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मार्क 5:30 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

अथ स्वस्मात् शक्ति र्निर्गता यीशुरेतन्मनसा ज्ञात्वा लोकनिवहं प्रति मुखं व्यावृत्य पृष्टवान् केन मद्वस्त्रं स्पृष्टं?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

অথ স্ৱস্মাৎ শক্তি ৰ্নিৰ্গতা যীশুৰেতন্মনসা জ্ঞাৎৱা লোকনিৱহং প্ৰতি মুখং ৱ্যাৱৃত্য পৃষ্টৱান্ কেন মদ্ৱস্ত্ৰং স্পৃষ্টং?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

অথ স্ৱস্মাৎ শক্তি র্নির্গতা যীশুরেতন্মনসা জ্ঞাৎৱা লোকনিৱহং প্রতি মুখং ৱ্যাৱৃত্য পৃষ্টৱান্ কেন মদ্ৱস্ত্রং স্পৃষ্টং?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

အထ သွသ္မာတ် ၑက္တိ ရ္နိရ္ဂတာ ယီၑုရေတန္မနသာ ဇ္ဉာတွာ လောကနိဝဟံ ပြတိ မုခံ ဝျာဝၖတျ ပၖၐ္ဋဝါန် ကေန မဒွသ္တြံ သ္ပၖၐ္ဋံ?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

atha svasmAt zakti rnirgatA yIzurEtanmanasA jnjAtvA lOkanivahaM prati mukhaM vyAvRtya pRSTavAn kEna madvastraM spRSTaM?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

અથ સ્વસ્માત્ શક્તિ ર્નિર્ગતા યીશુરેતન્મનસા જ્ઞાત્વા લોકનિવહં પ્રતિ મુખં વ્યાવૃત્ય પૃષ્ટવાન્ કેન મદ્વસ્ત્રં સ્પૃષ્ટં?

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

atha svasmAt zakti rnirgatA yIzuretanmanasA jJAtvA lokanivahaM prati mukhaM vyAvRtya pRSTavAn kena madvastraM spRSTaM?

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मार्क 5:30
5 अन्तरसन्दर्भाः  

ततस्तस्य शिष्या ऊचुः भवतो वपुषि लोकाः संघर्षन्ति तद् दृष्ट्वा केन मद्वस्त्रं स्पृष्टमिति कुतः कथयति?


अपरञ्च एकदा यीशुरुपदिशति, एतर्हि गालील्यिहूदाप्रदेशयोः सर्व्वनगरेभ्यो यिरूशालमश्च कियन्तः फिरूशिलोका व्यवस्थापकाश्च समागत्य तदन्तिके समुपविविशुः, तस्मिन् काले लोकानामारोग्यकारणात् प्रभोः प्रभावः प्रचकाशे।


सर्व्वेषां स्वास्थ्यकरणप्रभावस्य प्रकाशितत्वात् सर्व्वे लोका एत्य तं स्प्रष्टुं येतिरे।


यीशुः कथयामास, केनाप्यहं स्पृष्टो, यतो मत्तः शक्ति र्निर्गतेति मया निश्चितमज्ञायि।


किन्तु यूयं येनान्धकारमध्यात् स्वकीयाश्चर्य्यदीप्तिमध्यम् आहूतास्तस्य गुणान् प्रकाशयितुम् अभिरुचितो वंशो राजकीयो याजकवर्गः पवित्रा जातिरधिकर्त्तव्याः प्रजाश्च जाताः।