प्रेरिता 1:17 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari17 स जनोऽस्माकं मध्यवर्त्ती सन् अस्याः सेवाया अंशम् अलभत। अध्यायं द्रष्टव्यम्अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script17 স জনোঽস্মাকং মধ্যৱৰ্ত্তী সন্ অস্যাঃ সেৱাযা অংশম্ অলভত| अध्यायं द्रष्टव्यम्সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script17 স জনোঽস্মাকং মধ্যৱর্ত্তী সন্ অস্যাঃ সেৱাযা অংশম্ অলভত| अध्यायं द्रष्टव्यम्သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script17 သ ဇနော'သ္မာကံ မဓျဝရ္တ္တီ သန် အသျား သေဝါယာ အံၑမ် အလဘတ၊ अध्यायं द्रष्टव्यम्satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script17 sa janO'smAkaM madhyavarttI san asyAH sEvAyA aMzam alabhata| अध्यायं द्रष्टव्यम्સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script17 સ જનોઽસ્માકં મધ્યવર્ત્તી સન્ અસ્યાઃ સેવાયા અંશમ્ અલભત| अध्यायं द्रष्टव्यम् |
तदा हेरोद् ईश्वरस्य सम्मानं नाकरोत्; तस्माद्धेतोः परमेश्वरस्य दूतो हठात् तं प्राहरत् तेनैव स कीटैः क्षीणः सन् प्राणान् अजहात्। किन्त्वीश्वरस्य कथा देशं व्याप्य प्रबलाभवत्। ततः परं बर्णब्बाशौलौ यस्य कर्म्मणो भारं प्राप्नुतां ताभ्यां तस्मिन् सम्पादिते सति मार्कनाम्ना विख्यातो यो योहन् तं सङ्गिनं कृत्वा यिरूशालम्नगरात् प्रत्यागतौ।