किन्तवहं यदीश्वरात्मना भूतान् त्याजयामि, तर्हीश्वरस्य राज्यं युष्माकं सन्निधिमागतवत्।
मत्ती 12:29 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari अन्यञ्च कोपि बलवन्त जनं प्रथमतो न बद्व्वा केन प्रकारेण तस्य गृहं प्रविश्य तद्द्रव्यादि लोठयितुं शक्नोति? किन्तु तत् कृत्वा तदीयगृस्य द्रव्यादि लोठयितुं शक्नोति। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script অন্যঞ্চ কোপি বলৱন্ত জনং প্ৰথমতো ন বদ্ৱ্ৱা কেন প্ৰকাৰেণ তস্য গৃহং প্ৰৱিশ্য তদ্দ্ৰৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি? কিন্তু তৎ কৃৎৱা তদীযগৃস্য দ্ৰৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script অন্যঞ্চ কোপি বলৱন্ত জনং প্রথমতো ন বদ্ৱ্ৱা কেন প্রকারেণ তস্য গৃহং প্রৱিশ্য তদ্দ্রৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি? কিন্তু তৎ কৃৎৱা তদীযগৃস্য দ্রৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script အနျဉ္စ ကောပိ ဗလဝန္တ ဇနံ ပြထမတော န ဗဒွွာ ကေန ပြကာရေဏ တသျ ဂၖဟံ ပြဝိၑျ တဒ္ဒြဝျာဒိ လောဌယိတုံ ၑက္နောတိ? ကိန္တု တတ် ကၖတွာ တဒီယဂၖသျ ဒြဝျာဒိ လောဌယိတုံ ၑက္နောတိ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script anyanjca kOpi balavanta janaM prathamatO na badvvA kEna prakArENa tasya gRhaM pravizya taddravyAdi lOThayituM zaknOti? kintu tat kRtvA tadIyagRsya dravyAdi lOThayituM zaknOti| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script અન્યઞ્ચ કોપિ બલવન્ત જનં પ્રથમતો ન બદ્વ્વા કેન પ્રકારેણ તસ્ય ગૃહં પ્રવિશ્ય તદ્દ્રવ્યાદિ લોઠયિતું શક્નોતિ? કિન્તુ તત્ કૃત્વા તદીયગૃસ્ય દ્રવ્યાદિ લોઠયિતું શક્નોતિ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script anyaJca kopi balavanta janaM prathamato na badvvA kena prakAreNa tasya gRhaM pravizya taddravyAdi loThayituM zaknoti? kintu tat kRtvA tadIyagRsya dravyAdi loThayituM zaknoti| |
किन्तवहं यदीश्वरात्मना भूतान् त्याजयामि, तर्हीश्वरस्य राज्यं युष्माकं सन्निधिमागतवत्।
यः कश्चित् मम स्वपक्षीयो नहि स विपक्षीय आस्ते, यश्च मया साकं न संगृह्लाति, स विकिरति।
अपरञ्च प्रबलं जनं प्रथमं न बद्धा कोपि तस्य गृहं प्रविश्य द्रव्याणि लुण्ठयितुं न शक्नोति, तं बद्व्वैव तस्य गृहस्य द्रव्याणि लुण्ठयितुं शक्नोति।
यः पापाचारं करोति स शयतानात् जातो यतः शयतान आदितः पापाचारी शयतानस्य कर्म्मणां लोपार्थमेवेश्वरस्य पुत्रः प्राकाशत।
हे बालकाः, यूयम् ईश्वरात् जातास्तान् जितवन्तश्च यतः संसाराधिष्ठानकारिणो ऽपि युष्मदधिष्ठानकारी महान्।