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۱-کرنتھیوں 7:19 - किताबे-मुक़द्दस

19 न ख़तना कुछ चीज़ है और न ख़तने का न होना, बल्कि अल्लाह के अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारना ही सब कुछ है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

19 ختنہ کرانا یا نہ کرانا کویٔی اہم بات نہیں ہے بَلکہ خُدا کے حُکموں پر عَمل کرنا ہی سَب کچھ ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

19 نہ خَتنہ کوئی چِیز ہے نہ نامختُونی بلکہ خُدا کے حُکموں پر چلنا ہی سب کُچھ ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

19 نہ ختنہ کچھ چیز ہے اور نہ ختنے کا نہ ہونا، بلکہ اللہ کے احکام کے مطابق زندگی گزارنا ہی سب کچھ ہے۔

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۱-کرنتھیوں 7:19
16 حوالہ جات  

ख़तना करवाने या न करवाने से कोई फ़रक़ नहीं पड़ता बल्कि फ़रक़ उस वक़्त पड़ता है जब अल्लाह किसी को नए सिरे से ख़लक़ करता है।


क्योंकि जब हम मसीह ईसा में होते हैं तो ख़तना करवाने या न करवाने से कोई फ़रक़ नहीं पड़ता। फ़रक़ सिर्फ़ उस ईमान से पड़ता है जो मुहब्बत करने से ज़ाहिर होता है।


मुबारक हैं वह जो अपने लिबास को धोते हैं। क्योंकि वह ज़िंदगी के दरख़्त के फल से खाने और दरवाज़ों के ज़रीए शहर में दाख़िल होने का हक़ रखते हैं।


जहाँ यह काम हो रहा है वहाँ लोगों में कोई फ़रक़ नहीं है, ख़ाह कोई ग़ैरयहूदी हो या यहूदी, मख़तून हो या नामख़तून, ग़ैरयूनानी हो या स्कूती, ग़ुलाम हो या आज़ाद। कोई फ़रक़ नहीं पड़ता, सिर्फ़ मसीह ही सब कुछ और सबमें है।


अब न यहूदी रहा न ग़ैरयहूदी, न ग़ुलाम रहा न आज़ाद, न मर्द रहा न औरत। मसीह ईसा में आप सबके सब एक हैं।


हक़ीक़त तो यह है कि हमारा अल्लाह को पसंद आना इस बात पर मबनी नहीं कि हम क्या खाते हैं और क्या नहीं खाते। न परहेज़ करने से हमें कोई नुक़सान पहुँचता है और न खा लेने से कोई फ़ायदा।


क्योंकि अल्लाह एक ही है जो मख़तून और नामख़तून दोनों को ईमान ही से रास्तबाज़ ठहराएगा।


तुम मेरे दोस्त हो अगर तुम वह कुछ करो जो मैं तुमको बताता हूँ।


जो इन सबसे छोटे अहकाम में से एक को भी मनसूख़ करे और लोगों को ऐसा करना सिखाए उसे आसमान की बादशाही में सबसे छोटा क़रार दिया जाएगा। इसके मुक़ाबले में जो इन अहकाम पर अमल करके इन्हें सिखाता है उसे आसमान की बादशाही में बड़ा क़रार दिया जाएगा।


लेकिन समुएल ने जवाब दिया, “रब को क्या बात ज़्यादा पसंद है, आपकी भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियाँ या यह कि आप उस की सुनते हैं? सुनना क़ुरबानी से कहीं बेहतर और ध्यान देना मेंढे की चरबी से कहीं उम्दा है।


मिसर से रवाना होनेवाले इन तमाम मर्दों का ख़तना हुआ था, लेकिन जितने लड़कों की पैदाइश रेगिस्तान में हुई थी उनका ख़तना नहीं हुआ था।


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