किन्त्वहं युष्मान् व्याहरामि, व्यभिचारदोषे न जाते यदि कश्चिन् निजजायां परित्यजति, तर्हि स तां व्यभिचारयति; यश्च तां त्यक्तां स्त्रियं विवहति, सोपि व्यभिचरति।
मार्क 10:12 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari काचिन्नारी यदि स्वपतिं हित्वान्यपुंसा विवाहिता भवति तर्हि सापि व्यभिचारिणी भवति। अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script কাচিন্নাৰী যদি স্ৱপতিং হিৎৱান্যপুংসা ৱিৱাহিতা ভৱতি তৰ্হি সাপি ৱ্যভিচাৰিণী ভৱতি| সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script কাচিন্নারী যদি স্ৱপতিং হিৎৱান্যপুংসা ৱিৱাহিতা ভৱতি তর্হি সাপি ৱ্যভিচারিণী ভৱতি| သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script ကာစိန္နာရီ ယဒိ သွပတိံ ဟိတွာနျပုံသာ ဝိဝါဟိတာ ဘဝတိ တရှိ သာပိ ဝျဘိစာရိဏီ ဘဝတိ၊ satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script kAcinnArI yadi svapatiM hitvAnyapuMsA vivAhitA bhavati tarhi sApi vyabhicAriNI bhavati| સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script કાચિન્નારી યદિ સ્વપતિં હિત્વાન્યપુંસા વિવાહિતા ભવતિ તર્હિ સાપિ વ્યભિચારિણી ભવતિ| satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script kAcinnArI yadi svapatiM hitvAnyapuMsA vivAhitA bhavati tarhi sApi vyabhicAriNI bhavati| |
किन्त्वहं युष्मान् व्याहरामि, व्यभिचारदोषे न जाते यदि कश्चिन् निजजायां परित्यजति, तर्हि स तां व्यभिचारयति; यश्च तां त्यक्तां स्त्रियं विवहति, सोपि व्यभिचरति।
भार्य्या भर्त्तृतः पृथक् न भवतु। यदि वा पृथग्भूता स्यात् तर्हि निर्विवाहा तिष्ठतु स्वीयपतिना वा सन्दधातु भर्त्तापि भार्य्यां न त्यजतु।
तद्वत् कस्याश्चिद् योषितः पतिरविश्वासी सन्नपि यदि तया सहवासे तुष्यति तर्हि स तया न त्यज्यतां।