20 बिन-हदद मुत्तफ़िक़ हुआ। उसने अपने फ़ौजी अफ़सरों को इसराईल के शहरों पर हमला करने के लिए भेज दिया तो उन्होंने ऐय्यून, दान, अबील-बैत-माका, तमाम किन्नरत और नफ़ताली पर क़ब्ज़ा कर लिया।
20 بِن ہددؔ نے آساؔ بادشاہ کی بات مان لی اَور اَپنے لشکر کے سرداروں کو اِسرائیل کے شہروں پر حملہ کرنے کو بھیج دیا۔ اُس نے اِسرائیل سلطنت کے شہروں کے خِلاف اَپنے فَوجی افسران بھیج دئیے جنہوں نے نفتالی صُوبہ کے علاوہ عِیونؔ، دانؔ، بیت معکہؔ کے ابیل اَور سارے کِنّریتؔ کو فتح کر لیا۔
20 اور بِن ہدد نے آسا بادشاہ کی بات مانی اور اپنے لشکر کے سرداروں کو اِسرائیلی شہروں پر چڑھائی کرنے کو بھیجا اور عیُّوؔن اور دان اور ابیل بَیت معکہ اور سارے کِنّرت اور نفتالی کے سارے مُلک کو مارا۔
20 بن ہدد متفق ہوا۔ اُس نے اپنے فوجی افسروں کو اسرائیل کے شہروں پر حملہ کرنے کے لئے بھیج دیا تو اُنہوں نے عِیون، دان، ابیل بیت معکہ، تمام کِنّرت اور نفتالی پر قبضہ کر لیا۔
फ़िक़ह के दौरे-हुकूमत में असूर के बादशाह तिग्लत-पिलेसर ने इसराईल पर हमला किया। ज़ैल के तमाम शहर उसके क़ब्ज़े में आ गए : ऐय्यून, अबील-बैत-माका, यानूह, क़ादिस और हसूर। जिलियाद और गलील के इलाक़े भी नफ़ताली के पूरे क़बायली इलाक़े समेत उस की गिरिफ़्त में आ गए। असूर का बादशाह इन तमाम जगहों में आबाद लोगों को गिरिफ़्तार करके अपने मुल्क असूर ले गया।
इसके अलावा उसने उन बादशाहों को पैग़ाम भेजे जो शिमाल में थे यानी शिमाली पहाड़ी इलाक़े में, वादीए-यरदन के उस हिस्से में जो किन्नरत यानी गलील के जुनूब में है, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में, मग़रिब में वाक़े नाफ़त-दोर में
इसके अलावा सीहोन का क़ब्ज़ा दरियाए-यरदन के पूरे मशरिक़ी किनारे पर किन्नरत यानी गलील की झील से लेकर बहीराए-मुरदार के पास शहर बैत-यसीमोत तक बल्कि उसके जुनूब में पहाड़ी सिलसिले पिसगा के दामन तक था।
जब अब्राम को पता चला कि भतीजे को गिरिफ़्तार कर लिया गया है तो उसने अपने घर में पैदा हुए तमाम जंगआज़मूदा ग़ुलामों को जमा करके दान तक दुश्मन का ताक़्क़ुब किया। उसके साथ 318 अफ़राद थे।
एक दिन शाम के बादशाह बिन-हदद ने अपनी पूरी फ़ौज को जमा किया। 32 इत्तहादी बादशाह भी अपने रथों और घोड़ों को लेकर आए। इस बड़ी फ़ौज के साथ बिन-हदद ने सामरिया का मुहासरा करके इसराईल से जंग का एलान किया।
बिन-हदद ने अख़ियब से कहा, “मैं आपको वह तमाम शहर वापस कर देता हूँ जो मेरे बाप ने आपके बाप से छीन लिए थे। आप हमारे दारुल-हुकूमत दमिश्क़ में तिजारती मराकिज़ भी क़ायम कर सकते हैं, जिस तरह मेरे बाप ने पहले सामरिया में किया था।” अख़ियब बोला, “ठीक है। इसके बदले में मैं आपको रिहा कर दूँगा।” उन्होंने मुआहदा किया, फिर अख़ियब ने शाम के बादशाह को रिहा कर दिया।