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मत्ती 8:32 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

तदा यीशुरवदत् यातं, अनन्तरं तौ यदा मनुजौ विहाय वराहान् आश्रितवन्तौ, तदा ते सर्व्वे वराहा उच्चस्थानात् महाजवेन धावन्तः सागरीयतोये मज्जन्तो मम्रुः।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

তদা যীশুৰৱদৎ যাতং, অনন্তৰং তৌ যদা মনুজৌ ৱিহায ৱৰাহান্ আশ্ৰিতৱন্তৌ, তদা তে সৰ্ৱ্ৱে ৱৰাহা উচ্চস্থানাৎ মহাজৱেন ধাৱন্তঃ সাগৰীযতোযে মজ্জন্তো মম্ৰুঃ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

তদা যীশুরৱদৎ যাতং, অনন্তরং তৌ যদা মনুজৌ ৱিহায ৱরাহান্ আশ্রিতৱন্তৌ, তদা তে সর্ৱ্ৱে ৱরাহা উচ্চস্থানাৎ মহাজৱেন ধাৱন্তঃ সাগরীযতোযে মজ্জন্তো মম্রুঃ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

တဒါ ယီၑုရဝဒတ် ယာတံ, အနန္တရံ တော် ယဒါ မနုဇော် ဝိဟာယ ဝရာဟာန် အာၑြိတဝန္တော်, တဒါ တေ သရွွေ ဝရာဟာ ဥစ္စသ္ထာနာတ် မဟာဇဝေန ဓာဝန္တး သာဂရီယတောယေ မဇ္ဇန္တော မမြုး၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

tadA yIzuravadat yAtaM, anantaraM tau yadA manujau vihAya varAhAn Azritavantau, tadA tE sarvvE varAhA uccasthAnAt mahAjavEna dhAvantaH sAgarIyatOyE majjantO mamruH|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

તદા યીશુરવદત્ યાતં, અનન્તરં તૌ યદા મનુજૌ વિહાય વરાહાન્ આશ્રિતવન્તૌ, તદા તે સર્વ્વે વરાહા ઉચ્ચસ્થાનાત્ મહાજવેન ધાવન્તઃ સાગરીયતોયે મજ્જન્તો મમ્રુઃ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

tadA yIzuravadat yAtaM, anantaraM tau yadA manujau vihAya varAhAn Azritavantau, tadA te sarvve varAhA uccasthAnAt mahAjavena dhAvantaH sAgarIyatoye majjanto mamruH|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मत्ती 8:32
10 अन्तरसन्दर्भाः  

ततो भूतौ तौ तस्यान्तिके विनीय कथयामासतुः, यद्यावां त्याजयसि, तर्हि वराहाणां मध्येव्रजम् आवां प्रेरय।


ततो वराहरक्षकाः पलायमाना मध्येनगरं तौ भूतग्रस्तौ प्रति यद्यद् अघटत, ताः सर्व्ववार्त्ता अवदन्।


यीशुनानुज्ञातास्तेऽपवित्रभूता बहिर्निर्याय वराहव्रजं प्राविशन् ततः सर्व्वे वराहा वस्तुतस्तु प्रायोद्विसहस्रसंङ्ख्यकाः कटकेन महाजवाद् धावन्तः सिन्धौ प्राणान् जहुः।


ततः परं भूतास्तं मानुषं विहाय वराहव्रजम् आशिश्रियुः वराहव्रजाश्च तत्क्षणात् कटकेन धावन्तो ह्रदे प्राणान् विजृहुः।


तस्मिन् यीशौ ईश्वरस्य पूर्व्वनिश्चितमन्त्रणानिरूपणानुसारेण मृत्यौ समर्पिते सति यूयं तं धृत्वा दुष्टलोकानां हस्तैः क्रुशे विधित्वाहत।


ऽन्यदेशीयलोका इस्रायेल्लोकाश्च सर्व्व एते सभायाम् अतिष्ठन्।


वर्षसहस्रे समाप्ते शयतानः स्वकारातो मोक्ष्यते।