प्रकाशितवाक्य 2:26 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari26 यो जनो जयति शेषपर्य्यन्तं मम क्रियाः पालयति च तस्मा अहम् अन्यजातीयानाम् आधिपत्यं दास्यामि; अध्यायं द्रष्टव्यम्अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script26 যো জনো জযতি শেষপৰ্য্যন্তং মম ক্ৰিযাঃ পালযতি চ তস্মা অহম্ অন্যজাতীযানাম্ আধিপত্যং দাস্যামি; अध्यायं द्रष्टव्यम्সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script26 যো জনো জযতি শেষপর্য্যন্তং মম ক্রিযাঃ পালযতি চ তস্মা অহম্ অন্যজাতীযানাম্ আধিপত্যং দাস্যামি; अध्यायं द्रष्टव्यम्သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script26 ယော ဇနော ဇယတိ ၑေၐပရျျန္တံ မမ ကြိယား ပါလယတိ စ တသ္မာ အဟမ် အနျဇာတီယာနာမ် အာဓိပတျံ ဒါသျာမိ; अध्यायं द्रष्टव्यम्satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script26 yO janO jayati zESaparyyantaM mama kriyAH pAlayati ca tasmA aham anyajAtIyAnAm AdhipatyaM dAsyAmi; अध्यायं द्रष्टव्यम्સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script26 યો જનો જયતિ શેષપર્ય્યન્તં મમ ક્રિયાઃ પાલયતિ ચ તસ્મા અહમ્ અન્યજાતીયાનામ્ આધિપત્યં દાસ્યામિ; अध्यायं द्रष्टव्यम् |
अनन्तरं मया सिंहासनानि दृष्टानि तत्र ये जना उपाविशन् तेभ्यो विचारभारो ऽदीयत; अनन्तरं यीशोः साक्ष्यस्य कारणाद् ईश्वरवाक्यस्य कारणाच्च येषां शिरश्छेदनं कृतं पशोस्तदीयप्रतिमाया वा पूजा यै र्न कृता भाले करे वा कलङ्को ऽपि न धृतस्तेषाम् आत्मानो ऽपि मया दृष्टाः, ते प्राप्तजीवनास्तद्वर्षसहस्रं यावत् ख्रीष्टेन सार्द्धं राजत्वमकुर्व्वन्।