Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۱-کرنتھیوں 13:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 ग़रज़ ईमान, उम्मीद और मुहब्बत तीनों क़ायम रहते हैं, लेकिन इनमें अफ़ज़ल मुहब्बत है।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 غرض ایمان، اُمّید اَور مَحَبّت یہ تینوں دائمی ہیں لیکن مَحَبّت اِن میں افضل ہے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

13 غرض اِیمان اُمّید مُحبّت یہ تِینوں دائِمی ہیں مگر افضل اِن میں مُحبّت ہے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 غرض ایمان، اُمید اور محبت تینوں قائم رہتے ہیں، لیکن اِن میں افضل محبت ہے۔

باب دیکھیں کاپی




۱-کرنتھیوں 13:13
43 حوالہ جات  

सब कुछ मुहब्बत से करें।


इनके अलावा मुहब्बत भी पहन लें जो सब कुछ बाँधकर कामिलियत की तरफ़ ले जाती है।


क्योंकि जब हम मसीह ईसा में होते हैं तो ख़तना करवाने या न करवाने से कोई फ़रक़ नहीं पड़ता। फ़रक़ सिर्फ़ उस ईमान से पड़ता है जो मुहब्बत करने से ज़ाहिर होता है।


और मेरी दुआ है कि आपकी मुहब्बत में इल्मो-इरफ़ान और हर तरह की रूहानी बसीरत का यहाँ तक इज़ाफ़ा हो जाए कि वह बढ़ती बढ़ती दिल से छलक उठे।


मेरी इस हिदायत का मक़सद यह है कि मुहब्बत उभर आए, ऐसी मुहब्बत जो ख़ालिस दिल, साफ़ ज़मीर और बेरिया ईमान से पैदा होती है।


जो अपने भाई से मुहब्बत रखता है वह नूर में रहता है और उसमें कोई भी चीज़ नहीं पाई जाती जो ठोकर का बाइस बन सके।


लेकिन चूँकि हम दिन के हैं इसलिए आएँ हम होश में रहें। लाज़िम है कि हम ईमान और मुहब्बत को ज़िरा-बकतर के तौर पर और नजात की उम्मीद को ख़ोद के तौर पर पहन लें।


क्योंकि लाज़िम है कि हम सब मसीह के तख़्ते-अदालत के सामने हाज़िर हो जाएँ। वहाँ हर एक को उस काम का अज्र मिलेगा जो उसने अपने बदन में रहते हुए किया है, ख़ाह वह अच्छा था या बुरा।


लेकिन जो अल्लाह से मुहब्बत रखता है उसे अल्लाह ने जान लिया है।


क्योंकि अल्लाह चाहता था कि वह जान लें कि ग़ैरयहूदियों में यह राज़ कितना बेशक़ीमत और जलाली है। और यह राज़ है क्या? यह कि मसीह आपमें है। वही आपमें है जिसके बाइस हम अल्लाह के जलाल में शरीक होने की उम्मीद रखते हैं।


और उसके वसीले से आप अल्लाह पर ईमान रखते हैं जिसने उसे मुरदों में से ज़िंदा करके इज़्ज़तो-जलाल दिया ताकि आपका ईमान और उम्मीद अल्लाह पर हो।


जो भी अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है वह गुनाह नहीं करेगा, क्योंकि अल्लाह की फ़ितरत उसमें रहती है। वह गुनाह कर ही नहीं सकता क्योंकि वह अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है।


जो भी मसीह में यह उम्मीद रखता है वह अपने आपको पाक-साफ़ रखता है, वैसे ही जैसा मसीह ख़ुद है।


वालिदो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आपने उसे जान लिया है जो इब्तिदा ही से है। जवान मर्दो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आप मज़बूत हैं। अल्लाह का कलाम आपमें बसता है और आप इबलीस पर ग़ालिब आ गए हैं।


क्योंकि यह उम्मीद हमारी जान के लिए मज़बूत लंगर है। और यह आसमानी बैतुल-मुक़द्दस के मुक़द्दसतरीन कमरे के परदे में से गुज़रकर उसमें दाख़िल होती है।


