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۱-تواریخ 19:6 - किताबे-मुक़द्दस

6 अम्मोनियों को ख़ूब मालूम था कि इस हरकत से हम दाऊद के दुश्मन बन गए हैं। इसलिए हनून और अम्मोनियों ने मसोपुतामिया, अराम-माका और ज़ोबाह को चाँदी के 34,000 किलोग्राम भेजकर किराए पर रथ और रथसवार मँगवाए।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

6 جَب عمُّونیوں کو احساس ہُوا کہ وہ داویؔد کے غُصّے کا نِشانہ بننے والے ہیں تو حنُونؔ اَور بنی عمُّون نے ارام نحرائیمؔ یعنی مسوپتامیہؔ، ارام معکہؔ اَور ضوباہؔ سے رتھ اَور رتھ بان کرائے پر منگوانے کے لیٔے چونتیس ہزار کِلوگرام چاندی بھیجی۔

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کِتابِ مُقادّس

6 جب بنی عمُّون نے دیکھا کہ وہ داؤُد کے حضُور نفرت انگیز ہو گئے ہیں تو حنُوؔن اور بنی عمُّون نے مسوپتاؔمیہ اور اراؔم معکہ اور ضوباؔہ سے رتھوں اور سواروں کو کِرایہ کرنے کے لِئے ایک ہزار قِنطار چاندی بھیجی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

6 عمونیوں کو خوب معلوم تھا کہ اِس حرکت سے ہم داؤد کے دشمن بن گئے ہیں۔ اِس لئے حنون اور عمونیوں نے مسوپتامیہ، اَرام معکہ اور ضوباہ کو چاندی کے 34,000 کلو گرام بھیج کر کرائے پر رتھ اور رتھ سوار منگوائے۔

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۱-تواریخ 19:6
21 حوالہ جات  

जब हमात के बादशाह तूई को इत्तला मिली कि दाऊद ने ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की पूरी फ़ौज पर फ़तह पाई है


जब दमिश्क़ के अरामी बाशिंदे ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की मदद करने आए तो दाऊद ने उनके 22,000 अफ़राद हलाक कर दिए।


अम्मोनियों को ख़ूब मालूम था कि इस हरकत से हम दाऊद के दुश्मन बन गए हैं। इसलिए उन्होंने किराए पर कई जगहों से फ़ौजी तलब किए। बैत-रहोब और ज़ोबाह के 20,000 अरामी प्यादा सिपाही, माका का बादशाह 1,000 फ़ौजियों समेत और मुल्के-तोब के 12,000 सिपाही उनकी मदद करने आए।


फिर याक़ूब ने शमौन और लावी से कहा, “तुमने मुझे मुसीबत में डाल दिया है। अब कनानी, फ़रिज़्ज़ी और मुल्क के बाक़ी बाशिंदों में मेरी बदनामी हुई है। मेरे साथ कम आदमी हैं। अगर दूसरे मिलकर हम पर हमला करें तो हमारे पूरे ख़ानदान का सत्यानास हो जाएगा।”


इसलिए जो यह हिदायात रद्द करता है वह इनसान को नहीं बल्कि अल्लाह को रद्द करता है जो आपको अपना मुक़द्दस रूह दे देता है।


जिसने तुम्हारी सुनी उसने मेरी भी सुनी। और जिसने तुमको रद्द किया उसने मुझे भी रद्द किया। और मुझे रद्द करनेवाले ने उसे भी रद्द किया जिसने मुझे भेजा है।”


वही दुनिया की इंतहा तक जंगें रोक देता, वही कमान को तोड़ देता, नेज़े को टुकड़े टुकड़े करता और ढाल को जला देता है।


अफ़सोस, सब सहीह राह से भटक गए, सबके सब बिगड़ गए हैं। कोई नहीं जो भलाई करता हो, एक भी नहीं।


जब अम्मोनी बादशाह के साथ जंग छिड़ गई तो उसने अम्मोनियों को शिकस्त दी। तीन साल तक उन्हें उसे सालाना ख़राज के तौर पर तक़रीबन 3,400 किलोग्राम चाँदी, 16,00,000 किलोग्राम गंदुम और 13,50,000 किलोग्राम जौ अदा करना पड़ा।


इसके अलावा अमसियाह ने इसराईल के 1,00,000 तजरबाकार फ़ौजियों को उजरत पर भरती किया ताकि वह जंग में मदद करें। उन्हें उसने चाँदी के तक़रीबन 3,400 किलोग्राम दिए।


अख़ियब और यहूसफ़त अपने शाही लिबास पहने हुए सामरिया के दरवाज़े के क़रीब अपने अपने तख़्त पर बैठे थे। यह ऐसी खुली जगह थी जहाँ अनाज गाहा जाता था। तमाम 400 नबी वहाँ उनके सामने अपनी पेशगोइयाँ पेश कर रहे थे।


इसराईल के बादशाह ने 400 नबियों को बुलाकर उनसे पूछा, “क्या हम रामात-जिलियाद पर हमला करें या मैं इस इरादे से बाज़ रहूँ?” नबियों ने जवाब दिया, “जी, करें, क्योंकि अल्लाह उसे बादशाह के हवाले कर देगा।”


अख़ियब ने यहूसफ़त से सवाल किया, “क्या आप मेरे साथ रामात-जिलियाद जाएंगे ताकि उस पर क़ब्ज़ा करें?” उसने जवाब दिया, “जी ज़रूर, हम तो भाई हैं, मेरी क़ौम को अपनी क़ौम समझें! हम आपके साथ मिलकर लड़ने के लिए निकलेंगे।


दाऊद ने शिमाली शाम के शहर ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र बिन रहोब को भी हरा दिया जब हददअज़र दरियाए-फ़ुरात पर दुबारा क़ाबू पाने के लिए निकल आया था।


अकीस ने दाऊद पर पूरा भरोसा किया, क्योंकि उसने सोचा, “अब दाऊद को हमेशा तक मेरी ख़िदमत में रहना पड़ेगा, क्योंकि ऐसी हरकतों से उस की अपनी क़ौम उससे सख़्त मुतनफ़्फ़िर हो गई है।”


जब साऊल तख़्तनशीन हुआ तो वह मुल्क के इर्दगिर्द के तमाम दुश्मनों से लड़ा। इनमें मोआब, अम्मोन, अदोम, ज़ोबाह के बादशाह और फ़िलिस्ती शामिल थे। और जहाँ भी जंग छिड़ी वहाँ उसने फ़तह पाई।


तमाम इसराईल में ख़बर फैल गई, “साऊल ने जिबिया की फ़िलिस्ती चौकी को तबाह कर दिया है, और अब इसराईल फ़िलिस्तियों की ख़ास नफ़रत का निशाना बन गया है।” साऊल ने तमाम मर्दों को फ़िलिस्तियों से लड़ने के लिए जिलजाल में बुलाया।


उन्होंने मूसा और हारून से कहा, “रब ख़ुद आपकी अदालत करे। क्योंकि आपके सबब से फ़िरौन और उसके मुलाज़िमों को हमसे घिन आती है। आपने उन्हें हमें मार देने का मौक़ा दे दिया है।”


जब दाऊद को इसकी ख़बर मिली तो उसने अपने क़ासिदों को उनसे मिलने के लिए भेजा ताकि उन्हें बताएँ, “यरीहू में उस वक़्त तक ठहरे रहें जब तक आपकी दाढ़ियाँ दुबारा बहाल न हो जाएँ।” क्योंकि वह अपनी दाढ़ियों की वजह से बड़ी शरमिंदगी महसूस कर रहे थे।


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