प्रकाशितवाक्य 7:3 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari3 ईश्वरस्य दासा यावद् अस्माभि र्भालेषु मुद्रयाङ्किता न भविष्यन्ति तावत् पृथिवी समुद्रो तरवश्च युष्माभि र्न हिंस्यन्तां। अध्यायं द्रष्टव्यम्अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script3 ঈশ্ৱৰস্য দাসা যাৱদ্ অস্মাভি ৰ্ভালেষু মুদ্ৰযাঙ্কিতা ন ভৱিষ্যন্তি তাৱৎ পৃথিৱী সমুদ্ৰো তৰৱশ্চ যুষ্মাভি ৰ্ন হিংস্যন্তাং| अध्यायं द्रष्टव्यम्সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script3 ঈশ্ৱরস্য দাসা যাৱদ্ অস্মাভি র্ভালেষু মুদ্রযাঙ্কিতা ন ভৱিষ্যন্তি তাৱৎ পৃথিৱী সমুদ্রো তরৱশ্চ যুষ্মাভি র্ন হিংস্যন্তাং| अध्यायं द्रष्टव्यम्သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script3 ဤၑွရသျ ဒါသာ ယာဝဒ် အသ္မာဘိ ရ္ဘာလေၐု မုဒြယာင်္ကိတာ န ဘဝိၐျန္တိ တာဝတ် ပၖထိဝီ သမုဒြော တရဝၑ္စ ယုၐ္မာဘိ ရ္န ဟိံသျန္တာံ၊ अध्यायं द्रष्टव्यम्satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script3 Izvarasya dAsA yAvad asmAbhi rbhAlESu mudrayAgkitA na bhaviSyanti tAvat pRthivI samudrO taravazca yuSmAbhi rna hiMsyantAM| अध्यायं द्रष्टव्यम्સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script3 ઈશ્વરસ્ય દાસા યાવદ્ અસ્માભિ ર્ભાલેષુ મુદ્રયાઙ્કિતા ન ભવિષ્યન્તિ તાવત્ પૃથિવી સમુદ્રો તરવશ્ચ યુષ્માભિ ર્ન હિંસ્યન્તાં| अध्यायं द्रष्टव्यम् |
अनन्तरं मया सिंहासनानि दृष्टानि तत्र ये जना उपाविशन् तेभ्यो विचारभारो ऽदीयत; अनन्तरं यीशोः साक्ष्यस्य कारणाद् ईश्वरवाक्यस्य कारणाच्च येषां शिरश्छेदनं कृतं पशोस्तदीयप्रतिमाया वा पूजा यै र्न कृता भाले करे वा कलङ्को ऽपि न धृतस्तेषाम् आत्मानो ऽपि मया दृष्टाः, ते प्राप्तजीवनास्तद्वर्षसहस्रं यावत् ख्रीष्टेन सार्द्धं राजत्वमकुर्व्वन्।