तदनन्तरं फलसमय उपस्थिते स फलानि प्राप्तुं कृषीवलानां समीपं निजदासान् प्रेषयामास।
मत्ती 21:40 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari यदा स द्राक्षाक्षेत्रपतिरागमिष्यति, तदा तान् कृषीवलान् किं करिष्यति? अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script যদা স দ্ৰাক্ষাক্ষেত্ৰপতিৰাগমিষ্যতি, তদা তান্ কৃষীৱলান্ কিং কৰিষ্যতি? সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script যদা স দ্রাক্ষাক্ষেত্রপতিরাগমিষ্যতি, তদা তান্ কৃষীৱলান্ কিং করিষ্যতি? သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ယဒါ သ ဒြာက္ၐာက္ၐေတြပတိရာဂမိၐျတိ, တဒါ တာန် ကၖၐီဝလာန် ကိံ ကရိၐျတိ? satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script yadA sa drAkSAkSEtrapatirAgamiSyati, tadA tAn kRSIvalAn kiM kariSyati? સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script યદા સ દ્રાક્ષાક્ષેત્રપતિરાગમિષ્યતિ, તદા તાન્ કૃષીવલાન્ કિં કરિષ્યતિ? satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script yadA sa drAkSAkSetrapatirAgamiSyati, tadA tAn kRSIvalAn kiM kariSyati? |
तदनन्तरं फलसमय उपस्थिते स फलानि प्राप्तुं कृषीवलानां समीपं निजदासान् प्रेषयामास।
ततस्ते प्रत्यवदन्, तान् कलुषिणो दारुणयातनाभिराहनिष्यति, ये च समयानुक्रमात् फलानि दास्यन्ति, तादृशेषु कृषीवलेषु क्षेत्रं समर्पयिष्यति।
अनेनासौ द्राक्षाक्षेत्रपतिः किं करिष्यति? स एत्य तान् कृषीवलान् संहत्य तत्क्षेत्रम् अन्येषु कृषीवलेषु समर्पयिष्यति।
तस्मात् किं बुध्यध्वे यो जन ईश्वरस्य पुत्रम् अवजानाति येन च पवित्रीकृतो ऽभवत् तत् नियमस्य रुधिरम् अपवित्रं जानाति, अनुग्रहकरम् आत्मानम् अपमन्यते च, स कियन्महाघोरतरदण्डस्य योग्यो भविष्यति?