Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۱-تواریخ 13:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 दाऊद ने तमाम अफ़सरों से मशवरा किया। उनमें हज़ार हज़ार और सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़सर शामिल थे।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 داویؔد نے اَپنے تمام سرداروں سے جو ہزاروں اَور سینکڑوں فَوجی دستوں کی قیادت کر رہے تھے صلاح مشورہ کیا۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

1 اور داؤُد نے اُن سرداروں سے جو ہزار ہزار اور سَو سَو پر تھے یعنی ہر ایک سر لشکر سے صلاح لی۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 داؤد نے تمام افسروں سے مشورہ کیا۔ اُن میں ہزار ہزار اور سَو سَو فوجیوں پر مقرر افسر شامل تھے۔

باب دیکھیں کاپی




۱-تواریخ 13:1
12 حوالہ جات  

अगले दिन हिज़क़ियाह बादशाह सुबह-सवेरे शहर के तमाम बुज़ुर्गों को बुलाकर उनके साथ रब के घर के पास गया।


जब दाऊद सिक़लाज वापस जा रहा था तो मनस्सी के क़बीले के दर्जे-ज़ैल अफ़सर साऊल से अलग होकर उसके साथ हो लिए : अदना, यूज़बद, यदियएल, मीकाएल, यूज़बद, इलीहू और ज़िल्लती। मनस्सी में हर एक को हज़ार हज़ार फ़ौजियों पर मुक़र्रर किया गया था।


तब बादशाह यहूदाह और यरूशलम के तमाम बुज़ुर्गों को बुलाकर


इशकार के क़बीले के 200 अफ़सर अपने दस्तों के साथ थे। यह लोग वक़्त की ज़रूरत समझकर जानते थे कि इसराईल को क्या करना है।


जद के यह मर्द सब आला फ़ौजी अफ़सर बन गए। उनमें से सबसे कमज़ोर आदमी सौ आम फ़ौजियों का मुक़ाबला कर सकता था जबकि सबसे ताक़तवर आदमी हज़ार का मुक़ाबला कर सकता था।


एक बार फिर दाऊद ने इसराईल के चुनीदा आदमियों को जमा किया। 30,000 अफ़राद थे।


क़रीब के रहनेवालों ने भी इसमें उनकी मदद की। इशकार, ज़बूलून और नफ़ताली तक के लोग अपने गधों, ऊँटों, ख़च्चरों और बैलों पर खाने की चीज़ें लादकर वहाँ पहुँचे। मैदा, अंजीर और किशमिश की टिक्कियाँ, मै, तेल, बैल और भेड़-बकरियाँ बड़ी मिक़दार में हबरून लाई गईं, क्योंकि तमाम इसराईली ख़ुशी मना रहे थे।


फिर उसने इसराईल की पूरी जमात से कहा, “अगर आपको मंज़ूर हो और रब हमारे ख़ुदा की मरज़ी हो तो आएँ हम पूरे मुल्क के इसराईली भाइयों को दावत दें कि आकर हमारे साथ जमा हो जाएँ। वह इमाम और लावी भी शरीक हों जो अपने अपने शहरों और चरागाहों में बसते हैं।


एक दिन सुलेमान ने तमाम इसराईल को अपने पास बुलाया। उनमें हज़ार हज़ार और सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़सर, क़ाज़ी, तमाम बुज़ुर्ग और कुंबों के सरपरस्त शामिल थे।


जहाँ सलाह-मशवरा नहीं होता वहाँ मनसूबे नाकाम रह जाते हैं, जहाँ बहुत-से मुशीर होते हैं वहाँ कामयाबी होती है।


जिस नौकर को 5,000 सिक्के मिले थे उसने सीधा जाकर उन्हें किसी कारोबार में लगाया। इससे उसे मज़ीद 5,000 सिक्के हासिल हुए।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات