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मार्क 5:33 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

ततः सा स्त्री भीता कम्पिता च सती स्वस्या रुक्प्रतिक्रिया जातेति ज्ञात्वागत्य तत्सम्मुखे पतित्वा सर्व्ववृत्तान्तं सत्यं तस्मै कथयामास।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

ততঃ সা স্ত্ৰী ভীতা কম্পিতা চ সতী স্ৱস্যা ৰুক্প্ৰতিক্ৰিযা জাতেতি জ্ঞাৎৱাগত্য তৎসম্মুখে পতিৎৱা সৰ্ৱ্ৱৱৃত্তান্তং সত্যং তস্মৈ কথযামাস|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

ততঃ সা স্ত্রী ভীতা কম্পিতা চ সতী স্ৱস্যা রুক্প্রতিক্রিযা জাতেতি জ্ঞাৎৱাগত্য তৎসম্মুখে পতিৎৱা সর্ৱ্ৱৱৃত্তান্তং সত্যং তস্মৈ কথযামাস|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

တတး သာ သ္တြီ ဘီတာ ကမ္ပိတာ စ သတီ သွသျာ ရုက္ပြတိကြိယာ ဇာတေတိ ဇ္ဉာတွာဂတျ တတ္သမ္မုခေ ပတိတွာ သရွွဝၖတ္တာန္တံ သတျံ တသ္မဲ ကထယာမာသ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

tataH sA strI bhItA kampitA ca satI svasyA rukpratikriyA jAtEti jnjAtvAgatya tatsammukhE patitvA sarvvavRttAntaM satyaM tasmai kathayAmAsa|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

તતઃ સા સ્ત્રી ભીતા કમ્પિતા ચ સતી સ્વસ્યા રુક્પ્રતિક્રિયા જાતેતિ જ્ઞાત્વાગત્ય તત્સમ્મુખે પતિત્વા સર્વ્વવૃત્તાન્તં સત્યં તસ્મૈ કથયામાસ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

tataH sA strI bhItA kampitA ca satI svasyA rukpratikriyA jAteti jJAtvAgatya tatsammukhe patitvA sarvvavRttAntaM satyaM tasmai kathayAmAsa|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मार्क 5:33
10 अन्तरसन्दर्भाः  

तस्मात्तेऽतीवभीताः परस्परं वक्तुमारेभिरे, अहो वायुः सिन्धुश्चास्य निदेशग्राहिणौ कीदृगयं मनुजः।


किन्तु केन तत् कर्म्म कृतं तद् द्रष्टुं यीशुश्चतुर्दिशो दृष्टवान्।


तदानीं यीशुस्तां गदितवान्, हे कन्ये तव प्रतीतिस्त्वाम् अरोगामकरोत् त्वं क्षेमेण व्रज स्वरोगान्मुक्ता च तिष्ठ।


तं दृष्ट्वा सिखरिय उद्विविजे शशङ्के च।


तदानीं सा तं दृष्ट्वा तस्य वाक्यत उद्विज्य कीदृशं भाषणमिदम् इति मनसा चिन्तयामास।


तदा सा नारी स्वयं न गुप्तेति विदित्वा कम्पमाना सती तस्य सम्मुखे पपात; येन निमित्तेन तं पस्पर्श स्पर्शमात्राच्च येन प्रकारेण स्वस्थाभवत् तत् सर्व्वं तस्य साक्षादाचख्यौ।