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1 कुरिन्थियों 10:7 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

7 लिखितमास्ते, लोका भोक्तुं पातुञ्चोपविविशुस्ततः क्रीडितुमुत्थिता इतयनेन प्रकारेण तेषां कैश्चिद् यद्वद् देवपूजा कृता युष्माभिस्तद्वत् न क्रियतां।

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि


अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

7 লিখিতমাস্তে, লোকা ভোক্তুং পাতুঞ্চোপৱিৱিশুস্ততঃ ক্ৰীডিতুমুত্থিতা ইতযনেন প্ৰকাৰেণ তেষাং কৈশ্চিদ্ যদ্ৱদ্ দেৱপূজা কৃতা যুষ্মাভিস্তদ্ৱৎ ন ক্ৰিযতাং|

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

7 লিখিতমাস্তে, লোকা ভোক্তুং পাতুঞ্চোপৱিৱিশুস্ততঃ ক্রীডিতুমুত্থিতা ইতযনেন প্রকারেণ তেষাং কৈশ্চিদ্ যদ্ৱদ্ দেৱপূজা কৃতা যুষ্মাভিস্তদ্ৱৎ ন ক্রিযতাং|

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

7 လိခိတမာသ္တေ, လောကာ ဘောက္တုံ ပါတုဉ္စောပဝိဝိၑုသ္တတး ကြီဍိတုမုတ္ထိတာ ဣတယနေန ပြကာရေဏ တေၐာံ ကဲၑ္စိဒ် ယဒွဒ် ဒေဝပူဇာ ကၖတာ ယုၐ္မာဘိသ္တဒွတ် န ကြိယတာံ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

7 likhitamAstE, lOkA bhOktuM pAtunjcOpavivizustataH krIPitumutthitA itayanEna prakArENa tESAM kaizcid yadvad dEvapUjA kRtA yuSmAbhistadvat na kriyatAM|

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

7 લિખિતમાસ્તે, લોકા ભોક્તું પાતુઞ્ચોપવિવિશુસ્તતઃ ક્રીડિતુમુત્થિતા ઇતયનેન પ્રકારેણ તેષાં કૈશ્ચિદ્ યદ્વદ્ દેવપૂજા કૃતા યુષ્માભિસ્તદ્વત્ ન ક્રિયતાં|

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि




1 कुरिन्थियों 10:7
14 अन्तरसन्दर्भाः  

देवताप्रसादाशुचिभक्ष्यं व्यभिचारकर्म्म कण्ठसम्पीडनमारितप्राणिभक्ष्यं रक्तभक्ष्यञ्च एतानि परित्यक्तुं लिखामः।


हे प्रियभ्रातरः, देवपूजातो दूरम् अपसरत।


किन्तु भ्रातृत्वेन विख्यातः कश्चिज्जनो यदि व्यभिचारी लोभी देवपूजको निन्दको मद्यप उपद्रावी वा भवेत् तर्हि तादृशेन मानवेन सह भोजनपानेऽपि युष्माभि र्न कर्त्तव्ये इत्यधुना मया लिखितं।


ईश्वरस्य राज्येऽन्यायकारिणां लोकानामधिकारो नास्त्येतद् यूयं किं न जानीथ? मा वञ्च्यध्वं, ये व्यभिचारिणो देवार्च्चिनः पारदारिकाः स्त्रीवदाचारिणः पुंमैथुनकारिणस्तस्करा


अधिकन्तु ज्ञानं सर्व्वेषां नास्ति यतः केचिदद्यापि देवतां सम्मन्य देवप्रसादमिव तद् भक्ष्यं भुञ्जते तेन दुर्ब्बलतया तेषां स्वान्तानि मलीमसानि भवन्ति।


हे प्रियबालकाः, यूयं देवमूर्त्तिभ्यः स्वान् रक्षत। आमेन्।


अस्मान् अनुसरणं कुर्वन्तु : १.

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