अपरं यूयं यत् पुरं यञ्च ग्रामं प्रविशथ, तत्र यो जनो योग्यपात्रं तमवगत्य यानकालं यावत् तत्र तिष्ठत।
मत्ती 10:12 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari यदा यूयं तद्गेहं प्रविशथ, तदा तमाशिषं वदत। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script যদা যূযং তদ্গেহং প্ৰৱিশথ, তদা তমাশিষং ৱদত| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script যদা যূযং তদ্গেহং প্রৱিশথ, তদা তমাশিষং ৱদত| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ယဒါ ယူယံ တဒ္ဂေဟံ ပြဝိၑထ, တဒါ တမာၑိၐံ ဝဒတ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script yadA yUyaM tadgEhaM pravizatha, tadA tamAziSaM vadata| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script યદા યૂયં તદ્ગેહં પ્રવિશથ, તદા તમાશિષં વદત| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script yadA yUyaM tadgehaM pravizatha, tadA tamAziSaM vadata| |
अपरं यूयं यत् पुरं यञ्च ग्रामं प्रविशथ, तत्र यो जनो योग्यपात्रं तमवगत्य यानकालं यावत् तत्र तिष्ठत।
यदि स योग्यपात्रं भवति, तर्हि तत्कल्याणं तस्मै भविष्यति, नोचेत् साशीर्युष्मभ्यमेव भविष्यति।
सर्व्वेषां प्रभु र्यो यीशुख्रीष्टस्तेन ईश्वर इस्रायेल्वंशानां निकटे सुसंवादं प्रेष्य सम्मेलनस्य यं संवादं प्राचारयत् तं संवादं यूयं श्रुतवन्तः।
अतो वयं ख्रीष्टस्य विनिमयेन दौत्यं कर्म्म सम्पादयामहे, ईश्वरश्चास्माभि र्युष्मान् यायाच्यते ततः ख्रीष्टस्य विनिमयेन वयं युष्मान् प्रार्थयामहे यूयमीश्वरेण सन्धत्त।
अचिरेण त्वां द्रक्ष्यामीति मम प्रत्याशास्ते तदावां सम्मुखीभूय परस्परं सम्भाषिष्यावहे।