उस जगह को छोड़कर याहू आगे निकला। चलते चलते उस की मुलाक़ात यूनदब बिन रैकाब से हुई जो उससे मिलने आ रहा था। याहू ने सलाम करके कहा, “क्या आपका दिल मेरे बारे में मुख़लिस है जैसा कि मेरा दिल आपके बारे में है?” यूनदब ने जवाब दिया, “जी हाँ।” याहू बोला, “अगर ऐसा है, तो मेरे साथ हाथ मिलाएँ।” यूनदब ने उसके साथ हाथ मिलाया तो याहू ने उसे अपने रथ पर सवार होने दिया।
