अपरं केनचित् त्वया सार्ध्दं विवादं कृत्वा तव परिधेयवसने जिघृतिते तस्मायुत्तरीयवसनमपि देहि।
मार्क 10:44 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari युष्माकं यो महान् भवितुमिच्छति स सर्व्वेषां किङ्करो भविष्यति। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script যুষ্মাকং যো মহান্ ভৱিতুমিচ্ছতি স সৰ্ৱ্ৱেষাং কিঙ্কৰো ভৱিষ্যতি| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script যুষ্মাকং যো মহান্ ভৱিতুমিচ্ছতি স সর্ৱ্ৱেষাং কিঙ্করো ভৱিষ্যতি| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ယုၐ္မာကံ ယော မဟာန် ဘဝိတုမိစ္ဆတိ သ သရွွေၐာံ ကိင်္ကရော ဘဝိၐျတိ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script yuSmAkaM yO mahAn bhavitumicchati sa sarvvESAM kigkarO bhaviSyati| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script યુષ્માકં યો મહાન્ ભવિતુમિચ્છતિ સ સર્વ્વેષાં કિઙ્કરો ભવિષ્યતિ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script yuSmAkaM yo mahAn bhavitumicchati sa sarvveSAM kiGkaro bhaviSyati| |
अपरं केनचित् त्वया सार्ध्दं विवादं कृत्वा तव परिधेयवसने जिघृतिते तस्मायुत्तरीयवसनमपि देहि।
किन्तु युष्माकं मध्ये न तथा भविष्यति, युष्माकं मध्ये यः प्राधान्यं वाञ्छति स युष्माकं सेवको भविष्यति,
यतो मनुष्यपुत्रः सेव्यो भवितुं नागतः सेवां कर्त्तां तथानेकेषां परित्राणस्य मूल्यरूपस्वप्राणं दातुञ्चागतः।
ततः स उपविश्य द्वादशशिष्यान् आहूय बभाषे यः कश्चित् मुख्यो भवितुमिच्छति स सर्व्वेभ्यो गौणः सर्व्वेषां सेवकश्च भवतु।