लूका 24:41 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari तेऽसम्भवं ज्ञात्वा सानन्दा न प्रत्ययन्। ततः स तान् पप्रच्छ, अत्र युष्माकं समीपे खाद्यं किञ्चिदस्ति? अधिकानि संस्करणानिসত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script তেঽসম্ভৱং জ্ঞাৎৱা সানন্দা ন প্ৰত্যযন্| ততঃ স তান্ পপ্ৰচ্ছ, অত্ৰ যুষ্মাকং সমীপে খাদ্যং কিঞ্চিদস্তি? সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script তেঽসম্ভৱং জ্ঞাৎৱা সানন্দা ন প্রত্যযন্| ততঃ স তান্ পপ্রচ্ছ, অত্র যুষ্মাকং সমীপে খাদ্যং কিঞ্চিদস্তি? သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script တေ'သမ္ဘဝံ ဇ္ဉာတွာ သာနန္ဒာ န ပြတျယန်၊ တတး သ တာန် ပပြစ္ဆ, အတြ ယုၐ္မာကံ သမီပေ ခါဒျံ ကိဉ္စိဒသ္တိ? satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script tE'sambhavaM jnjAtvA sAnandA na pratyayan| tataH sa tAn papraccha, atra yuSmAkaM samIpE khAdyaM kinjcidasti? સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script તેઽસમ્ભવં જ્ઞાત્વા સાનન્દા ન પ્રત્યયન્| તતઃ સ તાન્ પપ્રચ્છ, અત્ર યુષ્માકં સમીપે ખાદ્યં કિઞ્ચિદસ્તિ? satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script te'sambhavaM jJAtvA sAnandA na pratyayan| tataH sa tAn papraccha, atra yuSmAkaM samIpe khAdyaM kiJcidasti? |
तावपि गत्वान्यशिष्येभ्यस्तां कथां कथयाञ्चक्रतुः किन्तु तयोः कथामपि ते न प्रत्ययन्।
शेषत एकादशशिष्येषु भोजनोपविष्टेषु यीशुस्तेभ्यो दर्शनं ददौ तथोत्थानात् परं तद्दर्शनप्राप्तलोकानां कथायामविश्वासकरणात् तेषामविश्वासमनःकाठिन्याभ्यां हेतुभ्यां स तांस्तर्जितवान्।
तथा तेषां समीपे ये क्षुद्रमत्स्या आसन् तानप्यादाय ईश्वरगुणान् संकीर्त्य परिवेषयितुम् आदिष्टवान्।
तथा यूयमपि साम्प्रतं शोकाकुला भवथ किन्तु पुनरपि युष्मभ्यं दर्शनं दास्यामि तेन युष्माकम् अन्तःकरणानि सानन्दानि भविष्यन्ति, युष्माकं तम् आनन्दञ्च कोपि हर्त्तुं न शक्ष्यति।
तदा यीशुरपृच्छत्, हे वत्सा सन्निधौ किञ्चित् खाद्यद्रव्यम् आस्ते? तेऽवदन् किमपि नास्ति।
ततः पितरस्य स्वरं श्रुवा सा हर्षयुक्ता सती द्वारं न मोचयित्वा पितरो द्वारे तिष्ठतीति वार्त्तां वक्तुम् अभ्यन्तरं धावित्वा गतवती।