइस कुछ जानवरों को ज़बह करना पड़े।”

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

5 اَور احابؔ نے عبدیاہؔ سے فرمایا، ”مُلک کے طُول و عرض میں گشت کرتے ہویٔے پانی کے تمام چشموں اَور وادیوں میں جاؤ، شاید ہمیں گھوڑوں اَور خچّروں کو زندہ رکھنے کے لیٔے گھاس مِل جائے، اَور ہمارے جانوروں میں سے کسی کے مرنے کی نَوبَت نہ آئے۔“

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

5 سو اخیاؔب نے عبدؔیاہ سے کہا مُلک میں گشت کرتا ہُؤا پانی کے سب چشموں اور سب نالوں پر جا شاید ہم کو کہِیں گھاس مِل جائے جِس سے ہم گھوڑوں اور خچّروں کو جِیتا بچا لیں تاکہ ہمارے سب چَوپائے ضائِع نہ ہُوں۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

5 اب اخی اب نے عبدیاہ کو حکم دیا، ”پورے ملک میں سے گزر کر تمام چشموں اور وادیوں کا معائنہ کریں۔ شاید کہیں کچھ گھاس مل جائے جو ہم اپنے گھوڑوں اور خچروں کو کھلا کر اُنہیں بچا سکیں۔ ایسا نہ ہو کہ ہمیں کھانے کی قلت کے باعث کچھ جانوروں کو ذبح کرنا پڑے۔“

باب دیکھیں کاپی




۱-سلاطین 18:5
11 حوالہ جات  

हाय, मवेशी कैसी दर्दनाक आवाज़ निकाल रहे हैं! गाय-बैल परेशानी से इधर-उधर फिर रहे हैं, क्योंकि कहीं भी चरागाह नहीं मिलती। भेड़-बकरियों को भी तकलीफ़ है।


अभी तक कोंपलें अंजीर के दरख़्त पर नज़र नहीं आतीं, अंगूर की बेलें बेफल हैं। अभी तक ज़ैतून के दरख़्त फल से महरूम हैं और खेतों में फ़सलें नहीं उगतीं। बाड़ों में न भेड़-बकरियाँ, न मवेशी हैं।


ऐ जंगली जानवरो, मत डरना, क्योंकि खुले मैदान की हरियाली दुबारा उगने लगी है। दरख़्त नए सिरे से फल ला रहे हैं, अंजीर और अंगूर की बड़ी फ़सल पक रही है।


तू जानवरों के लिए घास फूटने और इनसान के लिए पौदे उगने देता है ताकि वह ज़मीन की काश्तकारी करके रोटी हासिल करे।


जब ईज़बिल ने रब के तमाम नबियों को क़त्ल करने की कोशिश की थी तो अबदियाह ने 100 नबियों को दो ग़ारों में छुपा दिया था। हर ग़ार में 50 नबी रहते थे, और अबदियाह उन्हें खाने-पीने की चीज़ें पहुँचाता रहता था।)


उन्होंने मुक़र्रर किया कि अख़ियब कहाँ जाएगा और अबदियाह कहाँ, फिर दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।


अमीर अपने नौकरों को पानी भरने भेजते हैं, लेकिन हौज़ों के पास पहुँचकर पता चलता है कि पानी नहीं है, इसलिए वह ख़ाली हाथ वापस आ जाते हैं। शरमिंदगी और नदामत के मारे वह अपने सरों को ढाँप लेते हैं।


जंगली जानवर भी हाँपते हाँपते तेरे इंतज़ार में हैं, क्योंकि नदियाँ सूख गई हैं, और खुले मैदान की चरागाहें नज़रे-आतिश हो गई हैं।


जिस शहर में थोड़ा-बहुत पानी बाक़ी था वहाँ दीगर कई शहरों के बाशिंदे लड़खड़ाते हुए पहुँचे, लेकिन उनके लिए काफ़ी नहीं था। तो भी तुम मेरे पास वापस न आए!” यह रब का फ़रमान है।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات