मत्ती 22:33 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari इति श्रुत्वा सर्व्वे लोकास्तस्योपदेशाद् विस्मयं गताः। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script ইতি শ্ৰুৎৱা সৰ্ৱ্ৱে লোকাস্তস্যোপদেশাদ্ ৱিস্মযং গতাঃ| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script ইতি শ্রুৎৱা সর্ৱ্ৱে লোকাস্তস্যোপদেশাদ্ ৱিস্মযং গতাঃ| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ဣတိ ၑြုတွာ သရွွေ လောကာသ္တသျောပဒေၑာဒ် ဝိသ္မယံ ဂတား၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script iti zrutvA sarvvE lOkAstasyOpadEzAd vismayaM gatAH| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script ઇતિ શ્રુત્વા સર્વ્વે લોકાસ્તસ્યોપદેશાદ્ વિસ્મયં ગતાઃ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script iti zrutvA sarvve lokAstasyopadezAd vismayaM gatAH| |
तदा यीशुरवदत् तर्हि कैसरस्य द्रव्याणि कैसराय दत्त, ईश्वरस्य द्रव्याणि तु ईश्वराय दत्त; ततस्ते विस्मयं मेनिरे।
अथ विश्रामवारे सति स भजनगृहे उपदेष्टुमारब्धवान् ततोऽनेके लोकास्तत्कथां श्रुत्वा विस्मित्य जगदुः, अस्य मनुजस्य ईदृशी आश्चर्य्यक्रिया कस्माज् जाता? तथा स्वकराभ्याम् इत्थमद्भुतं कर्म्म कर्त्ताुम् एतस्मै कथं ज्ञानं दत्तम्?
ततः सर्व्वे तस्मिन् अन्वरज्यन्त, किञ्च तस्य मुखान्निर्गताभिरनुग्रहस्य कथाभिश्चमत्कृत्य कथयामासुः किमयं यूषफः पुत्रो न?