किन्तु यीशु र्मौनीभूय तस्यौ। ततो महायाजक उक्तवान्, त्वाम् अमरेश्वरनाम्ना शपयामि, त्वमीश्वरस्य पुत्रोऽभिषिक्तो भवसि नवेति वद।
मत्ती 27:12 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari किन्तु प्रधानयाजकप्राचीनैरभियुक्तेन तेन किमपि न प्रत्यवादि। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script কিন্তু প্ৰধানযাজকপ্ৰাচীনৈৰভিযুক্তেন তেন কিমপি ন প্ৰত্যৱাদি| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script কিন্তু প্রধানযাজকপ্রাচীনৈরভিযুক্তেন তেন কিমপি ন প্রত্যৱাদি| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ကိန္တု ပြဓာနယာဇကပြာစီနဲရဘိယုက္တေန တေန ကိမပိ န ပြတျဝါဒိ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script kintu pradhAnayAjakaprAcInairabhiyuktEna tEna kimapi na pratyavAdi| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script કિન્તુ પ્રધાનયાજકપ્રાચીનૈરભિયુક્તેન તેન કિમપિ ન પ્રત્યવાદિ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script kintu pradhAnayAjakaprAcInairabhiyuktena tena kimapi na pratyavAdi| |
किन्तु यीशु र्मौनीभूय तस्यौ। ततो महायाजक उक्तवान्, त्वाम् अमरेश्वरनाम्ना शपयामि, त्वमीश्वरस्य पुत्रोऽभिषिक्तो भवसि नवेति वद।
ततः पीलातेन स उदितः, इमे त्वत्प्रतिकूलतः कति कति साक्ष्यं ददति, तत् त्वं न शृणोषि?
स शास्त्रस्येतद्वाक्यं पठितवान् यथा, समानीयत घाताय स यथा मेषशावकः। लोमच्छेदकसाक्षाच्च मेषश्च नीरवो यथा। आबध्य वदनं स्वीयं तथा स समतिष्ठत।
निन्दितो ऽपि सन् स प्रतिनिन्दां न कृतवान् दुःखं सहमानो ऽपि न भर्त्सितवान् किन्तु यथार्थविचारयितुः समीपे स्वं समर्पितवान्।