मार्क 3:9 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari तदा लोकसमूहश्चेत् तस्योपरि पतति इत्याशङ्क्य स नावमेकां निकटे स्थापयितुं शिष्यानादिष्टवान्। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script তদা লোকসমূহশ্চেৎ তস্যোপৰি পততি ইত্যাশঙ্ক্য স নাৱমেকাং নিকটে স্থাপযিতুং শিষ্যানাদিষ্টৱান্| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script তদা লোকসমূহশ্চেৎ তস্যোপরি পততি ইত্যাশঙ্ক্য স নাৱমেকাং নিকটে স্থাপযিতুং শিষ্যানাদিষ্টৱান্| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တဒါ လောကသမူဟၑ္စေတ် တသျောပရိ ပတတိ ဣတျာၑင်္ကျ သ နာဝမေကာံ နိကဋေ သ္ထာပယိတုံ ၑိၐျာနာဒိၐ္ဋဝါန်၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tadA lOkasamUhazcEt tasyOpari patati ityAzagkya sa nAvamEkAM nikaTE sthApayituM ziSyAnAdiSTavAn| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તદા લોકસમૂહશ્ચેત્ તસ્યોપરિ પતતિ ઇત્યાશઙ્ક્ય સ નાવમેકાં નિકટે સ્થાપયિતું શિષ્યાનાદિષ્ટવાન્| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script tadA lokasamUhazcet tasyopari patati ityAzaGkya sa nAvamekAM nikaTe sthApayituM ziSyAnAdiSTavAn| |
अनन्तरं स समुद्रतटे पुनरुपदेष्टुं प्रारेभे, ततस्तत्र बहुजनानां समागमात् स सागरोपरि नौकामारुह्य समुपविष्टः; सर्व्वे लोकाः समुद्रकूले तस्थुः।
तदा ते लोकान् विसृज्य तमविलम्बं गृहीत्वा नौकया प्रतस्थिरे; अपरा अपि नावस्तया सह स्थिताः।
अथ स्वस्मात् शक्ति र्निर्गता यीशुरेतन्मनसा ज्ञात्वा लोकनिवहं प्रति मुखं व्यावृत्य पृष्टवान् केन मद्वस्त्रं स्पृष्टं?
अनन्तरं यीशुरेकदा गिनेषरत्ह्दस्य तीर उत्तिष्ठति, तदा लोका ईश्वरीयकथां श्रोतुं तदुपरि प्रपतिताः।
ततस्तयोर्द्वयो र्मध्ये शिमोनो नावमारुह्य तीरात् किञ्चिद्दूरं यातुं तस्मिन् विनयं कृत्वा नौकायामुपविश्य लोकान् प्रोपदिष्टवान्।
अतएव लोका आगत्य तमाक्रम्य राजानं करिष्यन्ति यीशुस्तेषाम् ईदृशं मानसं विज्ञाय पुनश्च पर्व्वतम् एकाकी गतवान्।