ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनम्


समग्रं बाइबिलम् पुरातननियमः नवीननियमः




मार्क 10:38 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

किन्तु यीशुः प्रत्युवाच युवामज्ञात्वेदं प्रार्थयेथे, येन कंसेनाहं पास्यामि तेन युवाभ्यां किं पातुं शक्ष्यते? यस्मिन् मज्जनेनाहं मज्जिष्ये तन्मज्जने मज्जयितुं किं युवाभ्यां शक्ष्यते? तौ प्रत्यूचतुः शक्ष्यते।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

কিন্তু যীশুঃ প্ৰত্যুৱাচ যুৱামজ্ঞাৎৱেদং প্ৰাৰ্থযেথে, যেন কংসেনাহং পাস্যামি তেন যুৱাভ্যাং কিং পাতুং শক্ষ্যতে? যস্মিন্ মজ্জনেনাহং মজ্জিষ্যে তন্মজ্জনে মজ্জযিতুং কিং যুৱাভ্যাং শক্ষ্যতে? তৌ প্ৰত্যূচতুঃ শক্ষ্যতে|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

কিন্তু যীশুঃ প্রত্যুৱাচ যুৱামজ্ঞাৎৱেদং প্রার্থযেথে, যেন কংসেনাহং পাস্যামি তেন যুৱাভ্যাং কিং পাতুং শক্ষ্যতে? যস্মিন্ মজ্জনেনাহং মজ্জিষ্যে তন্মজ্জনে মজ্জযিতুং কিং যুৱাভ্যাং শক্ষ্যতে? তৌ প্রত্যূচতুঃ শক্ষ্যতে|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

ကိန္တု ယီၑုး ပြတျုဝါစ ယုဝါမဇ္ဉာတွေဒံ ပြာရ္ထယေထေ, ယေန ကံသေနာဟံ ပါသျာမိ တေန ယုဝါဘျာံ ကိံ ပါတုံ ၑက္ၐျတေ? ယသ္မိန် မဇ္ဇနေနာဟံ မဇ္ဇိၐျေ တန္မဇ္ဇနေ မဇ္ဇယိတုံ ကိံ ယုဝါဘျာံ ၑက္ၐျတေ? တော် ပြတျူစတုး ၑက္ၐျတေ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

kintu yIzuH pratyuvAca yuvAmajnjAtvEdaM prArthayEthE, yEna kaMsEnAhaM pAsyAmi tEna yuvAbhyAM kiM pAtuM zakSyatE? yasmin majjanEnAhaM majjiSyE tanmajjanE majjayituM kiM yuvAbhyAM zakSyatE? tau pratyUcatuH zakSyatE|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

કિન્તુ યીશુઃ પ્રત્યુવાચ યુવામજ્ઞાત્વેદં પ્રાર્થયેથે, યેન કંસેનાહં પાસ્યામિ તેન યુવાભ્યાં કિં પાતું શક્ષ્યતે? યસ્મિન્ મજ્જનેનાહં મજ્જિષ્યે તન્મજ્જને મજ્જયિતું કિં યુવાભ્યાં શક્ષ્યતે? તૌ પ્રત્યૂચતુઃ શક્ષ્યતે|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

kintu yIzuH pratyuvAca yuvAmajJAtvedaM prArthayethe, yena kaMsenAhaM pAsyAmi tena yuvAbhyAM kiM pAtuM zakSyate? yasmin majjanenAhaM majjiSye tanmajjane majjayituM kiM yuvAbhyAM zakSyate? tau pratyUcatuH zakSyate|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



मार्क 10:38
14 अन्तरसन्दर्भाः  

ततः स किञ्चिद्दूरं गत्वाधोमुखः पतन् प्रार्थयाञ्चक्रे, हे मत्पितर्यदि भवितुं शक्नोति, तर्हि कंसोऽयं मत्तो दूरं यातु; किन्तु मदिच्छावत् न भवतु, त्वदिच्छावद् भवतु।


स्वीयं स्वीयं दुरितम् अङ्गीकृत्य तस्यां यर्द्दनि तेन मज्जिता बभूवुः।


अपरमुदितवान् हे पित र्हे पितः सर्व्वें त्वया साध्यं, ततो हेतोरिमं कंसं मत्तो दूरीकुरु, किन्तु तन् ममेच्छातो न तवेच्छातो भवतु।


किन्तु येन मज्जनेनाहं मग्नो भविष्यामि यावत्कालं तस्य सिद्धि र्न भविष्यति तावदहं कतिकष्टं प्राप्स्यामि।


हे पित र्यदि भवान् सम्मन्यते तर्हि कंसमेनं ममान्तिकाद् दूरय किन्तु मदिच्छानुरूपं न त्वदिच्छानुरूपं भवतु।


ततो यीशुः पितरम् अवदत्, खङ्गं कोषे स्थापय मम पिता मह्यं पातुं यं कंसम् अददात् तेनाहं किं न पास्यामि?


तत आत्मापि स्वयम् अस्माकं दुर्ब्बलतायाः सहायत्वं करोति; यतः किं प्रार्थितव्यं तद् बोद्धुं वयं न शक्नुमः, किन्त्वस्पष्टैरार्त्तरावैरात्मा स्वयम् अस्मन्निमित्तं निवेदयति।


यूयं प्रार्थयध्वे किन्तु न लभध्वे यतो हेतोः स्वसुखभोगेषु व्ययार्थं कु प्रार्थयध्वे।