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समग्रं बाइबिलम् पुरातननियमः नवीननियमः




मार्क 4:5 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

कियन्ति बीजानि स्वल्पमृत्तिकावत्पाषाणभूमौ पतितानि तानि मृदोल्पत्वात् शीघ्रमङ्कुरितानि;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

কিযন্তি বীজানি স্ৱল্পমৃত্তিকাৱৎপাষাণভূমৌ পতিতানি তানি মৃদোল্পৎৱাৎ শীঘ্ৰমঙ্কুৰিতানি;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

কিযন্তি বীজানি স্ৱল্পমৃত্তিকাৱৎপাষাণভূমৌ পতিতানি তানি মৃদোল্পৎৱাৎ শীঘ্রমঙ্কুরিতানি;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

ကိယန္တိ ဗီဇာနိ သွလ္ပမၖတ္တိကာဝတ္ပာၐာဏဘူမော် ပတိတာနိ တာနိ မၖဒေါလ္ပတွာတ် ၑီဃြမင်္ကုရိတာနိ;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

kiyanti bIjAni svalpamRttikAvatpASANabhUmau patitAni tAni mRdOlpatvAt zIghramagkuritAni;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

કિયન્તિ બીજાનિ સ્વલ્પમૃત્તિકાવત્પાષાણભૂમૌ પતિતાનિ તાનિ મૃદોલ્પત્વાત્ શીઘ્રમઙ્કુરિતાનિ;

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

kiyanti bIjAni svalpamRttikAvatpASANabhUmau patitAni tAni mRdolpatvAt zIghramaGkuritAni;

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मार्क 4:5
11 अन्तरसन्दर्भाः  

अपरं पाषाणस्थले बीजान्युप्तानि तस्यार्थ एषः; कश्चित् कथां श्रुत्वैव हर्षचित्तेन गृह्लाति,


वपनकाले कियन्ति बीजानि मार्गपाश्वे पतितानि, तत आकाशीयपक्षिण एत्य तानि चखादुः।


किन्तूदिते सूर्य्ये दग्धानि तथा मूलानो नाधोगतत्वात् शुष्काणि च।


ये कथं श्रुत्वा सानन्दं गृह्लन्ति किन्त्वबद्धमूलत्वात् स्वल्पकालमात्रं प्रतीत्य परीक्षाकाले भ्रश्यन्ति तएव पाषाणभूमिस्वरूपाः।


कतिपयानि बीजानि पाषाणस्थले पतितानि यद्यपि तान्यङ्कुरितानि तथापि रसाभावात् शुशुषुः।