यदा च युष्मन्मध्येऽवऽर्त्ते तदा ममार्थाभावे जाते युष्माकं कोऽपि मया न पीडितः; यतो मम सोऽर्थाभावो माकिदनियादेशाद् आगतै भ्रातृभि न्यवार्य्यत, इत्थमहं क्कापि विषये यथा युष्मासु भारो न भवामि तथा मयात्मरक्षा कृता कर्त्तव्या च।
फिलिप्पियों 4:10 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari ममोपकाराय युष्माकं या चिन्ता पूर्व्वम् आसीत् किन्तु कर्म्मद्वारं न प्राप्नोत् इदानीं सा पुनरफलत् इत्यस्मिन् प्रभौ मम परमाह्लादोऽजायत। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script মমোপকাৰায যুষ্মাকং যা চিন্তা পূৰ্ৱ্ৱম্ আসীৎ কিন্তু কৰ্ম্মদ্ৱাৰং ন প্ৰাপ্নোৎ ইদানীং সা পুনৰফলৎ ইত্যস্মিন্ প্ৰভৌ মম পৰমাহ্লাদোঽজাযত| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script মমোপকারায যুষ্মাকং যা চিন্তা পূর্ৱ্ৱম্ আসীৎ কিন্তু কর্ম্মদ্ৱারং ন প্রাপ্নোৎ ইদানীং সা পুনরফলৎ ইত্যস্মিন্ প্রভৌ মম পরমাহ্লাদোঽজাযত| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script မမောပကာရာယ ယုၐ္မာကံ ယာ စိန္တာ ပူရွွမ် အာသီတ် ကိန္တု ကရ္မ္မဒွါရံ န ပြာပ္နောတ် ဣဒါနီံ သာ ပုနရဖလတ် ဣတျသ္မိန် ပြဘော် မမ ပရမာဟ္လာဒေါ'ဇာယတ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script mamOpakArAya yuSmAkaM yA cintA pUrvvam AsIt kintu karmmadvAraM na prApnOt idAnIM sA punaraphalat ityasmin prabhau mama paramAhlAdO'jAyata| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script મમોપકારાય યુષ્માકં યા ચિન્તા પૂર્વ્વમ્ આસીત્ કિન્તુ કર્મ્મદ્વારં ન પ્રાપ્નોત્ ઇદાનીં સા પુનરફલત્ ઇત્યસ્મિન્ પ્રભૌ મમ પરમાહ્લાદોઽજાયત| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script mamopakArAya yuSmAkaM yA cintA pUrvvam AsIt kintu karmmadvAraM na prApnot idAnIM sA punaraphalat ityasmin prabhau mama paramAhlAdo'jAyata| |
यदा च युष्मन्मध्येऽवऽर्त्ते तदा ममार्थाभावे जाते युष्माकं कोऽपि मया न पीडितः; यतो मम सोऽर्थाभावो माकिदनियादेशाद् आगतै भ्रातृभि न्यवार्य्यत, इत्थमहं क्कापि विषये यथा युष्मासु भारो न भवामि तथा मयात्मरक्षा कृता कर्त्तव्या च।
अतो यावत् समयस्तिष्ठति तावत् सर्व्वान् प्रति विशेषतो विश्वासवेश्मवासिनः प्रत्यस्माभि र्हिताचारः कर्त्तव्यः।
पौलतीमथिनामानौ यीशुख्रीष्टस्य दासौ फिलिपिनगरस्थान् ख्रीष्टयीशोः सर्व्वान् पवित्रलोकान् समितेरध्यक्षान् परिचारकांश्च प्रति पत्रं लिखतः।
अहं निरन्तरं निजसर्व्वप्रार्थनासु युष्माकं सर्व्वेषां कृते सानन्दं प्रार्थनां कुर्व्वन्
यतो मम सेवने युष्माकं त्रुटिं पूरयितुं स प्राणान् पणीकृत्य ख्रीष्टस्य कार्य्यार्थं मृतप्रायेऽभवत्।