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समग्रं बाइबिलम् पुरातननियमः नवीननियमः




लूका 5:37 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

पुरातन्यां कुत्वां कोपि नुतनं द्राक्षारसं न निदधाति, यतो नवीनद्राक्षारसस्य तेजसा पुरातनी कुतू र्विदीर्य्यते ततो द्राक्षारसः पतति कुतूश्च नश्यति।

अध्यायं द्रष्टव्यम्

अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

পুৰাতন্যাং কুৎৱাং কোপি নুতনং দ্ৰাক্ষাৰসং ন নিদধাতি, যতো নৱীনদ্ৰাক্ষাৰসস্য তেজসা পুৰাতনী কুতূ ৰ্ৱিদীৰ্য্যতে ততো দ্ৰাক্ষাৰসঃ পততি কুতূশ্চ নশ্যতি|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

পুরাতন্যাং কুৎৱাং কোপি নুতনং দ্রাক্ষারসং ন নিদধাতি, যতো নৱীনদ্রাক্ষারসস্য তেজসা পুরাতনী কুতূ র্ৱিদীর্য্যতে ততো দ্রাক্ষারসঃ পততি কুতূশ্চ নশ্যতি|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

ပုရာတနျာံ ကုတွာံ ကောပိ နုတနံ ဒြာက္ၐာရသံ န နိဒဓာတိ, ယတော နဝီနဒြာက္ၐာရသသျ တေဇသာ ပုရာတနီ ကုတူ ရွိဒီရျျတေ တတော ဒြာက္ၐာရသး ပတတိ ကုတူၑ္စ နၑျတိ၊

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

purAtanyAM kutvAM kOpi nutanaM drAkSArasaM na nidadhAti, yatO navInadrAkSArasasya tEjasA purAtanI kutU rvidIryyatE tatO drAkSArasaH patati kutUzca nazyati|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

પુરાતન્યાં કુત્વાં કોપિ નુતનં દ્રાક્ષારસં ન નિદધાતિ, યતો નવીનદ્રાક્ષારસસ્ય તેજસા પુરાતની કુતૂ ર્વિદીર્ય્યતે તતો દ્રાક્ષારસઃ પતતિ કુતૂશ્ચ નશ્યતિ|

अध्यायं द्रष्टव्यम्

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

purAtanyAM kutvAM kopi nutanaM drAkSArasaM na nidadhAti, yato navInadrAkSArasasya tejasA purAtanI kutU rvidIryyate tato drAkSArasaH patati kutUzca nazyati|

अध्यायं द्रष्टव्यम्
अन्ये अनुवादाः



लूका 5:37
6 अन्तरसन्दर्भाः  

अन्यञ्च पुरातनकुत्वां कोपि नवानगोस्तनीरसं न निदधाति, यस्मात् तथा कृते कुतू र्विदीर्य्यते तेन गोस्तनीरसः पतति कुतूश्च नश्यति; तस्मात् नवीनायां कुत्वां नवीनो गोस्तनीरसः स्थाप्यते, तेन द्वयोरवनं भवति।


सोपरमपि दृष्टान्तं कथयाम्बभूव पुरातनवस्त्रे कोपि नुतनवस्त्रं न सीव्यति यतस्तेन सेवनेन जीर्णवस्त्रं छिद्यते, नूतनपुरातनवस्त्रयो र्मेलञ्च न भवति।


ततो हेतो र्नूतन्यां कुत्वां नवीनद्राक्षारसः निधातव्यस्तेनोभयस्य रक्षा भवति।