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۱-سلاطین 16:15 - किताबे-मुक़द्दस

15 ज़िमरी यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 27वें साल में इसराईल का बादशाह बना। लेकिन तिरज़ा में उस की हुकूमत सिर्फ़ सात दिन तक क़ायम रही। उस वक़्त इसराईली फ़ौज फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा कर रही थी।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

15 اَور شاہِ یہُودیؔہ آساؔ کے ستّائیسویں سال میں زِمریؔ نے تِرضاؔہ میں سات دِن حُکمرانی کی۔ اُس وقت فَوج ایک فلسطینی شہر گِبّتون کے نزدیک خیمہ زن تھی۔

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کِتابِ مُقادّس

15 اور شاہِ یہُوداؔہ آسا کے ستائِیسویں برس میں زِمرؔی نے تِرضہ میں سات دِن بادشاہی کی۔ اُس وقت لوگ جِبّتُون کے مُقابِل جو فِلستِیوں کا تھا خَیمہ زن تھے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

15 زِمری یہوداہ کے بادشاہ آسا کی حکومت کے 27ویں سال میں اسرائیل کا بادشاہ بنا۔ لیکن تِرضہ میں اُس کی حکومت صرف سات دن تک قائم رہی۔ اُس وقت اسرائیلی فوج فلستی شہر جِبّتون کا محاصرہ کر رہی تھی۔

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۱-سلاطین 16:15
11 حوالہ جات  

एक दिन जब नदब इसराईली फ़ौज के साथ फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा किए हुए था तो इशकार के क़बीले के बाशा बिन अख़ियाह ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे मार डाला और ख़ुद इसराईल का बादशाह बन गया। यह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के तीसरे साल में हुआ।


इल्तक़िह, जिब्बतून, बालात,


मैंने एक बेदीन और ज़ालिम आदमी को देखा जो फलते-फूलते देवदार के दरख़्त की तरह आसमान से बातें करने लगा।


शरीर का फ़तहमंद नारा आरिज़ी और बेदीन की ख़ुशी पल-भर की साबित हुई है?


जब याहू महल के गेट में दाख़िल हुआ तो ईज़बिल चिल्लाई, “ऐ ज़िमरी जिसने अपने मालिक को क़त्ल कर दिया है, क्या सब ख़ैरियत है?”


ऐला बिन बाशा यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 26वें साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत के दो साल के दौरान उसका दारुल-हुकूमत तिरज़ा रहा।


दान के क़बीले ने भी उन्हें चार शहर उनकी चरागाहों समेत दिए यानी इल्तक़िह, जिब्बतून, ऐयालोन और जात-रिम्मोन।


यरुबियाम की बीवी तिरज़ा में अपने घर वापस चली गई। और घर के दरवाज़े में दाख़िल होते ही उसका बेटा मर गया।


जब बाशा को इसकी ख़बर मिली तो वह रामा की क़िलाबंदी करने से बाज़ आया और तिरज़ा वापस चला गया।


जब फ़ौज में ख़बर फैल गई कि ज़िमरी ने बादशाह के ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे क़त्ल किया है तो तमाम इसराईलियों ने लशकरगाह में आकर उसी दिन अपने कमाँडर उमरी को बादशाह बना दिया।


तो ज़िमरी ने अंदर जाकर उसे मार डाला। फिर वह ख़ुद तख़्त पर बैठ गया। यह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 27वें साल में हुआ।


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