क्योंकि जिस रूह से अल्लाह ने हमें नवाज़ा है वह हमें बुज़दिल नहीं बनाता बल्कि हमें क़ुव्वत, मुहब्बत और नज़मो-ज़ब्त दिलाता है।


लेकिन हमारी बड़ी ख़ाहिश यह है कि आपमें से हर एक इसी सरगरमी का इज़हार आख़िर तक करता रहे ताकि जिन बातों की उम्मीद आप रखते हैं वह वाक़ई पूरी हो जाएँ।


और वह सबके लिए इसलिए मुआ ताकि जो ज़िंदा हैं वह अपने लिए न जिएँ बल्कि उसके लिए जो उनकी ख़ातिर मुआ और फिर जी उठा।


मुहब्बत का दामन थामे रखें। लेकिन साथ ही रूहानी नेमतों को सरगरमी से इस्तेमाल में लाएँ, ख़ुसूसन नबुव्वत की नेमत को।


अगर उसका तामीरी काम न जला जो उसने इस बुनियाद पर किया तो उसे अज्र मिलेगा।


चुनाँचे लाज़िम है कि जो कुछ आपने इब्तिदा से सुना वह आपमें रहे। अगर वह आपमें रहे तो आप भी फ़रज़ंद और बाप में रहेंगे।


लेकिन मैंने तेरे लिए दुआ की है ताकि तेरा ईमान जाता न रहे। और जब तू मुड़कर वापस आए तो उस वक़्त अपने भाइयों को मज़बूत करना।”


आदमी ने जवाब दिया, “‘रब अपने ख़ुदा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान, अपनी पूरी ताक़त और अपने पूरे ज़हन से प्यार करना।’ और ‘अपने पड़ोसी से वैसी मुहब्बत रखना जैसी तू अपने आपसे रखता है’।”


लेकिन हम उनमें से नहीं हैं जो पीछे हटकर तबाह हो जाएंगे बल्कि हम उनमें से हैं जो ईमान रखकर नजात पाते हैं।


अब मैं बुतों की क़ुरबानी के बारे में बात करता हूँ। हम जानते हैं कि हम सब साहबे-इल्म हैं। इल्म इनसान के फूलने का बाइस बनता है जबकि मुहब्बत उस की तामीर करती है।


उम्मीद का ख़ुदा आपको ईमान रखने के बाइस हर ख़ुशी और सलामती से मामूर करे ताकि रूहुल-क़ुद्स की क़ुदरत से आपकी उम्मीद बढ़कर दिल से छलक जाए।


चुनाँचे अपने इस एतमाद को हाथ से जाने न दें क्योंकि इसका बड़ा अज्र मिलेगा।


आपका यह ईमान और मुहब्बत वह कुछ ज़ाहिर करते हैं जिसकी आप उम्मीद रखते हैं और जो आसमान पर आपके लिए महफ़ूज़ रखा गया है। और आपने यह उम्मीद उस वक़्त से रखी है जब से आपने पहली मरतबा सच्चाई का कलाम यानी अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनी।


ऐ मेरी जान, तू ग़म क्यों खा रही है, बेचैनी से क्यों तड़प रही है? अल्लाह के इंतज़ार में रह, क्योंकि मैं दुबारा उस की सताइश करूँगा जो मेरा ख़ुदा है और मेरे देखते देखते मुझे नजात देता है।


मुबारक है वह जिसका सहारा याक़ूब का ख़ुदा है, जो रब अपने ख़ुदा के इंतज़ार में रहता है।


ऐ मेरी जान, तू ग़म क्यों खा रही है, बेचैनी से क्यों तड़प रही है? अल्लाह के इंतज़ार में रह, क्योंकि मैं दुबारा उस की सताइश करूँगा जो मेरा ख़ुदा है और मेरे देखते देखते मुझे नजात देता है।


हमें अपने ख़ुदा बाप के हुज़ूर ख़ासकर आपका अमल, मेहनत-मशक़्क़त और साबितक़दमी याद आती रहती है। आप अपना ईमान कितनी अच्छी तरह अमल में लाए, आपने मुहब्बत की रूह में कितनी मेहनत-मशक़्क़त की और आपने कितनी साबितक़दमी दिखाई, ऐसी साबितक़दमी जो सिर्फ़ हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह पर उम्मीद ही दिला सकती है।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات