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۱-سلاطین 18:32 - किताबे-मुक़द्दस

32 इन बारह पत्थरों को लेकर इलियास ने रब के नाम की ताज़ीम में क़ुरबानगाह बनाई। इसके इर्दगिर्द उसने इतना चौड़ा गढ़ा खोदा कि उसमें तक़रीबन 15 लिटर पानी समा सकता था।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

32 اَور ایلیّاہ نے اُن بَارہ پتّھروں سے یَاہوِہ کے نام کا ایک مذبح بنایا اَور اُس کے اِردگرد اُس نے اِتنی گہری نالی کھودی کہ اُس میں تقریباً گیارہ کِلو بیج سما سکتے تھے۔

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کِتابِ مُقادّس

32 اور اُس نے اُن پتّھروں سے خُداوند کے نام کا ایک مذبح بنایا اور مذبح کے اِردگِرد اُس نے اَیسی بڑی کھائی کھودی جِس میں دو پَیمانے بِیج کی سمائی تھی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

32 اِن بارہ پتھروں کو لے کر الیاس نے رب کے نام کی تعظیم میں قربان گاہ بنائی۔ اِس کے ارد گرد اُس نے اِتنا چوڑا گڑھا کھودا کہ اُس میں تقریباً 15 لٹر پانی سما سکتا تھا۔

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۱-سلاطین 18:32
11 حوالہ جات  

और जो कुछ भी आप करें ख़ाह ज़बानी हो या अमली वह ख़ुदावंद ईसा का नाम लेकर करें। हर काम में उसी के वसीले से ख़ुदा बाप का शुक्र करें।


चुनाँचे सब कुछ अल्लाह के जलाल की ख़ातिर करें, ख़ाह आप खाएँ, पिएँ या और कुछ करें।


इसके बाद वह दुबारा रामा अपने घर वापस आ जाता जहाँ मुस्तक़िल कचहरी थी। वहाँ उसने रब के लिए क़ुरबानगाह भी बनाई थी।


तब समुएल ने भेड़ का दूध पीता बच्चा चुनकर रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश किया। साथ साथ वह रब से इलतमास करता रहा। और रब ने उस की सुनी।


अगले दिन वह सुबह-सवेरे उठे और क़ुरबानगाह बनाकर उस पर भस्म होनेवाली और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाईं।


इसके बाद उसी पहाड़ी क़िले की चोटी पर रब अपने ख़ुदा के लिए सहीह क़ुरबानगाह बना दे। यसीरत के खंबे की कटी हुई लकड़ी और बैल को उस पर रखकर मुझे भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश कर।”


फिर उसने क़ुरबानगाह पर लकड़ियों का ढेर लगाया और बैल को टुकड़े टुकड़े करके लकड़ियों पर रख दिया। इसके बाद उसने हुक्म दिया, “चार घड़े पानी से भरकर क़ुरबानी और लकड़ियों पर उंडेल दें!”


वहाँ रब अब्राम पर ज़ाहिर हुआ और उससे कहा, “मैं तेरी औलाद को यह मुल्क दूँगा।” इसलिए उसने वहाँ रब की ताज़ीम में क़ुरबानगाह बनाई जहाँ वह उस पर ज़ाहिर हुआ था।


वहीं जिदौन ने रब के लिए क़ुरबानगाह बनाई और उसका नाम ‘रब सलामत है’ रखा। यह आज तक अबियज़र के ख़ानदान के शहर उफ़रा में मौजूद है।


आख़िरकार इतना पानी था कि उसने चारों तरफ़ क़ुरबानगाह से टपककर गढ़े को भर दिया।


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